घर बैठे करें ओपन से पढ़ाई..
अगर आप जॉब कर रहे हैं या किसी कारण रेगुलर स्टडी नहीं कर पा रहे हैं, तो ओपन लर्रि्नग यूनिवर्सिटी के जरिए पढ़ाई के अपने शौक को पूरा कर सकते हैं। खास बात यह है कि ऐसी अधिकृत यूनिवर्सिटीज की डिग्री रेगुलर के बराबर ही मान्य है और इसके जरिए भी आप आसानी से जॉब या जॉब में प्रमोशन पा सकते हैं.. बाराबंकी के अमि
अगर आप जॉब कर रहे हैं या किसी कारण रेगुलर स्टडी नहीं कर पा रहे हैं, तो ओपन लर्रि्नग यूनिवर्सिटी के जरिए पढ़ाई के अपने शौक को पूरा कर सकते हैं। खास बात यह है कि ऐसी अधिकृत यूनिवर्सिटीज की डिग्री रेगुलर के बराबर ही मान्य है और इसके जरिए भी आप आसानी से जॉब या जॉब में प्रमोशन पा सकते हैं..
बाराबंकी के अमित कुमार दिल्ली के एक एनजीओ में जॉब करते हैं, लेकिन साइंस ग्रेजुएट होने के चलते लंबे अरसे से प्रमोशन के इंतजार में थे। किसी ने एडवाइस दी, तो इग्नू से पीजी कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया। जॉब के साथ-साथ थोड़ी एक्स्ट्रा मेहनत की और पोस्ट ग्रेजुएशन कंप्लीट हो गया। डिग्री मिलने के सालभर बाद कंपनी ने अमित का प्रमोशन भी कर दिया..अमित की तरह अगर आप भी जॉब के साथ पढ़ाई करना चाहते हैं, तो इग्नू सहित देश की किसी भी मान्यता प्राप्त ओपन यूनिवर्सिटी से अपेक्षाकृत कम खर्च पर अपनी पसंद का कोर्स कर सकते हैं। ओपन यूनिवर्सिटीज में कई ऐसे कोर्स हैं, जो कामकाजी युवाओं की सॉफ्ट स्किल को चमकाते हैं। मसलन, कोई सोशल वर्कर मध्य प्रदेश के भोज मुक्त विश्वविद्यालय से ह्यूमन राइट्स में सर्टिफिकेट कोर्स कर सकता है, तो कोई फिटनेस एक्सपर्ट पंडित सुंदर लाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ से हर्बल मेडिसिन में डिप्लोमा प्राप्त कर सकता है। कई यूनिवर्सिटीज ऐसी हैं, जो वीकएंड में क्लास चलाती हैं। इन कोर्सेज से आप सैलरी हाइक या प्रमोशन हासिल कर सकते हैं।
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू)
www.ignou.ac.in
देश की सबसे पुरानी ओपन यूनिवर्सिटी होने के नाते यहां की क्रेडिबिलिटी इसे लोकप्रिय बनाती है। इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी यानी इग्नू में भी ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल पर पढ़ाई के काफी अवसर उपलब्ध हैं। यहां 228 प्रोग्राम्स हैं, 21 स्कूल्स ऑफ स्टडीज, 67 रीजनल सेंटर्स, 810 टीचर्स और 574 एकेडमिक्स हैं। 2013-14 में 7,22,390 स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड हैं, जबकि ऑन रोल्स स्टूडेंट्स 30,74,377 हैं। एमसीए, एमसीएस, एमएससी ऐंड बीएससी इन फैशन मचर्ेंडाइजिंग ऐंड रिटेल मैनेजमेंट, विजुअल मचर्ेंडाइजिंग ऐंड कम्युनिकेशन डिजाइन, फुटवियर टेक्नोलॉजी, एक्सटेंशन ऐंड डेवलपमेंट स्टडीज, बीटेक इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग जैसे कोर्सेज काफी डिमांड में हैं।
दिल्ली स्कूल ऑफ ओपन लर्रि्नग
www.col.du.ac.in
कॉलेजों में हर दिन आने की आपाधापी, क्लास और हाजिरी के झंझट से मुक्ति चाहने वाले स्टूडेंट्स का फेवरेट सेंटर है दिल्ली यूनिवर्सिटी का स्कूल ऑफ ओपन लर्निग यानी एसओएल। यहां रेगुलर क्लास नहीं होती। एडमिशन के बाद स्टूडेंट्स को तुरंत ही स्टडी मैटीरियल दे दिया जाता है। इसके बाद उन्हें सीधे-सीधे एनुअल एग्जाम में बैठना होता है। एसओएल के बीए और बीकॉम प्रोग्राम में सिर्फ 40 परसेंट मार्क्स होने पर ही एडमिशन मिल जाता है। इसमें पॉलिटिकल साइंस, इंग्लिश और बीकॉम आनर्स में भी एडमिशन आसानी से मिल जाता है, लेकिन एक तय पैमाने में 12वीं क्लास में कम से कम 45 से 50 परसेंट या इससे ज्यादा मार्क्स की जरूरत पड़ती है। मास्टर्स लेवल पर हिंदी, संस्कृत, कॉमर्स और हिस्ट्री सब्जेक्ट्स हैं। इसके अलावा, मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन, ऑटोमोबाइल सर्विस ऐंड मैनेजमेंट, सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन डेवलपमेंट, वेब डिजाइन ऐंड एनिमेशन फॉर इंटरैक्टिव मीडिया जैसे कई सारे टेक्निकल कोर्सेज भी हैं, जो ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ-साथ कर सकते हैं।
राजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी
www.uprtou.ac.in
यहां से आप ग्रेजुएशन कर सकते हैं। अक्सर देखा जाता है कि स्टूडेंट्स को ग्रेजुएशन करने के बाद भी किसी ऐसे फील्ड में काम करना पड़ता है, जहां केवल एक ही सब्जेक्ट में स्पेशलाइजेशन मांगी जाती है। ऐसी जॉब्स के लिए यह कोर्स बेहद कारगर साबित हो सकता है। बीसीए, एमसीए के लिए भी यह यूनिवर्सिटी जानी जाती है।
सिम्बॉयोसिस ओपन यूनिवर्सिटी
www.scdl.net
ओपन यूनिवर्सिटी से बिजनेस मैनेजमेंट करना हो, तो यह संस्थान बेस्ट है। नॉर्मल स्टूडेंट्स को डिस्टेंस एजुकेशन कराने के अलावा कॉरपोरेट एम्प्लॉयीज के लिए भी यहां कोर्स है। यहां की सबसे अच्छी बात यह है कि इसकी वेबसाइट के जरिए आप ऑनलाइन पढ़ाई भी कर सकते हैं। ऑनलाइन ही असाइनमेंट जमा कर सकते हैं और ऑनलाइन ही एग्जाम भी दे सकते हैं। आप ऑनलाइन चैट के जरिए ही एकेडमिक या सिलेबस से जुड़ी प्रॉब्लम डिस्कस कर सकते हैं।
अन्नामलाई ओपन यूनिवर्सिटी
www.annamalaiuni1ersit4.ac.in
1929 से ही चल रही यह यूनिवर्सिटी डिस्टेंस लर्रि्नग के करीब 400 प्रोग्राम्स प्रोवाइड कराती है। 2005 से इसका एक कैंपस कनाडा के टोरंटो में भी चल रहा है। इसके अलावा, दुबई, शारजाह और मस्कट में भी इसके कैंपस हैं। यहां बीए से लेकर इंजीनियरिंग, मेडिकल, पीएचडी तकरीबन हर स्ट्रीम के कोर्सेज कराए जाते हैं।
सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी
www.smude.edu.in
यह यूनिवर्सिटी एमबीए, एमसीए, बीबीए, बीसीए के लिए जानी जाती है। कई सारे अट्रैक्शंस भी हैं, मसलन 20 फीसदी तक की स्कॉलरशिप, इएमआइ पर फीस देने का ऑप्शन आदि।
जॉब-ओरिएंटेड कोर्सेज
इग्नू में हर साल ऐसे कोर्सेज शुरू किए जा रहे हैं, जिनकी मार्केट में डिमांड है और जिन्हें पूरा करने पर स्टूडेंट्स को जॉब मिल सके। आज यूथ को सबसे ज्यादा जॉब की जरूरत है। हम कोर्स, सिलेबस और फैकल्टी को ध्यान में रख कर ही डिसीजन लेते हैं। अगर किसी वजह से किसी की पढ़ाई अधूरी रह गई, तो इससे अच्छा प्लेटफॉर्म और कोई नहीं हो सकता, जहां आपको हर तरह का कोर्स आसानी से अवेलेबल है।
मोहम्मद असलम
वाइस चांसलर, इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
अदर ऑप्शंस
-डॉ. बी आर अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी हैदराबाद, www.braou.ac.in
-कृष्णकांत हांडिक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी, गुवाहाटी, www.kkhsou.org
-नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी, पटना www.nalandaopenuni1ersit4.com
-वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी, कोटा, राजस्थान, www.1mou.ac.in
-यशवंत राव चव्हाण महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी, नासिक, महाराष्ट्र www.4cmou.digitaluni1ersit4.ac
-मध्य प्रदेश भोज ओपन यूनिवर्सिटी, भोपाल
www.bhoj1irtualuni1ersit4.com
-कर्नाटक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी, मैसूर, कर्नाटक, www.karnatakastateopenuni1ersit4.in
-नेताजी सुभाष ओपन यूनिवर्सिटी, कोलकाता
www.2bnsou.ac.in/2bnsou
-तमिलनाडु ओपन यूनिवर्सिटी, चेन्नई, तमिलनाडु, www.tnou.ac.in
ओपन के फायदे
-एजुकेशन में एडऑन का तड़का
-स्पेशलाइजेशन की ओपन क्लास
-ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए बेस्ट
-जब करनी हो मन की पढ़ाई
-उम्र की कोई सीमा नहीं
-एडमिशन आसान, फीस भी कम
-नियमों के मामले में काफी लचीला
-कोर्स की फीस भी दूसरों के मुकाबले कम
-एकेडमिक जानकारियों के लिए कोर्स बेस्ट
-वीकएंड क्लासेज की सहूलियत
-ई-क्लास और रेगुलर क्लासेज भी
-असाइनमेंट सबमिट करने की जल्दी नहीं
-ऑनलाइन एग्जाम की भी सुविधा
टेंशन फ्री पढ़ें
डिस्टेंस लर्रि्नग प्रोग्राम्स तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। इसमें एडमिशन लेने के बाद क्लासेज लेना जरूरी नहीं होता। इससे स्टूडेंट्स जॉब भी कर सकते हैं या फिर कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स की तैयारी भी। रेगुलर की तुलना में सिलेबस में ज्यादा अंतर नहीं होता और एग्जाम की टेंशन भी नहीं होती। दो साल में कोर्स पूरा न कर पाएं, तो 2 साल और होते हैं। एग्जाम पास करने के बाद मिलने वाली डिग्री भी हर जगह मान्य होती है।
प्रो. चंद्रशेखर दुबे, डायरेक्टर,
दिल्ली यूनिवर्सिटी ओपन लर्रि्नग सेंटर
मिथिलेश श्रीवास्तव