फूड स्टाइलिस्ट आर्ट ऑफ प्रेजेंटेशन
कुलिनरी आर्ट में दिलचस्पी है, तो शेफ के अलावा फूड स्टाइलिस्ट के रूप में हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़ने का सुनहरा मौका है.. आज जमाना प्रेजेंटेशन का है। फिर चाहे बात किसी इंटरव्यू की हो, बिजनेस मीट या मार्केट में अपने प्रोडक्ट को स्थापित करने की। आपने अक्सर टीवी विज्ञापनों, रेस्टोरेंट्स और कुलिनरी मैगजीन्स में ऐसे फूड
कुलिनरी आर्ट में दिलचस्पी है, तो शेफ के अलावा फूड स्टाइलिस्ट के रूप में हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़ने का सुनहरा मौका है..
आज जमाना प्रेजेंटेशन का है। फिर चाहे बात किसी इंटरव्यू की हो, बिजनेस मीट या मार्केट में अपने प्रोडक्ट को स्थापित करने की। आपने अक्सर टीवी विज्ञापनों, रेस्टोरेंट्स और कुलिनरी मैगजीन्स में ऐसे फूड आइटम्स या डिशेज को देखा होगा, जिन्हें लेने के लिए आपका मन मचल गया होगा। यह भी एक नमूना है प्रेजेंटेशन का, जिसे फूड स्टाइलिंग कहते हैं। यह एक स्पेशलाइज्ड आर्ट है, जिसमें फूड स्टाइलिस्ट्स, फोटोग्राफर्स के साथ मिलकर फूड की खूबसूरत इमेज क्रिएट करते हैं। ऐसे में अगर आप कुलिनरी और फोटोग्राफी का शौक रखते हैं, कुछ क्रिएटिव करना चाहते हैं, तो बतौर फूड स्टाइलिस्ट करियर को नया आयाम दे सकते हैं।
क्या होती है स्टाइलिंग?
एक फूड स्टाइलिस्ट खाने के आइटम्स को कुछ इस तरह अरेंज या ऑर्गेनाइज करता है कि आपका मन तुरंत उसे टेस्ट करने या खरीदने को होने लगता है। लेकिन इसके लिए उसे काफी मेहनत करनी पड़ती है। फूड आइटम्स और डेकोरेटिव सामानों की शॉपिंग से लेकर खाना तैयार करने और फिर उसका फोटो शूट कराने की जिम्मेदारी एक फूड स्टाइलिस्ट की होती है। शूट से पहले कॉन्सेप्ट क्रिएट करना, सभी जरूरी क्रॉकरी, ग्लासवेयर, कटलरी, फूल, कैंडल, रिबन आदि इकट्ठा करने का काम भी स्टाइलिस्ट का ही होता है। कह सकते हैं कि एक फूड स्टाइलिस्ट का मकसद खाने का ऐसा इमेज क्रिएट करना होता है कि वह फ्रेश और टेस्टी नजर आए, यानी यहां प्रेजेंटेशन काफी अहम होता है क्योंकि आज कंच्यूमर पहले से कहीं ज्यादा अवेयर हो चुका है।
विजुअलाइजेशन पॉवर जरूरी
फूड स्टाइलिंग एक ऐसी फील्ड है जिसमें किसी फॉर्मल क्वालिफिकेशन की जरूरत नहीं है। लेकिन आपके पास फूड की नॉलेज के साथ-साथ क्राफ्टवर्क और विजुअलाइजेशन पॉवर होना चाहिए, ताकि किसी भी डिश को इनोवेटिव स्टाइल से प्रेजेंट या पेश कर सकें। अगर उन्हें फोटोग्राफी आती है, तो और भी बेहतर। क्योंकि खाना देखने में भले ही कैसा क्यों न लगे, एक फोटोग्राफर ही उसकी खूबसूरती को बेहतर ढंग से हाइलाइट कर सकता है, जिससे कि उसे देखते ही मुंह में पानी आ जाए। ऐसे में जिनके पास भी एस्थेटिक सेंस, क्रिएटिव आइडियाज, टेक्निकल नॉलेज, पेशंस और नेटवर्किंग स्किल है, इंडस्ट्री की लेटेस्ट जानकारी रखते हैं, वे सक्सेसफुल फूड स्टाइलिस्ट बन सकते हैं।
लर्निंग विद एक्सपीरियंस
प्राइवेट सेक्टर के कुछेक इंस्टीट्यूट्स को छोड़ दें, तो इंडिया में फूड स्टाइलिंग का कोई कोर्स नहीं है। हां, जो लोग इसमें करियर बनाना चाहते हैं, उन्हें कुलिनरी आर्ट में बेसिक ट्रेनिंग लेनी होगी। इससे उन्हें यह तकनीकी जानकारी मिल जाएगी कि अलग-अलग फूड आइटम्स, इंग्रीडिएंट्स एक-दूसरे पर कैसा प्रभाव डालते हैं। इसके अलावा होटल मैनेजमेंट में डिग्री रखने वाले भी फूड स्टाइलिस्ट के तौर पर अपना फ्यूचर बना सकते हैं। आप चाहें, तो विदेश के किसी इंस्टीट्यूट से इससे रिलेटेड कोर्स कर सकते हैं।
जॉब अपॉच्र्युनिटीज बढ़ीं
अब से कुछ साल पहले तक फूड स्टाइलिंग ऐड फिल्म्स, प्रिंट ऐड या फूड पैकेजिंग तक ही सीमित था। लेकिन आज फूड और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की ग्रोथ के साथ संभावनाएं बढ़ी हैं। इन दिनों कुकबुक्स, मैगजीन्स, एडवरटाइजिंग एजेंसीज, फिल्म प्रोडक्शन हाउसेज, पब्लिशिंग हाउसेज, होटल्स और रेस्टोरेंट्स, डिजाइन हाउसेज के अलावा फूड बेस्ड रिएलिटी शोज में फूड स्टाइलिस्ट की डिमांड देखी जा रही है। इसके अलावा एक फ्रीलांसर के तौर पर भी करियर की शुरुआत की जा सकती है। अगर आपका काम अच्छा होगा, तो कमाई भी बेहतर होगी।
प्रोफेशन के चैलेंजेज
एक फूड स्टाइलिस्ट का जॉब काफी चैलेंजिंग होता है क्योंकि कुछ समय के बाद खाना खराब होने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि उसका फोटोग्राफर के साथ सही कोऑर्डिनेशन हो। कई बार आखिरी क्षणों में क्लाइंट की डिमांड चेंज हो सकती है। इसलिए स्टाइलिस्ट को कभी अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए।
इंटरैक्शन : अंशु सिंह