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क्या पॉपुलर कोर्स है एमबीए?

भारत में खासकर मेट्रो सिटी में आज भी मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी एमबीए सबसे पॉपुलर कोर्स है। यूनिवर्सिटी सर्च इंजन इंडियाकॉलेजसर्च के सर्वे के मुताबिक, ज्यादातर ग्रेजुएट एमबीए डिग्री इसलिए हासिल करते हैं, क्योंकि इससे उन्हें जॉब मिलने में आसानी होती है। रिपोर्ट के मु

By Edited By: Published: Wed, 23 Apr 2014 11:20 AM (IST)Updated: Wed, 23 Apr 2014 11:20 AM (IST)
क्या पॉपुलर कोर्स है एमबीए?

भारत में खासकर मेट्रो सिटी में आज भी मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी एमबीए सबसे पॉपुलर कोर्स है। यूनिवर्सिटी सर्च इंजन इंडियाकॉलेजसर्च के सर्वे के मुताबिक, ज्यादातर ग्रेजुएट एमबीए डिग्री इसलिए हासिल करते हैं, क्योंकि इससे उन्हें जॉब मिलने में आसानी होती है। रिपोर्ट के मुताबिक, आज भी एमबीए की डिग्री बेहतर नौकरी पाने का सबसे अच्छा तरीका है। एमबीए छोटे शहरों की तुलना में मेट्रो सिटी में अधिक पॉपुलर है। अगर आप एमबीए करते हैं, तो बिजनेस व‌र्ल्ड में अच्छी नौकरी के साथ टॉप पोजीशन भी हासिल कर सकते हैं।

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कैसे मिलेगी एंट्री

अगर आप किसी अच्छे संस्थान से एमबीए करना चाहते हैं, तो कैट, मैट, ओपनमैट, एक्सएटी, जेएमएटी, एफएमएस, आईबीएसएटी, एनएएमटी, एसएनएपी आदि एंट्रेंस टेस्ट में से किसी एक में सफल होना होगा। कैट एग्जाम में सक्सेस होने पर आप देश के टॉप बिजनेस इंस्टीट्यूट्स यानी आईआईएम (अहमदाबाद, मुंबई, बेंगलुरु, इंदौर, लखनऊ, कोझिकोड आदि) और इसके समकक्ष बी-स्कूलों में एंट्री ले सकते हैं। सुंदरदीप गु्रप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के वाइस प्रेसिडेंट अखिल अग्रवाल के मुताबिक, एमबीए में एडमिशन के लिए होने वाले एग्जाम के पहले चरण में लैंग्वेज स्किल, क्वांटिटेटिव स्किल इंटरपरफेक्शन एवं रीजनिंग स्किल, लॉजिकल रीजनिंग आदि से संबंधित क्वैश्चंस पूछे जाते हैं। एंट्रेंस एग्जाम में सफल हो जाते हैं, तो दूसरे चरण में ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू होता है। ग्रुप डिस्कशन में कैंडिडेट्स की एनालिटिकल स्किल, कम्युनिकेशन स्किल और उनकी लीडरशिप क्वालिटी को परखा जाता है, जबकि इंटरव्यू के दौरान जनरल नॉलेज, कॉन्फिडेंस आदि की जांच की जाती है।

स्पेशलाइजेशन

आप अपने पसंदीदा फील्ड में स्पेशलाइजेशन भी कर सकते हैं, जैसे- एकाउंटिंग, फाइनेंस, चूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, मार्केटिंग, एंटरप्रेन्योरशिप, ई-कॉमर्स, स्टैटिस्टिकल मेथड फॉर बिजनेस ऐंड इंडस्ट्री, इंटरनेशनल बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, प्लानिंग मैनेजमेंट, स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट, इकोनॉमिक्स, हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन, ऑपरेशन मैनेजमेंट, हेल्थ इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट, रिटेल मैनेजमेंट आदि।

एमबीए में हॉट

इंटरनेशनल बिजनेस : स्टूडेंट्स के लिए इंटरनेशनल मैनेजमेंट शानदार करियर ऑप्शंस हैं। पिछले कुछ वर्र्षो में मैनेजमेंट का यह प्रोग्राम काफी तेजी से उभरा है और आज तमाम इंस्टीट्यूट्स द्वारा एमबीए इंटरनेशनल बिजनेस (आईबी) के साथ-साथ मास्टर्स इन इंटरनेशनल बिजनेस (एमआईबी) के प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। कोर्स कंप्लीट करने के बाद एनजीओ, इंटरनेशनल फाइनेंस, बैंक, मार्केटिंग, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट, ट्रांसपोर्टेशन (शिपिंग, एयरलाइंस) आदि से जुड़ी कंपनियों में ट्रांसलेटर, फॉरेन करेंसी इंवेस्टमेंट एडवाइजर, फॉरेन सेल्स रिप्रेजेंटेटिव और इंटरनेशनल मैनेजमेंट कंसल्टेंट आदि के रूप में करियर बना सकते हैं।

सेल्स ऐंड मार्केटिंग : आज हर छोटी-बड़ी कंपनी में सेल्स ऐंड मार्केटिंग से जुड़े प्रोफेशनल्स की जरूरत होती हैं। कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण आम कस्टमर के बीच उत्पाद की लोकप्रियता बढ़े, इसके लिए सेल्स और मार्केटिंग प्रोफेशनल्स की मांग बनी रहती है। सेल्स एेंड मार्केटिंग बिजनेस मैनेजमेंट का ही हिस्सा होता है, पर कई जगह सेल्स के लिए अलग से भी कोर्स चलाए जाते हैं। मार्केटिंग मैनेजमेंट 2 वर्षीय कोर्स है, जिसमें प्रवेश के लिए स्टूडेंट्स को कैट, मैट आदि विभिन्न एंट्रेंस टेस्ट से गुजरना होता है। इसके अलावा, सेल्स एग्जिक्यूटिव/रिटेलिंग से संबंधित कोर्सेज भी उपलब्ध हैं। प्रोफेशनल्स को विभिन्न उत्पाद बनाने वाली कंपनियों

में जॉब के मौके मिल सकते हैं। इसमें फील्ड जॉब के अलावा, रिटेलिंग में भी मौके मिलते हैं।

रूरल मैनेजमेंट : देश के कई प्रमुख बिजनेस स्कूल्स में रूरल मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा या एमबीए कोर्स उपलब्ध हैं। इस कोर्स में एंट्री के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट होना जरूरी है। कोर्स कंप्लीट होने के बाद एनजीओ, गवर्नमेंट डेवलपमेंट एजेंसी, को-ऑपरेटिव बैंक (नाबार्ड, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी), इंश्योरेंस कंपनी (आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, एलआईसी आदि), रिटेल कंपनी (फ्यूचर ग्रुप, रिलायंस, गोदरेज एग्रोवेट, भारती, आरपीजी) मल्टीनेशनल कंपनी या रूरल कंसल्टेंसी (आईटीसी ई-चौपाल, एससीएस ग्रुप, ग्रोसमैन ऐंड असोसिएट्स) और रिसर्च एजेंसी भी ज्वाइन कर सकते हैं।

मीडिया मैनेजमेंट : मीडिया मैनेजमेंट से जुड़े लोगों की डिमांड बढ़ती जा रही है। मीडिया मैनेजमेंट और कम्युनिकेशन मैनेजमेंट में एकाउंट प्लानिंग एवं मैनेजमेंट, ब्रांड मैनेजमेंट, मीडिया प्लानिंग मैनेजमेंट और मार्केट रिसर्च शामिल होते हैं। इस विषय से जुड़े प्रोग्राम के तहत स्टूडेंट को मीडिया मैनेजमेंट के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है।

ब्रांड मैनेजमेंट : कॉम्पिटिशन के इस दौर में सभी कंपनियां अपने प्रोडक्ट की ब्रांडिंग करने लगी है। यही वजह है ब्रांड मैनेजमेंट से जुड़े प्रोफेशनल कोर्स की डिमांड दिनों-दिन बढ़ रही है। इस कोर्स में प्रोडक्ट मार्केटिंग के तरीके और उसे प्रेजेंट करने का तरीका जो कस्टमर के दिमाग में अपनी इमेज बना पाए, जैसी चीजें सिखाई जाती हैं। कोर्स कंप्लीट करने के बाद आप चाहें, तो प्रोडक्ट मैनेजर या ब्रांड डेवलपमेंट मैनेजर की जॉब कर सकते हैं। इसके बाद आप किसी बड़ी कंपनी में भी जॉब हासिल कर सकते हैं। शुरुआत में आप 20 से 25 हजार तक की जॉब पा सकते हैं। कुछ साल के एक्सपीरियंस के बाद सैलरी पैकेज और अच्छा हो जाता है।

एचआर मैनेजमेंट : आज के बिजनेस व‌र्ल्ड में एचआर मैनेजमेंट से जुड़े लोगों की डिमांड भी खूब देखी जा सकती है। मास्टर लेवल पर आप एचआर मैनेजमेंट ऐंड डेवलपमेंट, एमबीए स्पेशलाइज्ड इन एचआर और मास्टर ऑफ आ‌र्ट्स इन एचआर कर सकते हैं। इस कोर्स में स्टू़डेंट को मैनेजमेंट, चूमन रिसोर्स एकाउंटिंग और ऑर्गेनाइजेशनल बिहेवियर के बारे में जानकारी दी जाती है। साथ ही, स्टूडेंट्स को यह कोर्स मैनेजमेंट और ऑर्गेनाइजेशनल डेवलपमेंट के बारे में भी काफी जानकारी देता है।

रिटेल मैनेजमेंट : भारत में रिटेल इंडस्ट्री तेजी से पैर पसार रही है। कई कॉरपोरेट घरानों ने हाइपर और रिटेल स्टोर खोले हैं, जहां खाने-पीने से लेकर रोजमर्रा तक की सारी चीजें मिलती हैं। एमबीए के साथ रिटेल मैनेजमेंट में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। ग्रेजुएशन के साथ-साथ अगर आप कोई शॉर्ट टर्म प्रोफेशनल कोर्स करना चाहते हैं, तो रिटेल मैनेजमेंट आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। किसी भी स्ट्रीम के स्टूडेंट्स इस कोर्स को कर सकते हैं। रिटेल मैनेजमेंट की आजकल काफी डिमांड है। कई इंस्टीट्यूट इसमें सर्टिफिकेट के साथ-साथ डिप्लोमा कोर्स भी कराते हैं। डिप्लोमा इन रिटेल मैनेजमेंट कोर्स के बाद आप ब्रांड मैनेजर, रिटेल मैनेजर, सेल्स मैनेजर, रिटेल बायर और प्रोजेक्ट मैनेजर जैसे एरिया में काम कर सकते हैं।

संस्थान चुनने की चुनौती

श्रीवेंकटेश्वरा यूनिवर्सिटी के चांसलर सुधीर गिरि के मुताबिक एक बेहतर करियर के लिए उचित संस्थान चुनना करियर के लिहाज से बेहद जरूरी है, क्योंकि बेहतर संस्थान ही आपको प्रारंभिक दौर में ही अच्छे मौके दिला सकता है।

(जागरण फीचर)

पढ़ें:कॉरपोरेट वर्ल्ड के लीगल कंसल्टेंट


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