जोश ब्लॉग
जोश प्लस ने मेरे चचेरे भाई का बहुत साथ निभाया। मैंने ही उसे जोश पढऩे की सलाह दी थी। इसे पढ़कर उसके अंदर सफल होने का जुनून पैदा हुआ। आखिरकार उसे कामयाबी मिल गई। मैं भी बहुत मेहनत कर रहा हूं और जोश प्लस के मार्गदर्शन में सफल होने की
जोश ने दिलाई कामयाबी
मोहित शर्मा
जोश प्लस ने मेरे चचेरे भाई का बहुत साथ निभाया। मैंने ही उसे जोश पढऩे की सलाह दी थी। इसे पढ़कर उसके अंदर सफल होने का जुनून पैदा हुआ। आखिरकार उसे कामयाबी मिल गई। मैं भी बहुत मेहनत कर रहा हूं और जोश प्लस के मार्गदर्शन में सफल होने की पूरी उम्मीद है।
संजीवनी से भी बढ़कर
विनय यादव
मैं पिछले कई साल से जोश का नियमित पाठक रहा हूं । जोश प्लस के नाम से मैगजीन आने पर मैं इससे और जुड़ गया। इसके लगभग सभी अंक मैंने संभालकर रखे हैं। यह मेरे लिए संजीवनी से भी बढ़कर है। बस इसे फिर से हर हफ्ते प्रकाशित करें।
मैगजीन बड़े काम की
सूरज तिवारी
इस बार का जोश प्लस बहुत अच्छा लगा। जोश प्लस एक उत्तोलक मशीन है, जो छोटी होते हुए भी बहुत बड़े-बड़े जटिल काम करती है और करवाती है। मैं जोश प्लस का रेगुलर रीडर हूं। इसका हर अंक बेहतरीन लगता है, खास तौर पर कवर स्टोरी बहुत अच्छी होती है।
तैयारी आसान हो गई
लाल बाबू भारती
जोश प्लस पढऩे के बाद मेरी लाइफ और सोच काफी अच्छी हो गई है। कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स की तैयारी करना भी इसकी मदद से आसान हो गया है। मैं अपने साथियों को इसे पढऩे की सलाह देता हूं। हर बार इससे हर तरह के एग्जाम्स के लिए नए टिप्स मिलते हैं।
बहुत अच्छी सीख मिली
संतोष कुमार
जोश प्लस का नया अंक बहुत बढिय़ा था। हमें यह सीख मिली कि जिस काम में मन लगे, वही करना चाहिए। यह बात मुझे बहुत अच्छी लगी। जोश प्लस टीम को थैंक्स। आगे भी आप लोग हमें ऐसे ही अच्छी जानकारियां देते रहें और मार्गदर्शन करते रहें।
जैसा नाम, वैसा काम
धर्र्मेंद्र कुमार
जोश प्लस का हर अंक लाजवाब और ज्ञानवर्धक होता है। यह मैगजीन सबसे सस्ती और सबसे अच्छी है। जैसा नाम है, वैसा ही काम भी है। मेरे ख्याल से देश के हर स्टूडेंट को यह मैगजीन पढऩी चाहिए। जोश टीम से अनुरोध है कि आइएएस से जुड़ी विस्तृत जानकारी दें।
कमेंट्स
जब तक है जोश तब तक है होश
पंकज मिश्रा
1 रुपये में दुनिया मुट्ठी में
केशू कुमार
ईस्ट या वेस्ट जोश इज द बेस्ट
शिवम प्रियांक
अमेजिंग, स्पेशली करेंट अफेयर्स
धीरज झा
जोश प्लस एनर्जी बूस्टर है
निधि बरणवाल
1 रुपये के जोश प्लस ने मेरी लाइफ बदल दी।
शुभंकर कुमार
जोश प्लस देता है जोश, जीवन में कुछ कर दिखाने का।
ईरम जहां
मॉर्र्निंग टी से पहले जोश मिल जाए, तो मजा दोगुना हो जाता है।
मोहम्मद अफरीद
दैनिक जागरण बेस्ट अखबार है और जोश?प्लस बेस्ट मैगजीन।
प्रियेश सिंह
शैक्षिक संस्थानों की ऑनलाइन रैंकिंग कितनी जरूरी?
ऑनलाइन रैंकिंग से टॉप कॉलेजेज के बारे में पता चलता है। इससे स्टूडेंट्स को एडमिशन लेने में आसानी होती है। स्टूडेंट्स को पता चल पाता है कि कौन-सा इंस्टीट्यूट ज्यादा अच्छा है। उसी हिसाब से फ्यूचर तय होता है।
राजेश पाल
स्कूल और कॉलेज कुकुरमुत्ते की तरह गली-गली में खुल रहे हैं। ऑनलाइन रैंकिंग होने से हमारा पूरा साल बर्बाद होने से बच जाएगा। हमें कहां एडमिशन लेना है, इसकी अच्छी जांच-पड़ताल कर सकेेंगे और बेस्ट जगह एडमिशन ले पाएंगे।
अभय रघुवंशी
स्कूल और कॉलेज कुकुरमुत्ते की तरह गली-गली में खुल रहे हैं। ऑनलाइन रैंकिंग होने से हमारा पूरा साल बर्बाद होने से बच जाएगा। हमें कहां एडमिशन लेना है, इसकी अच्छी जांच-पड़ताल कर सकेेंगे और बेस्ट जगह एडमिशन ले पाएंगे।
अभय रघुवंशी
रैंकिंग अगर सही हो, तो अच्छी है। पैसे देकर या कनेक्शन से कुछ संस्थान अपनी रैंकिंग अच्छी करवा लेते हैं, लेकिन उनके यहां फैसिलिटी नहीं होती है। ऐसे में रैंकिंग अगर हो, तो पूरी तरह पारदर्शी हो, ताकि हम सही फैसले ले सकेें।
प्रिया चौहान
रीडर्स फोरम
पारंपरिक की बजाय ऑफबीट करियर ऑप्शंस के बारे में जागरूकता कितनी जरूरी?
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या डाक से भेजें
जोश प्लस, दैनिक जागरण,
डी-210-211, सेक्टर-63, नोएडा (यूपी)-201301