फार्माकोविजिलेंस:भरपूर है स्कोप
साइंस के स्टूडेंट्स के लिए फार्माकोविजिलेंस के फील्ड में करियर की अच्छी संभावनाएं हैं। जानिए कैसे बना सकते हैं करियर..? अगर बचपन से ही मेडिकल की पढ़ाई का सपना था, लेकिन सफलता नहीं मिली, तो निराश होने की कोई बात नही। अब आपके पास एक ऐसा ऑप्शन है, जो आपके
साइंस के स्टूडेंट्स के लिए फार्माकोविजिलेंस के फील्ड में करियर की अच्छी संभावनाएं हैं। जानिए कैसे बना सकते हैं करियर..?
अगर बचपन से ही मेडिकल की पढ़ाई का सपना था, लेकिन सफलता नहीं मिली, तो निराश होने की कोई बात नही। अब आपके पास एक ऐसा ऑप्शन है, जो आपके अधूरे सपने को पूरा कर सकता है। यूं तो विज्ञान विषय पढ़ने वाले युवाओं के लिए करियर संभावनाओं की कोई कमी नहीं है। बायोइंफॉर्मेटिक्स के बढ़ने से इस क्षेत्र में युवाओं की मांग भी बढ़ने लगी है। ऐसे में साइंस के स्टूडेंट्स के लिए उभरता हुआ करियर है फार्माकोविजिलेंस।
हालांकि, इस कोर्स को करने के बाद आप एमबीबीएस की डिग्री तो नहीं पा सकेंगे, लेकिन एक डॉक्टर का फर्ज जरूर निभा सकेंगे। दरअसल, दवाइयों से होने वाले किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट की पहचान, आकलन और बचाव के लिए फार्माकोलॉजिकल साइंस की मदद ली जाती है, ताकि दवाइयों को ज्यादा सुरक्षित और उपयोगी बनाया जा सके। फार्माकोविजिलेंस का संबंध दवाइयों की उपलब्धता, डिस्ट्रीब्यूशन, इस्तेमाल और इससे जुड़ी दूसरी समस्याओं से भी है। साथ ही, दवाइयों के इस्तेमाल से जुड़े विपरीत असर को पहचानना, उसकी पुष्टि करना, असर को मापना है, ताकि दवाइयों को ज्यादा सुरक्षित और उपयोगी बनाया जा सके। आज इस फील्ड से जुड़े लोगों के लिए भारत के साथ-साथ विदेश में भी रोजगार का भरपूर मौका है।
कौन हो सकता है सफल
यह फील्ड उन लोगों के लिए बेहतर है, जो दवाइयों के साइड इफेक्ट को पकड़ने में एक्सपर्ट हों। इसके लिए हमेशा मरीजों, चिकित्सकों, दवा विक्रेताओं आदि से संपर्क में रहना पड़ता है। इसके अलावा, उसमें लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सजग और सुरक्षित रखने की प्रबल भावना होनी चाहिए।
क्वालिफिकेशन
कम से कम 50 फीसदी अंकों के साथ केमिस्ट्री, बॉटनी, जूलोजी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, जेनेटिक्स और बायोटेक से ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट या फार्मेसी और मेडिसिन में ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट होना जरूरी है। आप सर्टिफिकेट इन फार्माकोविजिलेंस, डिप्लोमा इन फार्माकोविजिलेंस जैसे कोर्स कर सकते हैं।
कहां मिलेगी नौकरी
फार्माकोविजिलेंस से संबंधित कोर्स करने के बाद ग्लैक्सो, सन फार्मा, फाइजर, सिप्ला, निकोलस पिरामल जैसी फार्मास्युटिकल कंपनियों में नौकरी मिल सकती है। विदेशी फार्मा कंपनियों में भी इस फील्ड से जुड़े प्रोफेशनल्स की काफी डिमांड है। स्टूडेंट्स को अच्छे पैकेज पर हायर किया जाता है।
सैलरी
इस फील्ड में शुरुआत में 15 से 20 हजार रुपये प्रति माह मिलते हैं। वहीं, कुछ साल का अनुभव हासिल करने के बाद 30 से 40 हजार रुपये प्रतिमाह तक मिल सकते हैं।