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ह्यूमन राइट्स में करियर - हक की आवाज

लोगों के हक के लिए लड़ने और समाज में हो रहे भेदभाव को दूर करने में अगर आपकी रुचि है, मानव अधिकार संरक्षण के लिए तत्पर रहने की आदत और मानव हित के लिए कुछ कर गुजरने की चाहत है, तो, ह्यूमन राइट्स फील्ड जॉब के लिए बेहतर विकल्प हो

By deepali groverEdited By: Published: Thu, 11 Dec 2014 10:43 AM (IST)Updated: Thu, 11 Dec 2014 11:23 AM (IST)
ह्यूमन राइट्स में करियर - हक की आवाज

लोगों के हक के लिए लड़ने और समाज में हो रहे भेदभाव को दूर करने में अगर आपकी रुचि है, मानव अधिकार संरक्षण के लिए तत्पर रहने की आदत और मानव हित के लिए कुछ कर गुजरने की चाहत है, तो, ह्यूमन राइट्स फील्ड जॉब के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। बेहतर भविष्य निर्माण के साथ-साथ जरूरतमंद को अधिकार दिलाने पर जो सुकून मिलेगा, वह किसी और फील्ड में नहीं मिल सकता। जानें मानवाधिकार के क्षेत्र में संभावनाओं के बारे में...

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मानवाधिकार उल्लंघन आज के समय में अंतरराष्ट्रीय चुनौती बन गया है। हर पल, हर समय कहीं न कहीं मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है, लेकिन इसके साथ-साथ मानवाधिकारों का उल्लंघन रोकने और मानवाधिकार संरक्षण के लिए सरकारों और संस्थाओं द्वारा तेजी से प्रयास भी हो रहे हैं।

मानवाधिकार संरक्षण के लिए काम करने वाली देश की प्रमुख सरकारी संस्था नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन में पिछले एक-दो दशक में सिविल, पॉलिटिकल, सोशल और इकोनॉमिक राइट्स उल्लंघन के काफी मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें भी खाने के अधिकार, स्वास्थ्य के अधिकार, शिक्षा के अधिकार, महिला सुरक्षा, जाति, धर्म और संप्रदाय के नाम पर होने वाले अधिकारों के उल्लंघन के ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। जागरूकता बढ़ने की वजह से लोग अब अपने अधिकारों के संरक्षण के प्रति कहीं ज्यादा सजग हो गए हैं। लोगों के इन्हीं मूलभूत अधिकारों के संरक्षण का काम करते हैं मानवाधिकार कार्यकर्ता और मानवाधिकार से जुड़ी संस्थाएं। वर्तमान में यह क्षेत्र अपने विकास के चरम पर है और इस क्षेत्र में स्किल्ड प्रोफेशनल की काफी डिमांड है। अगर आपकी भी दिलचस्पी इस फील्ड में है, तो आवश्यक योग्यता हासिल कर इस क्षेत्र में कदम बढ़ा सकते हैं।

एलिजिबिलिटी एेंड कोर्स

देश की कई यूनिवर्सिटी में ह्यूमन राइट्स से संबंधित कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। सरकारी विश्वविद्यालयों के अलावा, डीम्ड यूनिवर्सिटी और निजी शैक्षणिक संस्थान भी ह्यूमन राइट्स में विभिन्न तरह के कोर्स संचालित कर रहे हैं। सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री कोर्स में नामांकन लेने के लिए किसी भी विषय में बारहवीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है, जबकि मास्टर डिग्री और पीजी डिप्लोमा में नामांकन लेने के लिए 50 प्रतिशत अंकों के साथ बैचलर डिग्री आवश्यक है।

-सर्टिफिकेट इन ह्यूमन राइट्स

-डिप्लोमा इन ह्यूमन राइट्स

-बैचलर इन ह्यूमन राइट्स

-पीजी डिप्लोमा इन ह्यूमन राइट्स

-मास्टर्स इन ह्यूमन राइट्स

वर्क प्रोफाइल

ह्यूमन राइट्स यानी की मानव अधिकार, जैसा नाम है वैसा ही इसका काम है। मानवाधिकार से संबंधित कोर्स करने के बाद इस क्षेत्र में आने वाले प्रोफेशनल्स पूरी तरह से मानवाधिकार के संरक्षण के लिए ही काम करते हैं। यह काम चुनौतीपूर्ण है, लेकिन चुनौती के साथ-साथ काम पूरा होने पर आनंद व सुकून भी मिलता है। सामान्यतौर पर ह्यूमन राइट्स वर्कर सोशल जस्टिस, जेंडर जस्टिस, कस्टडियल जस्टिस से संबंधित काम देखते हैं। इनके अलावा, ह्यूमन राइट्स से संबंधित कामों की देखरेख और उसकी समीक्षा करना, रिपोर्ट तैयार करना, मानवाधिकार उल्लंघन होने की स्थिति में उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने और उसके लिए ठोस कदम उठाने से लेकर इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने के काम को भी अंजाम दिया जाता है।


आवश्यक स्किल्स

-लोगों के अधिकार के लिए काम करने का जज्बा

-टीम के साथ सामंजस्य बैठाने में सक्षम

-कम्युनिकेशन स्किल

-प्रबंधन क्षमता

-लीगल नॉलेज

-राइटिंग स्किल

-रिसर्च करने की क्षमता

-अच्छा वक्ता और श्रोता।

संभावनाएं

युनाइटेड नेशंस के प्रयासों के बाद से ह्यूमन राइट्स के संरक्षण के लिए काफी तेजी से काम हुए हैं। देश में नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (एनएचआरसी) के अलावा राज्य स्तर पर ह्यूमन राइट्स कमीशन और ढेर सारी सरकारी-गैर सरकारी संस्थाएं इस क्षेत्र में काम कर रही हैं। जागरूकता बढ़ने से लोग अपने हक के लिए तेजी से आवाज उठा रहे हैं। ऐसे में उनकी आवाज को मजबूत करने और उन्हें हक दिलाने के लिए ह्यूमन राइट्स वर्कर व एक्सपर्ट की काफी मांग है। सरकारी-गैर सरकारी संस्थानों के अलावा दुनिया के तमाम देशों में भी इनकी काफी डिमांड है। ऐसे में इस क्षेत्र को करियर विकल्प चुनकर बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।

कहां मिलेंगी नौकरियां

देश-विदेश में ढेरों सरकारी, गैर-सरकारी, समाजसेवी और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं मानवाधिकार संरक्षण के लिए काम कर ही हैं। सरकारी स्तर पर देश में नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन, स्टेट ह्यूमन राइट्स कमीशन, ह्यूमन राइट्स ट्रिब्यूनल, नेशनल ऐंड स्टेट कमीशन ऑन वूमन, नेशनल ऐंड स्टेट कमीशन ऑन चिल्ड्रेन, लेबल वेल्फेयर डिपार्टमेंट, माइनॉरिटी कमीशन, एससी ऐंड एसटी कमीशन, पुलिस डिपार्टमेंट आदि जगहों में नौकरियां मिल सकती हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युनाइटेड नेशंस, युनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स कमीशन (यूनएचआरसी), युनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी), यूएनडीईएसए, यूनिसेफ, यूएनईपी, आईएलओ आदि में आपके लिए ढेर सारे मौके हैं। इनके अलावा, एमेनेस्टी इंटरनेशनल, रेड क्रॉस, क्राई, ह्यूमन राइट्स वॉच, कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव, साउथ एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स डॉक्यूमेंटेशन सेंटर, एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स में भी ह्यूमन राइट्स एक्सपर्ट के लिए हमेशा मौके रहते हैं। इन सबके अलावा, एनजीओ से भी जुड़ सकते हैं। चाहें तो खुद का एनजीओ रजिस्टर्ड करा कर स्वतंत्र रूप से भी काम कर सकते हैं।

पोस्ट

-ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट

-ह्यूमन राइट्स प्रोफेशनल

-ह्यूमन राइट्स एनालिस्ट

-ह्यूमन राइट्स डिफेंडर

-ह्यूमन राइट्स

-ह्यूमन राइट्स वर्कर

-ह्यूमन राइट्स प्रोग्रामर

=ह्यूमन राइट्स कंसल्टेंट

-ह्यूमन राइट्स कैंपेनर

-ह्यूमन राइट्स फंड रेजर

-ह्यूमन राइट्स मैनेजर

-ह्यूमन राइट्स टीचर

-ह्यूमन राइट्स प्रोफेसर आदि

सैलरी पैकेज

कोर्स के बाद फ्रेशर के रूप में किसी एनजीओ से जुड़ने पर 15-18 हजार रुपये प्रतिमाह आसानी से मिल जाता है। वहीं सरकारी संस्थान से जुड़ने पर सैलरी 25-30 हजार रुपये तक मिलती है। अगर युनाइटेड नेशंस या उसकी सहयोगी संस्था या किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था में मौका मिलता है, तो सैलरी पैकेज काफी आकर्षक होगा।

(जागरण फीचर)


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