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जोश ब्लॉग

जोश प्लस का तो मैं फैन हो गया हूं। मैं गैजेट लवर हूं, इसलिए टच एन गो पेज बहुत पसंद है। बीटेक में एडमिशन लेना चाहता हूं, इसलिए मिशन एडमिशन पसंद आता है। मेरा एक सजेशन है कि एंटरटेनमेंट के लिए जोक्स का पेज शुरू करें।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 16 Mar 2015 04:38 PM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2015 10:23 AM (IST)
जोश ब्लॉग

जोक्स पेज शुरू करें

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नवनीत कुमार

जोश प्लस का तो मैं फैन हो गया हूं। मैं गैजेट लवर हूं, इसलिए टच एन गो पेज बहुत पसंद है। बीटेक में एडमिशन लेना चाहता हूं, इसलिए मिशन एडमिशन पसंद आता है। मेरा एक सजेशन है कि एंटरटेनमेंट के लिए जोक्स का पेज शुरू करें।

ढेर सारी नॉलेज मिलती है

शिवांक जोशी

जोश प्लस बहुत अच्छी मैगजीन है। मैं इसे पढ़कर ही बहुत-सी आम बातें समझ सका। यही नहीं, अपने कोर्स और कोर्स से इतर की हर नॉलेज इसमें मिल जाती है। यह दो हफ्ते में एक बार आती है। कृपया इसे हर हफ्ते प्रकाशित करें। टेक्नोलॉजी से जुड़ी नॉलेज बहुत अच्छी लगती है।

इसके बिना पढ़ाई अधूरी

धीरज कुमार

जोश प्लस को मैंने जब पहली बार पढ़ा, तो मुझे यकीन ही नहींहुआ कि इतनी छोटी-सी मैगजीन में इतनी सारी नॉलेज भी हो सकती है। यकीनन यह मैगजीन हम स्टूडेंट्स के लिए काफी लाभदायक है। इसे पढ़े बिना स्टडी अधूरी-अधूरी लगती है।

मोटिवेशन की मेडिसिन

राजकिशोर चौधरी

जोश प्लस का मैं रेगुलर रीडर हूं। यह हमारा कॉन्फिडेंस बढ़ाने वाली मेडिसिन है। मेरा दावा है, एक रुपये में इससे अच्छी मैगजीन नहींमिल सकती। खास तौर पर मुझे सीईओ टॉक बहुत पसंद है। इससे बहुत मोटिवेशन मिलता है। करेंट अफेयर्स का तो जवाब ही नहीं।

वाकई दमदार मैगजीन

उत्तम कुमार

जोश प्लस वाकई दमदार मैगजीन है। मैं जब से जोश प्लस पढ़ रहा हूं, तब से मेरे अंदर आत्मविश्वास बढ़ गया है। अब मैं भी कुछ बनना चाहता हूं। मेरे मन में भी कुछ अच्छा करने का जोश पैदा हो गया है। जोश?टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद।

अपने आप में अनोखी

अभय सिंह

जोश प्लस मैं बहुत पहले से ही पढ़ता आ रहा हूं। यह अपने आप में अनोखी मैगजीन है। इसकी टक्कर की कोई और मैगजीन नहीं है। पूरी मैगजीन मैं एक बार नहीं, बल्कि कई बार पढ़ता हूं। इसका हर कॉलम यूनीक और जबर्दस्त होता है।

बेहतर शिक्षा के लिए क्या यह जरूरी है कि टीचर-स्टूडेंट अनुपात कम रखा जाए?

हर स्टूडेंट को करेक्ट और एक्यूरेट नॉलेज के साथ टीचर का फुल सपोर्ट मिलना बहुत जरूरी है। अगर रेशियो कम होगा, तो स्टूडेंट का अच्छी तरह विकास हो पाएगा। यह देश के सुनहरे भïिवष्य के लिए बहुत जरूरी है।

देवी दयाल

टीचर-स्टूडेंट रेशियो कम करने से कुछ नहीं होगा। इसकी बजाय वेल एजुकेटेड और स्मार्ट टीचर्स को रखा जाना जरूरी है। अभी तो यह हाल है कि जिसे कोई और जॉब नहीं मिलती, वह टीचर बन जाता है। यह नहीं होना चाहिए।

सुनील विजय

बिल्कुल, ज्यादा स्टूडेंट्स होने पर कई बार टीचर के लेक्चर्स सिर के ऊपर से निकल जाते हैं, लेकिन स्टूडेंट पूछ नहींपाते। एक टीचर के पास 30 से ज्यादा स्टूडेंट नहीं होने चाहिए। इससे स्टूडेंट्स को प्रॉपर अटेंशन मिल पाती है।

शिवानी शर्मा

क्लास में एक टीचर 100 से ज्यादा स्टूडेंट्स को पढ़ाता है। अक्सर पीछे बैठने वाले स्टूडेंट्स को तो कुछ समझ में नहीं आता, लेकिन वे शर्म के मारे कुछ बोल नहींपाते। ऐसे स्टूडेंट्स के बेहतर एजुकेशन के लिए रेशियो कम रखना ही ठीक होगा।

मानवेंद्र सिंह

कमेंट्स

कवर स्टोरी बहुत अच्छी लगी।

सत्यप्रकाश भारद्वाज

अर्नाल्ड का सक्सेस मंत्रा जबर्दस्त

निकिता शाही

सक्सेस मंत्रा इज माइंड ब्लोइंग

रेमी काकरिया

ईस्ट ऐंड वेस्ट जोश इज द बेस्ट

रिंबल कुकरेजा

थैंक्स यू फॉर नाइस आर्टिकल्स

रंजीत श्रीवास्तव

संपादकीय, सक्सेस मंत्रा और कवर स्टोरी इसकी जान हैं।

अंसार अहमद

4 मार्च के सक्सेस मंत्रा और कवर स्टोरी जबर्दस्त थे।

निधि चौहान

पीएमटी की तैयारी पर मैटेरियल देने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया।

मोनू सिंह

करियर के रंग स्टोरी ने करियर के तमाम रास्ते बता दिए।

मोहनी सहाय

रीडर्स फोरम

क्या एजुकेशन लोन के लिए ब्याज दर बहुत कम रखी जानी चाहिए?

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मेल करें josh@jagran.com

या डाक से भेजें

जोश प्लस, दैनिक जागरण,

डी-210-211, सेक्टर-63, नोएडा (यूपी)-201301


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