Move to Jagran APP

SOLID STRATEGY से आसान करें आइएएस की राह

मैं मैथ और कंप्यूटर साइंस सब्जेक्ट के साथ 12वीं (कॉमर्स) की स्टूडेंट हूं। आइआइटी में जाना चाहती हूं। प्लीज मुझे गाइड करें। मैं सेल्फ स्टडी के साथ इस एग्जाम की तैयारी कैसे करूं और इस एग्जाम के लिए कैसे अप्लाई कर सकती हूं?

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 12:52 PM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 12:56 PM (IST)
SOLID STRATEGY  से आसान करें आइएएस की राह

मैं मैथ और कंप्यूटर साइंस सब्जेक्ट के साथ 12वीं (कॉमर्स) की स्टूडेंट हूं। आइआइटी में जाना चाहती हूं। प्लीज मुझे गाइड करें। मैं सेल्फ स्टडी के साथ इस एग्जाम की तैयारी कैसे करूं और इस एग्जाम के लिए कैसे अप्लाई कर सकती हूं?

loksabha election banner

श्वेता सिंह

आइआइटी में एडमिशन पाने के लिए पहले जेइइ मेन्स में अपीयर होना होता है, जिसे सीबीएसइ आर्गनाइज करती है। सीबीएसइ द्वारा 2015 के एग्जाम के लिए नोटिस जारी किया जा चुका है। आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों में से किसी भी माध्यम से अप्लाई कर सकती हैं। मेन्स एग्जाम क्लियर करने के बाद आइआइटी के लिए जेइइ एडवांस में अपीयर होना होता है। जहां तक सेल्फ स्टडी के जरिए इस एग्जाम की तैयारी करने की बात है, तो आप ऐसा बिल्कुल कर सकती हैं। हां, इसके लिए आपको ठोस स्ट्रेटेजी बनाकर आगे बढऩा होगा। सबसे पहले तो आप अपने सब्जेक्ट्स पर कमांड हासिल करें। साथ ही, जहां एप्लीकेशन लागू हो, उसे अलग-अलग तरीके से अप्लाई करके कॉन्सेप्ट्स को अच्छी तरह से समझें। साथ ही, आप जेइइ मेन्स और जेइइ एडवांस के पिछले तीन साल के क्वैश्चन पेपर्स की अच्छी तरह स्टडी करते हुए प्रश्नों के पैटर्न को समझें। इसके साथ-साथ मॉक पेपर्स को नियमित रूप से सॉल्व करने की प्रैक्टिस करें। जिस सेक्शन में खुद को कमजोर पा रही हों, उसमें रेगुलर प्रैक्टिस से खुद को परफेक्ट बनाने का प्रयास करें। कॉन्फडेंस लेवल हाई रखें। अगर आप मेहनत और पूरे मन से कोशिश करेंगी, तो इस एग्जाम में सफलता पाना मुश्किल नहीं होगा।

मैं संस्कृत विषय में शास्त्री हूं। आइएएस बनना चाहता हूं। घर की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है। इसलिए मैं कुछ काम करते हुए अपनी मंजिल पाना चाहता हूं। क्या यह संभव है? कृपया मेरा मार्गदर्शन करें।

कमलेश

अगर आपने इस बारे में अपनी क्षमता और योग्यता का अच्छी तरह से आकलन कर लिया है कि आप आइएएस का एग्जाम क्लियर कर सकते हैं, तो आपको इस रास्ते पर अवश्य आगे बढऩा चाहिए। जहां तक घर की आर्थिक स्थिति को संभालते हुए तैयारी करने की बात है, तो आप यह भी कर सकते हैं। बस, अपनी योग्यता को बढ़ाते रहें और पेशेंस के साथ आगे बढ़े। आप सामान्य अध्ययन और संस्कृत पर अच्छी कमांड बनाने के साथ पार्टटाइम में किसी कोचिंग संस्थान के साथ जुड़कर दो-तीन घंटे वहां दे सकते हैं। इससे आपको इनकम तो होगी ही, साथ ही आपकी तैयारी का रिवीजन भी होता रहेगा। कोचिंग से नहीं जुड़ पाते, तो घर पर ही बच्चों को ट्यूशन देना आरंभ करें। मेहनत से पढ़ाएंगे, तो माउथ पब्लिसिटी से आपकी पॉपुलरिटी बढ़ेगी और ज्यादा बच्चे आपके पास आएंगे। हां, इतना जरूर ध्यान रखें कि पैसे कमाने के लोभ में आकर अपने लक्ष्य पर से नजर न हटने दें। सिविल सर्विसेज के प्रिलिम्स और मेन्स एग्जाम की तैयारी सही दिशा में रेगुलर करते रहें।

मैं अभी 10वीं क्लास का स्टूडेंट हूं। भविष्य में मैं आइएएस बनना चाहता हूं, लेकिन मेरे दोस्तों का सुझाव है कि पहले मुझे आइआइटी अटेंड करना चाहिए। प्लीज बताएं कि मेरे लिए क्या बेहतर हो सकता है?

अमित

सबसे पहले तो आप खुद को अच्छी तरह एनालाइज करें। आप देखें कि आपकी क्षमता और स्किल किस तरह की है? आपका इंट्रेस्ट किस दिशा में है? आप अपने को ऐसे किस फील्ड में अच्छी तरह निखार सकते हैं, जिसमें आप लाइफ को एंन्ज्वॉय भी कर सकें। इसके बाद ही कोई निर्णय लें। यह सही है कि आइआइटी के कई स्टूडेंट्स आइएएस में चले जाते हैं, तो इससे आइआइटी की एक सीट बेकार चली जाती है। वहां ऐसे स्टूडेंट को एडमिशन मिल सकता था, जो इंजीनियरिंग या साइंस में खुद को आगे बढ़ाना चाहता है। इसलिए अगर आप पूरे मन से आइएएस में जाना चाहते हैं, तो अभी से अपना माइंड सेट करें। खुद को जागरूक बनाएं। अभी से जीके और जीएस की रेगुलर तैयारी करें। नेशनल लेवल का एक न्यूज पेपर रोजाना पढ़ें और उससे नोट्स लें। सिविल सर्विसेज के प्रिलिम्स और मेन्स के लास्ट इयर्स के क्वैश्चन पेपर्स का रिव्यू करते रहें। मॉक पेपर्स भी सॉल्व करें।

मैं मनोविज्ञान विषय से एमए कर रही हूं। अच्छे भविष्य के लिए मुझे आगे क्या करना चाहिए? काजल, अमृतसर

मनोविज्ञान से पढ़ाई करने वालों के लिए इन दिनों काफी संभावनाएं हैं। आप चाहे, तो पीएचडी करके बिहैवियर साइकोलॉजी के क्षेत्र में काउंसलिंग का काम चुन सकती हैं। भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में आज लोग तनाव, अनिद्रा, डिप्रेशन, असंतोष आदि के शिकार कहीं ज्यादा हो रहे हैं। इससे पीडि़त लोग अब समझने लगे हैं कि काउंसलिंग और इलाज से वे सामान्य जीवन जी सकते हैं। यही कारण है कि रीहैबिलेशन सेंटर्स और हॉस्पिटल्स में काउंसलर्स की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। आप चाहें तो खुद को इस क्षेत्र में आगे बढ़ा सकती हैं। कार्यप्रणाली समझने के लिए आप किसी सीनियर साइकोलॉजिस्ट की सहयोगी बन सकती हैं और बाद में स्वतंत्र रूप से काउंसिलिंग का काम कर सकती हैं।

-करियर से संबंधित सवाल

counselor@nda.jagran.com

पर ईमेल करके पूछ सकते हैं...

अरुण श्रीवास्तव


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.