स्किल बढ़ाकर उठाएं अवसरों का लाभ...
भारत ने अपनी मजबूती और टैलेंट से पिछले कुछ समय में पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। सबसे शक्तिशाली देश माने जाने वाले अमेरिका के राष्टï्रपति बराक ओबामा का गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करना और वल्र्ड बैंक सहित अंतरराष्टï्रीय मुद्रा कोष द्वारा भी भारत की
भारत ने अपनी मजबूती और टैलेंट से पिछले कुछ समय में पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। सबसे शक्तिशाली देश माने जाने वाले अमेरिका के राष्टï्रपति बराक ओबामा का गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करना और वल्र्ड बैंक सहित अंतरराष्टï्रीय मुद्रा कोष द्वारा भी भारत की तारीफ में कसीदे पढऩा यही साबित करता है कि दुनिया के तमाम देशों की अर्थव्यवस्था जहां नाजुक दौर से गुजर रही है, वहीं भारत से हर किसी को उम्मीदें नजर आ रही हैं। विश्व की सबसे युवा शक्ति और अपार प्रतिभा वाले देश के रूप में भारत लगातार खुद को आगे बढ़ा रहा है। 'मेक इन इंडिया' की उत्साहवर्धक शुरुआत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजनरी लीडरशिप में देश ने अब 'डिजिटल इंडिया' की तरफ भी तेजी से कदम बढ़ा दिए हैं। शहरों से लेकर गांवों तक को डिजिटल बनाने के लिए लक्ष्य तय करके प्रयास किए जा रहे हैं। डिजिटल इंडिया और साइबर सिक्युरिटी में सहयोग के लिए ओबामा की यात्रा से ठीक पहले अमेरिका से भी करार हुआ। 34,000 करोड़ रुपये के सालाना एलोकेशन वाली देश की सबसे बड़ी सोशल वेलफेयर स्कीम 'मनरेगा' (महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी स्कीम) को भी केंद्र सरकार डिजिटल सपोर्ट देने जा रही है। इसकी मॉनिटरिंग के लिए ग्राम पंचायतों को टैबलेट देने का प्रस्ताव है। ई-कॉमर्स, ई-बैंकिंग, ई-टिकटिंग से लेकर एजुकेशन और हेल्थकेयर तक और पुलिस से लेकर कोर्ट तक हर सेक्टर-डिपार्टमेंट को डिजिटल बनाने के पुरजोर प्रयास भी आरंभ हो गए हैं। इन सभी सेक्टर्स में टेक-सेवी लोगों की तो जरूरत लगातार बढ़ेगी ही, इन्हें डिजिटली डेवलप करने के लिए डिजाइनर्स, डेवलपर्स, प्रोग्रामर्स और डिजिटल सॉल्यूशन-मार्केटिंग के एक्सपट्र्स की भी डिमांड होगी।
भारी संख्या में सामने आ रहे अवसरों का लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि हमारे युवा बदलते वक्त की जरूरतों को समझते हुए अपने को काबिल बनाने की भरपूर कोशिश करें। अपने आत्मविश्वास को जगाते हुए अपनी प्रतिभा को समझें और उसे उपयुक्त प्लेटफॉर्म के जरिए तकनीकी रूप से तराशें। ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिकल नॉलेज हासिल करें। विनम्र रहें और हर समय सीखने को तत्पर भी। पढ़ाई करने के साथ अपनी पसंद के क्षेत्र में तकनीकी कौशल सीखें और उसे लगातार तराशते-अपडेट करते रहें। थोड़ी दिक्कत आए, तो भी हताश न हों। हौसले के साथ जानने-सीखने का जज्बा बनाए रखें। शुरुआती प्रयासों में कामयाबी न मिले, तो भी घबराएं नहीं। उन कमियों-कमजोरियों को ढूंढ़ें, जिनकी वजह से असफलता मिली। उन्हें दूर करें और फिर आगे बढ़ें। असफलता से सबक लेते हुए उसे अपनी ताकत बना लें। खुद को स्किल्ड और इनोवेटिव बनाकर निश्चित रूप से आप अपनी पसंद के क्षेत्र में अलग पहचान बनाने के साथ-साथ युवा देश के रूप में भारत को महाशक्ति बनाने में भी सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं...।
संपादक
दिलीप अवस्थी