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टेलीकॉम में काम ही काम

टेलीकॉम सेक्टर में सौ फीसदी विदेशी निवेश खुलने के बाद करियर की नई अपॉच्र्युनिटी दस्तक दे रही है, बस जरूरत है इसे ग्रैब करने की.. शहरों से लेकर गांवों तक मोबाइल की पहुंच बढ़ने के साथ-साथ ट्रेंड प्रोफेशनल्स की डिमांड भी बढ़ी है। रिलायंस जियो अगले एक साल में 10 हजार लोगों को हायर करने का प्लान बना रही है, तो वोडाफो

By Edited By: Published: Mon, 12 May 2014 02:26 PM (IST)Updated: Mon, 12 May 2014 02:26 PM (IST)
टेलीकॉम में काम ही काम

टेलीकॉम सेक्टर में सौ फीसदी विदेशी निवेश खुलने के बाद करियर की नई अपॉच्र्युनिटी दस्तक दे रही है, बस जरूरत है इसे ग्रैब करने की..

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शहरों से लेकर गांवों तक मोबाइल की पहुंच बढ़ने के साथ-साथ ट्रेंड प्रोफेशनल्स की डिमांड भी बढ़ी है। रिलायंस जियो अगले एक साल में 10 हजार लोगों को हायर करने का प्लान बना रही है, तो वोडाफोन 3 अरब डॉलर से तैयार अपनी विस्तार योजना के तहत 18 सौ लोगों को रिक्रूट करने वाली है। ट्राई की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियों का ग्रॉस रेवेन्यू 10.46 फीसदी बढ़कर 58,385 करोड़ रुपये हो गया है। इन सारे आंकड़ों से यह संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में टेलीकॉम सेक्टर में नौकरियों की बरसात हो सकती है।

चैलेंजिंग ऐंड क्रिएटिव करियर

टेलीकॉम मैनेजर

लैन यानी लोकल एरिया नेटवर्क और वैन यानी वाइड एरिया नेटवर्क को मैनेज करना, इंस्टॉलेशन, टेक्निकल ऑपरेशन और प्रिवेंटिव मेंटिनेंस की प्लानिंग ऐंड एग्जिक्यूशन, नेटवर्क डिजाइन करना, टेक्निकल पॉलिसीज तैयार करना, ये सारे काम टेलीकॉम मैनेजर को करने होते हैं।

टेलीकॉम इंजीनियर

इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग करने वाले टेलीकॉम इंजीनियर बन सकते हैं।

इसमें तीन तरह के इंजीनियर्स होते हैं, नेटवर्क इंजीनियर, आरएफ इंजीनियर और ऑप्टिकल फाइबर इंजीनियर। इन्हें बेसिक सर्किट डिजाइन जैसे कार्य करने होते हैं।

मार्केट एनालिस्ट

मार्केट एनालिस्ट का काम टेलीकॉम मार्केट की रिसर्च और कस्टमर्स की डिमांड के हिसाब से कंपनी को सुझाव देना होता है। इसके लिए टेलीकॉम टेक्नोलॉजी के ऑपरेशंस और मार्केटिंग मैनेजमेंट की नॉलेज, इनोवेटिव और क्रिएटिव अप्रोच प्रोग्राम, टेलीकॉम नेटव‌र्क्स, वॉयस, वीडियो और डाटा मैनेजमेंट की नॉलेज जरूरी है।

मार्केटिंग स्ट्रेटेजी मैनेजर

इनका काम मार्केट रिसर्च के मुताबिक प्रोडक्ट की लॉन्चिंग और प्रमोशन की स्ट्रेटेजी बनाना होता है। साथ ही, मोबाइल या सिम प्लान लॉन्च होने से पहले मार्केट में उसकी डिमांड पैदा करना जैसे कार्य करने होते हैं।

प्रमोशन मैनेजर

प्रोडक्ट के प्रमोशन के लिए मीडिया के साथ काम करना, सेलिब्रिटीज को मैनेज करना, प्रमोशन के लिए इवेंट प्लान और इवेंट ऑर्गेनाइज कराना इनका मुख्य काम होता है।

मोबाइल रिपेयरिंग टेक्नीशियन

मोबाइल यूजर्स की संख्या बढ़ने के साथ ही मोबाइल रिपेयरिंग का मार्केट भी जोर पकड़ रहा है। मोबाइल कंपनीज के रिपेयर स्टोर के अलावा भी शहरों से गांवों तक मोबाइल रिपेयर करने वालों की डिमांड होती है। मोबाइल्स की छोटी-छोटी प्रॉब्लम्स के लिए लोग मैकेनिक पर डिपेंड होते हैं। इस फील्ड में जॉब के अलावा, अपना बिजनेस शुरू करने की भी अच्छी अपॉ‌र्च्युनिटीज है।

कैसे मिलेगी एंट्री

-टेलीकॉम मैनेजमेंट या इंजीनियरिंग में डिग्री,

डिप्लोमा, मास्टर या पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा

-सीडीएनई (सर्टिफाइड डेटा नेटवर्क इंजीनियर)

जैसे कई सारे शॉर्ट टर्म कोर्स

-मोबाइल रिपेयरिंग ऐंड मेंटेनेंस में डिप्लोमा

-सर्टिफिकेशन कोर्स फॉर टेलीकॉम प्रोफेशनल्स

इंस्टीट्यूट्स

-एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेलीकॉम टेक्नोलॉजी

ऐंड मैनेजमेंट, नोएडा

-बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ टेलीकॉम ऐंड

मैनेजमेंट (बीआईटीएम), पुणे

-सिंबॉयोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ टेलीकॉम

मैनेजमेंट, पुणे

-जीवाजी यूनिवर्सिटी, ग्वालियर

-इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली

-भारत में करीब 91 करोड़ मोबाइल यूजर्स

-दुनिया में चीन के बाद दूसरे स्थान पर

-40 फीसदी मोबाइल कस्टमर्स गांव के

-मोबाइल इंटरनेट यूजर्स की संख्या जून 2014 तक 18.5 करोड़ होने की उम्मीद

इंटरैक्शन : मिथिलेश श्रीवास्तव


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