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जी.एल.ए. को मिली उत्तर प्रदेश में AAA रैंकिंग

711 से अधिक विश्वविद्यालय, 40760 से अधिक मान्यता प्राप्त महाविद्यालय, जिनमें कुल नामांकन 265.85 लाख के साथ भारत का उच्च शिक्षातंत्र विश्व का

By MMI TeamEdited By: Published: Mon, 04 Apr 2016 03:10 PM (IST)Updated: Mon, 04 Apr 2016 03:33 PM (IST)
जी.एल.ए. को मिली उत्तर प्रदेश में AAA रैंकिंग

मथुरा। 711 से अधिक विश्वविद्यालय, 40760 से अधिक मान्यता प्राप्त महाविद्यालय, जिनमें कुल नामांकन 265.85 लाख के साथ भारत का उच्च शिक्षातंत्र विश्व का सबसे बड़ा उच्च शिक्षातंत्र है। 12 लाख 61 हजार शिक्षक इन विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। इन सभी आंकड़ों में 64 विश्वविद्यालय, 4000 से अधिक महाविद्यालय एवं 44 लाख छात्रों के नामांकन के साथ उत्तर प्रदेश का स्थान प्रथम 3 राज्यो में है। ऐसे में 12वीं पास विद्यार्थियों के लिए उनकी योग्यता के अनुसार उचित शिक्षण संस्थान का चुनाव अत्यन्त कठिन हो जाता है। आधुनिक शोध के अनुसार किसी संस्थान की श्रेश्ठता के मूल्यांकन का सर्वश्रेश्ठ माध्यम उसका ‘परिणाम मूल्यांकन योजना’ है, जिसका अर्थ है कि जो संस्थान अथवा विश्वविद्यालय के उदेश्य हैं उनकी पूर्ति कितने प्रतिशत हुई।

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इन्हीं सब मानकों के आधार पर शिक्षा के क्षेत्र में प्रसिद्ध पत्रिका ‘‘करियर 360’’ ने छात्रों की मदद हेतु विश्वविद्यालयों का वृहद मूल्यांकन किया। इस मूल्यांकन में जहाँ एक ओर राष्ट्रिय स्तर पर सरकारी संस्थानों मे जाधवपुर विश्वविद्यालय, कलकत्ता, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, जामिया हमदर्द, नई दिल्ली एवं दिल्ली विश्वविद्यालय ने सर्वश्रेश्ठ ंस्थान पाये। उसी तरह गैर-सरकारी विश्वविद्यालयों में उत्तर प्रदेश में जी.एल.ए. विश्वविद्यालय, मथुरा (उ.प्र.) ने सैम, इलाहाबाद के बाद सर्वाधिक अंक प्राप्त किये और उसे शिक्षण, आधारभूत संरचना, उत्पादकता, प्रभाव, आउटपुट जैसे पैमानों पर AAA ग्रेडिंग मिली।

निदेशक प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने बताया कि वल्र्ड बैंक और नेस्काॅम जैसी संस्थाओं की रिपोर्ट के मुताबिक व्यवसायिक पाठ्यक्रमों से निकलने वाले कुल विद्यार्थियों का मात्र 17 से 20 प्रतिशत विद्यार्थी ही रोजगार प्राप्त करने योग्य पाया गया है। ऐसे में जी.एल.ए. विश्वविद्यालय द्वारा पिछले 5 वर्शो में लगातार 75 प्रतिशत छात्रों को कैम्पस से रोजगार दिलाना न केवल यहाँ की श्रेश्ठ शिक्षा व्यवस्था को दर्शाता है बल्कि नेस्काॅम और वल्र्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार अपनी श्रेश्ठता भी प्रदर्शित करता है। उन्होंने बताया कि आंकड़ों के अनुसार आने वाले कुछ वर्श असामान्य रूप से युवा बेरोजगारी के होंगे। आज का युग परिवर्तनशील, अनिश्चित, जटिल और अस्पष्ट होने से प्रत्येक व्यक्ति को सही निर्णय ले पाना अत्यन्त ही दुश्कर कार्य है। ऐसे में निर्पेक्ष रैंकिंग के माध्यम से युवा विद्यार्थी एवं उनके माता-पिता सही संस्थान का चुनाव आसानी के साथ कर सकते हैं।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दुर्ग सिंह चैहान ने ‘कैरियर 360’ द्वारा जी.एल.ए. को दी गयी रैंकिंग का श्रेय यहाँ के सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के कठोर परिश्रम को दिया और आशा व्यक्त की, कि आने वाले वर्शो में जी.एल.ए. अपने यहाँ प्रवेश लिये गये सभी विद्यार्थियों के लिए शतप्रतिशत रोज़गार के अवसर मुहैया करायेगा।

कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल जी ने इस रैंकिंग पर हर्श जताते हुए कहा कि ईमानदारी, निश्ठा एवं सत्यता के माध्यम से ही आप अपनी छाप छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों को रोज़गार दिलाने के अलावा विश्वविद्यालय का उदेश्य छात्रों द्वारा रोज़गार उत्पन्न करना भी होना चाहिए, जिसके लिए विश्वविद्यालय ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी सरकार की योजनाओं के अन्तर्गत समीकरण केन्द्र और उद्यमशीलता जैसे क्षेत्र में कार्य कर रहा है और शीघ्र ही यहाँ के छात्रों को अपना व्यवसाय शुरु करने हेतु सुविधाऐं प्रदान की जायेंगी।


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