लग्जरी मैनेजमेंट: कनेक्ट विद ग्रोइंग मार्केट
इंडिया में करीब 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रही लग्जरी इंडस्ट्री में आने वाले सालों में 1.76 मिलियन जॉब्स क्रिएट होने की संभावना है.. आज ग्लोबल लग्जरी इंडस्ट्री करीब 1.3 ट्रिलियन डॉलर के आसपास है, जिसके सालाना 65 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। इंडिया की बात करें, तो सीआईआई-एटी किएरनी की रिपोर्ट के अनुसार, 2016 तक यहां क
इंडिया में करीब 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रही लग्जरी इंडस्ट्री में आने
वाले सालों में 1.76 मिलियन जॉब्स क्रिएट होने की संभावना है..
आज ग्लोबल लग्जरी इंडस्ट्री करीब 1.3 ट्रिलियन डॉलर के आसपास है, जिसके सालाना 65 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। इंडिया की बात करें, तो सीआईआई-एटी किएरनी की रिपोर्ट के अनुसार, 2016 तक यहां का लग्जरी मार्केट 15 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। यह सालाना करीब 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। यानी इंडियन लग्जरी मैनेजर्स की डिमांड न सिर्फ बनी हुई है,बल्कि भविष्य में भी उनके लिए अनेक संभावनाएं क्रिएट होंगी। लग्जरी कनेक्ट के एक सर्वे के अनुसार, 2015 तक इस सेग्मेंट में करीब 1.76 मिलियन ट्रेन्ड मैनपॉवर की जरूरत होगी। ऐसे में जिनके पास भी ब्रांड के हेरिटेज और हिस्ट्री की समझ के साथ नेटवर्किंग स्किल होगी, वे लग्जरी इंडस्ट्री में शानदार करियर का आगाज कर सकते हैं।
लग्जरी इंडस्ट्री में ऑप्शंस
लग्जरी एक विशाल सेगमेंट है। इसमें फैशन से लेकर ऑटोमोबाइल, ब्यूटी से लेकर स्किन केयर, ट्रैवल, टूरिज्म, फाइन डाइनिंग, वॉचेज, ज्वैलरी, वेलनेस, हेल्थ ऐंड फिटनेस, स्पा, होम इंटीरियर आदि तमाम सेगमेंट और सेक्टर्स शामिल हैं। इसलिए यहां यंगस्टर्स के लिए मौके भी विविध हैं। वे स्टोर मैनेजमेंट, ऑपरेशंस, फाइनेंस, लॉजिस्टिक्स, मार्केटिंग, पब्लिक रिलेशन, ब्रांड मैनेजमेंट, बाइंग ऐंड मचर्ेंडाइजिंग सेक्टर में काम कर सकते हैं।
मैनेजमेंट लेवल के अलावा फ्रंट एंड कस्टमर सर्विस में भी बड़ी संख्या में लोगों की जरूरत होती है। रेगुलर जॉब के साथ ही आप बिजनेस एंटरप्राइज शुरू कर सकते हैं। शुरुआत फ्रेंचाइजी से लेकर ज्वाइंट वेंचर या सिंपल डिस्ट्रिब्यूशन मॉडल के तौर पर की जा सकती है।
बेसिक स्किल्स
किसी भी लग्जरी ब्रांड के साथ काम करने के लिए खास तरह का एटीट्यूड चाहिए होता है। वैसे तो किसी भी स्ट्रीम के स्टूडेंट लग्जरी मैनेजमेंट में करियर बना सकते हैं। लेकिन इंग्लिश पर कमांड होनी जरूरी है। आपको व्यावहार कुशल, सौम्य के साथ ही क्रिएटिव और इमैजिनेटिव होना भी जरूरी है। वहीं, अच्छे इंटर रिलेशन स्किल्स और सुनने की क्षमता होने से आप विश्वास के साथ लोगों के साथ डील कर सकते हैं। हां, इसके लिए प्रोडक्ट्स की पूरी जानकारी रखनी भी जरूरी होगी।
एजुकेशन क्वालिफिकेशन
फिलहाल इंडिया में पर्ल एकेडमी, एलसीबीएस जैसे कुछेक इंस्टीट्यूट्स ही लग्जरी मैनेजमेंट या इससे रिलेटेड कोर्स ऑफर कर रहे हैं। एलसीबीएस में स्टूडेंट्स को थ्योरिटिकल के अलावा इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स द्वारा प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें पर्सनैलिटी डेवलपमेंट से लेकर कॉन्फिडेंस बिल्डिंग, कम्युनिकेशन स्किल शामिल है।
फ्यूचर इन लग्जरी
भारत में जिस तेजी से करोड़पतियों का क्लब बढ़ रहा है। नए इलीट वर्ग का विस्तार हो रहा है, उसे देखते हुए कई इंटरनेशनल लग्जरी ब्रांड्स भारतीय कस्टमर्स को लुभाने के लिए मार्केट में उतर रहे हैं। वे कस्टमर्स के लिए डिजाइनर ड्रेस, हैंडमेंड ज्वैलरी, वॉचेज, एक्सेसरीज से लेकर प्रीमियम वेकेशन प्रोवाइड कर रहे हैं। ऐसे में इंडस्ट्री को उन लग्जरी मैनेजर्स की जरूरत है, जो कस्टमर्स को ब्रांड के प्रति अवेयर करने के साथ ही उनकी डिमांड भी पूरी कर सकें।
नेटवर्रि्कग स्किल
लग्जरी ब्रांड्स को महत्वकांक्षी लोगों की जरूरत होती है जिनके पास दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ-साथ करियर में आगे बढ़ने का जच्बा हो और अपने काम से लगाव। आज ज्यादातर फैशन ब्रांड्स इंटरनेशनल क्लाइंट्स के साथ इंटरैक्ट करते हैं। ऐसे में जिनकी कॉरपोरेट क्लास के साथ स्ट्रॉन्ग नेटवर्किंग स्किल और इंडस्ट्री के डिसीजन मेकर्स के साथ बेहतर रिलेशन होते हैं, उन्हें स्टैब्लिश होने में दिक्कत नहीं होती है। यानी जिसने टाइम मैनेजमेंट के साथ कस्टमर्स से अच्छे रिश्ते बना लिए, उनके लिए ग्रोथ के रास्ते खुले हैं।
अभय गुप्ता, फाउंडर ऐंड सीइओ
लग्जरी कनेक्ट बिजनेस स्कूल, गुड़गांव
इंटरैक्शन : अंशु सिंह