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इंटेलेक्चुअलिटी का हब

जेएनयू यानी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए देश भर से स्टूडेंट्स ने अप्लाई किया है। जेएनयू के क्रेज और एंट्रेंस की तैयारी पर एक्सक्लूसिव टिप्स.. दिनेश ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए ऑनर्स कंपलीट किया, लेकिन अब वह आगे की पढ़ाई दिल्ली में ही स्थित जेएनयू यानी जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से करना चाहता है। यहां के माह

By Edited By: Published: Tue, 15 Apr 2014 11:32 AM (IST)Updated: Tue, 15 Apr 2014 11:32 AM (IST)
इंटेलेक्चुअलिटी का हब

जेएनयू यानी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए देश भर से स्टूडेंट्स ने अप्लाई किया है। जेएनयू के क्रेज और एंट्रेंस की तैयारी पर एक्सक्लूसिव टिप्स..

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दिनेश ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए ऑनर्स कंपलीट किया, लेकिन अब वह आगे की पढ़ाई दिल्ली में ही स्थित जेएनयू यानी जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से करना चाहता है। यहां के माहौल से वह काफी इंप्रेस्ड है। उसका बस यही सपना है कि किसी तरह यहां एडमिशन मिल जाए।

ड्रीम यूनिवर्सिटी

दिनेश की तरह लाखों स्टूडेंट्स जेएनयू आना चाहते हैं। इसकी एक बड़ी वजह है यहां का माहौल। अरावली की पहाड़ियों पर जेएनयू कैंपस की हरियाली स्टूडेंट्स को अपनी ओर खींचती है। साथ ही, यहां जिस तरह की इंटेलेक्चुअलिटी, सीरियस एकेडमिक क्लासेज, एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज और हॉस्टल लाइफ होती है, उसे फील करने की चाहत हर स्टूडेंट में होती है। खास तौर पर यहां का पॉलिटिकल साइंस ऐंड इंटरनेशनल अफेयर्स डिपार्टमेंट अपने आप में बेजोड़ माना जाता है। दुनिया के जाने-माने प्रोफेसर्स यहां आते हैं और स्टूडेंट्स से मिलते हैं। सेमिनार, डिबेट आदि के जरिए इंटरैक्शंस भी होते रहते हैं।

न्यू कोर्सेज ऐंड सेंटर्स

डायरेक्ट एडमिशन

-पीएचडी इन ह्यूमन राइट्स स्टडीज

-पीएचडी इन एनर्जी स्टडीज

-एमफिल/पीएचडी इन वीमेन्स स्टडीज

-प्री-पीएचडी इन नैनो साइंसेज (नेट/जेआरएफ)

कैंपस में फ्री कोचिंग

जेएनयू के बीए, एमए और एमफिल कोर्सेज के लिए स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर में 2 अप्रैल से ही कोचिंग क्लासेज चल रही हैं, जो मई के पहले हफ्ते तक चलेंगी। जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के जनरल सेक्रेटरी संदीप सौरव के मुताबिक, ये कोचिंग क्लासेज बिल्कुल फ्री हैं। जेएनयू स्टूडेंट यूनियन भवन के सिक्योरिटी स्टाफ के पास एक रजिस्टर रखा गया है, जिसके जरिए आप अपना इनरोलमेंट करा सकते हैं।

कैसे करें एंट्रेंस क्लियर?

जेएनयू के तमाम कोर्सेज में बहुत लिमिटेड सीट्स हैं। इन कोर्सेज में देश?भर से स्टूडेंट्स अप्लाई करते हैं, इसलिए कॉम्पिटिशन बहुत टफ है। एक-एक अंक आपके लिए बेशकीमती हैं।

एमए, एमएससी और एमसीए

पॉलिटिकल साइंस (इंटरनेशनल रिलेशंस में स्पेशलाइजेशन), इकोनॉमिक्स (व‌र्ल्ड इकोनॉमी में स्पेशलाइजेशन), हिंदी, इंग्लिश, फॉरेन लैंग्वेजेज, हिस्ट्री, ज्योग्राफी, सोशियोलॉजी में एमए और दूसरे एमएससी और एमसीए कोर्सेज के क्वैश्चन पेपर मुख्यत: डिस्क्रिप्टिव टाइप के होते हैं। कभी-कभी सभी क्वैश्चन अनिवार्य होते हैं, तो कभी 10 या 8 में से 5 क्वैश्चन करने होते हैं। क्वैश्चंस थ्योरी बेस्ड तो होते हैं, लेकिन इन्हें करेंट अफेयर्स के कंटेक्स्ट में पूछा जाता है। क्वैश्चन पेपर कुल 100 मा‌र्क्स का होता है।

बीए (ऑनर्स)

इसके तहत चाइनीज, फ्रेंच, जर्मन, कोरियन, जापानी, अरैबिक, पर्सियन, रसियन, स्पैनिश आदि लैंग्वेजेज की स्ट्रीम हैं। 100 मा‌र्क्स का क्वैश्चन पेपर मल्टिपल च्वॉइस टाइप का होता है।

क्वैश्चन पैटर्न

पार्ट मा‌र्क्स सब्जेक्ट

ए 25 जीके

बी 25 जीके, इंग्लिश और रीजनिंग

सी 30 इंग्लिश और रीजनिंग

डी 10 इंग्लिश कॉम्प्रिहेंशन

ई 10 एसे (सोशल इश्यू)

एमफिल, पीएचडी

जेएनयू एमफिल और पीएचडी कोर्स के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। पॉपुलेशन स्टडीज, कम्युनिकेशन, ह्यूंमनिटीज मैनेजमेंट ऐंड रूरल डेवलपमेंट, अप्लायड हेल्थ साइंसेज, सोशियो- लिंग्विस्टिक्स, नैनो साइंस, लॉ ऐंड गवर्नेस जैसे कुछ अलग तरह के कोर्सेज जेएनयू को यूनीक बनाते हैं। 70 मा‌र्क्स का रिटेन पेपर और 30 मा‌र्क्स का वाइवा या इंटरव्यू होता है। रिटेन डिस्क्रिप्टिव टाइप होता है, जिसमें सब्जेक्ट की व्यापक समझ, जानकारी और एनालिसिस पावर चेक की जाती है। इसके लिए आपका केवल सब्जेक्ट का मास्टर होना ही काफी नहीं,बल्कि करेंट अफेयर्स की अच्छी जानकारी भी होनी चाहिए।

सक्सेस टिप्स

-पिछले छह महीने के करेंट अफेयर्स को नॉलेज और एनालिसिस दोनों लेवल पर पढ़ें।

-यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर पिछले साल के

क्वैश्चन पेपर दिए गए हैं। उन्हें लिमिटेड टाइम

में पूरा सॉल्व करने की प्रैक्टिस करें।

-सब्जेक्ट और करेंट अफेयर्स के टॉपिक्स पर एसे लिखकर अपने सीनियर्स या टीचर से चेक कराएं।

-फॉरेन लैंग्वेज के लिए अप्लाई कर रहे हैं, तो

उस कंट्री की डिटेल स्टडी कर लें।

-पॉलिटिक्स के पेपर में पॉलिटिकल थिंकर्स के

थॉट्स के अलावा, उनके विचार आज कितने

सार्थक हैं, इसकी एनालिसिस करें।

-भारत का दूसरे देशों खासकर अमेरिका, यूरोप,

पाकिस्तान, चीन आदि से कैसा संबंध है और

उसकी विदेश नीति किन सिद्धांतों पर आधारित है, इस पर फोकस करें।

अधिक जानकारी के लिए विजिट करें

www.jnu.ac.in

प्लेसमेंट सेल भी शुरू

जेएनयू ने ऑनलाइन एडमिशन प्रॉसेस को और भी बेहतर की है। इसने प्लेसमेंट सेल भी शुरू किया है। स्टूडेंट्स की शिकायतों को दूर करने के लिए भी बेहतर सिस्टम डेवलप किया जा रहा है। इसके अलावा, इवैल्यूएशन प्रॉसेस का रिवीजन लगातार चलता रहता है।

एस. के. सोपोरी

वाइस चांसलर, जेएनयू

स्टूडेंट का खुलकर विकास

जेएनयू की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां स्टूडेंट को यूनिवर्सिटी फंक्शनिंग में पार्टिसिपेशन का पूरा मौका मिलता है। इसके अलावा उन्हें अभिव्यक्ति की भी पूरी आजादी होती है। इसलिए यहां उनका पर्याप्त मानसिक विकास होता है।

श्यामल घोष

डायरेक्टर (एडमिशन), जेएनयू

मैंने जेएनयू में एमए इन पॉलिटिकल साइंस के लिए अप्लाइ किया है। यहां का माहौल इतना अच्छा है कि जाने का मन ही नहीं करता। यहां की हवाओं में इंटेलेक्चुअलिटी है। अभी मेरा एडमिशन नहीं हुआ है, फिर भी सुबह से लेकर शाम तक यहीं रहता हूं और लाइब्रेरी आदि में पढ़ाई करता हूं। यहां के स्टूडेंट्स को मैंने देखा है। रात-रात भर लाइब्रेरी में ही पड़े रहते हैं।

दिनेश वर्मा, बीए, दिल्ली यूनिवर्सिटी

स्टू़डेंट्स स्पीक

''जेएनयू एंट्रेंस क्लियर करने के लिए आपको फैक्ट्स से ज्यादा अपनी राइटिंग स्किल्स बेहतर करनी होगी। करेंट अफेयर्स पर सबसे ज्यादा ध्यान दें। जेएनयू हमसे क्रिएटिविटी और इनोवेशंस की उम्मीद रखता है, केवल कोरा ज्ञान नहीं।

सुलक्षणा गोस्वामी, एमए,

पॉलिटिक्स ऐंड इंटरनेशनल रिलेशंस, जेएनयू

जेएनयू लैंग्वेज कोर्सेज के लिए पूरे देश में जाना जाता है। यहां से अगर आपने लैंग्वेज कोर्स कर लिया, तो समझिए आपका करियर सिक्योर हो गया।

सोनल बर्णवाल

बीए, जर्मन लैंग्वेज, जेएनयू

साल भर रेगुलर सेमिनार, टर्म पेपर्स ऐंड सेमेस्टर एग्जाम्स होते रहते हैं। इससे हमारा इवैल्यूएशन होता रहता है। इससे एग्जाम का कोई प्रेशर नहींरहता और हम केवल बुक वर्म नहींबनते, बल्कि हमारा चहुंमुखी विकास होता है।

प्रिया कुमारी, एमए, जेएनयू

जेएनयू की सबसे अच्छी बात यह है कि यहां आप बेसिक कोर्स करते हुए भी फॉरेन लैंग्वेज कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा, अक्सर देश-विदेश के जाने-माने प्रोफेसर्स से इंटरैक्शन का मौका मिलता रहता है।

आशुतोष राय, एमए, जेएनयू

इस यूनिवर्सिटी में एडमिशन मेरा सपना था। काफी मेहनत की थी मैंने। आगे बढ़ने के लिए केवल मेहनत ही काफी नहींहै। आपको देश और समाज के प्रति विजन भी डेवलप करना होगा। यह विजन यहींडेवलप हुआ।

तेजस्वी शर्मा, बीए, जेएनयू

मिथिलेश श्रीवास्तव


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