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ट्रांसलेटर-एंटरप्रेटर: लैंग्वेज के साथ बढ़ें आगे

इंटरनेट ने जिस तरह से पूरी दुनिया को एक वैश्विक गांव में तब्दील कर दिया है, उसे देखते हुए आज बहुत से ऑर्गेनाइजेशंस और कंपनीज घरेलू के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार पर फोकस कर रही हैं। विदेशी बाजार से संपर्क स्थापित करने के लिए कंपनीज को लैंग्वेज एक्सप‌र्ट्स की जरूरत होती है।

By Edited By: Published: Wed, 20 Aug 2014 12:04 PM (IST)Updated: Wed, 20 Aug 2014 12:04 PM (IST)
ट्रांसलेटर-एंटरप्रेटर: लैंग्वेज के साथ बढ़ें आगे

इंटरनेट ने जिस तरह से पूरी दुनिया को एक वैश्विक गांव में तब्दील कर दिया है, उसे देखते हुए आज बहुत से ऑर्गेनाइजेशंस और कंपनीज घरेलू के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार पर फोकस कर रही हैं। विदेशी बाजार से संपर्क स्थापित करने के लिए कंपनीज को लैंग्वेज एक्सप‌र्ट्स की जरूरत होती है। इसी वजह से फॉरेन लैंग्वेज ट्रांसलेटर्स की मांग में इन दिनों काफी तेजी आई है। दूसरी ओर, जापान, चीन, जर्मनी जैसे देशों के विकास से भी आने वाले वर्षो में ट्रांसलेशन या फिर एंटरप्रेटेशन मल्टी बिलियन डॉलर इंडस्ट्री के रूप में डेवलप होने की उम्मीद है।

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स्किल्स ऐंड क्वालिफिकेशन

ट्रांसलेटर या एंटरप्रेटर बनने के लिए ट्रांसलेशन में डिप्लोमा होना जरूरी है। अगर आप ग्रेजुएट हैं, लिखने का पैशन है और कंप्यूटर की नॉलेज है, तो दूसरों से बेहतर कमाई कर सकते हैं। एक ट्रांसलेटर या एंटरप्रेटर को कम से कम दो लैंग्वेज (सोर्स लैंग्वेज ऐंड टारगेट लैंग्वेज) पर कमांड होना चाहिए। सोर्स लैंग्वेज वह होता है, जिसका आपको ट्रांसलेशन या एंटरप्रेटेशन करना होता है। वहीं, टारगेट लैंग्वेज का मतलब वह लैंग्वेज है, जिसमें आप ट्रांसलेट करते हैं, फिर वह मौखिक हो या लिखित। भारत में कई इंस्टीट्यूट्स और यूनिवर्सिटीज में लैंग्वेज कोर्सेज चलाए जाते हैं, जिन्हें करके आप इस फील्ड में अपनी जगह बना सकते हैं।

मार्केट में बनाएं पहचान

अगर आप ट्रांसलेटर के रूप में सक्सेस हासिल करना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपने एरिया में स्थित ट्रांसलेशन एजेंसीज के बारे में जानकारी इकज्ञ करनी होगी। फिर उसी के मुताबिक अपनी सीवी को कस्टमाइज करना होगा। अगर आप सीवी में अपना स्पेशलाइजेशन बताएंगे, तो उससे फायदा होगा। इसके अलावा, मार्केट के कॉम्पिटिशन को भी ध्यान में रखना होगा, क्योंकि बाजार में अकेले आप नहीं होंगे। इसलिए शुरू में कम सैलरी पर काम करने के लिए तैयार रहना होगा। इस फील्ड में वही लोग सक्सेसफुल हैं, जो इनके अलावा संबंधित लैंग्वेज में हो रहे डेवलपमेंट्स की जानकारी रखते हैं और जिनके पास स्ट्रॉन्ग वोकेबुलरी हो।

मौकों की कमी नहीं

एंटरप्रेटर या ट्रांसलेटर के लिए अपॉच्र्युनिटीज की कमी नहीं है। वे इसमें पार्टटाइम से लेकर फुलटाइम करियर बना सकते हैं। इसमें भी जिनकी चाइनीज, अरेबिक, रशियन, जैपनीज, फ्रेंच आदि लैंग्वेज पर कमांड है, उनके लिए आगे बढ़ने के तमाम मौके हैं। वे यूनिवर्सिटीज, मल्टीनेशनल कंपनीज के अलावा, मार्केट सर्वे में संलग्न कंपनीज के साथ काम कर सकते हैं। सैलरी 10 हजार रुपये से शुरू होकर एक लाख रुपये महीने तक हो सकती है।


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