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अशुद्ध हवा पानी से हो रही मनोवृत्ति दूषित

जीएलए विष्वविद्यालय, मथुरा के बायोटेक्नोलाॅजी एवं माइक्रोबायोलाॅजी विभाग में अतिथि व्याख्यान का आयोजन हुआ, जिसमें आॅक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कन्सल्टेंट मनोचिकित्सक डाॅ. फिल डेविसन ने विद्यार्थियों को वैश्विक जलवायु परिवर्तन संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी।

By MMI TeamEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2015 03:55 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2015 04:14 PM (IST)
अशुद्ध हवा पानी से हो रही मनोवृत्ति दूषित

जीएलए विष्वविद्यालय, मथुरा (उ.प्र.) के बायोटेक्नोलाॅजी एवं माइक्रोबायोलाॅजी विभाग में अतिथि व्याख्यान का आयोजन हुआ, जिसमें आॅक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कन्सल्टेंट मनोचिकित्सक डाॅ. फिल डेविसन ने विद्यार्थियों को वैश्विक जलवायु परिवर्तन संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी।

‘‘मैडिसिन साइकाइट्री एंड क्लाइमेट चेन्ज‘‘ विशय पर आधारित अतिथि व्याख्यान में डाॅ. डेविसिन ने बताया कि वैष्विक जलवायु परिवर्तन जैसे ग्रीन हाउस गैसेस के स्तर में बढ़ोत्तरी, ट्रोपिकल फारेस्ट का विनाष, हवा और पानी का अशुद्ध होना सिर्फ शरीर के लिए ही हानिकारक नहीं है बल्कि ये सब कारक समाज की मनोवृत्ति को भी दूषित कर रहे हैं। अभी तक हम इस दिषा में ठोस सबूत नहीं एकत्र कर पाये हैं जिसका एक मुख्य कारण पर्यावरणीय समस्याओं के प्रति हमारी उदासीनता है। हम सभी सिर्फ अपने व्यक्तिगत स्वार्थों में इस तरह लिप्त हैं कि हमारी सोच काफी सीमित हो गयी है। इस तत्व को उन्होंने बड़े ही रोचक तरीके से समझाया की हम सभी ने अपनी आॅखों पर इस प्रकार का लेंस लगा लिया है जिससे हम सिर्फ वही देखते हैं जो हमारे अहम को संतुष्टी प्रदान करता है।

उन्होंने ये भी बताया कि एक मनोवैज्ञानिक का कर्तव्य है कि वो मात्र व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर ध्यान ना दे बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य को भी अपने जागरूकता की परिधि में लाये। वो भारतीय संस्कृति से बहुत प्रभावित है और अपने मरीजों को ध्यान के अभ्यास से निरोगी बनाने की दिषा में प्रयत्नशील है।

अतिथि व्याख्यान के अंत में कुलपति प्रो. डी.एस. चैहान ने डाॅ. फिल का आभार व्यक्त किया और विभाग को इस प्रकार के ज्ञानवर्धक कार्यक्रम कराने के लिए बधाई दी तथा छात्र-छात्राओं को मनोविज्ञान के बारे में ज्ञानवर्धक बातें बताई।

विभागाध्यक्ष डाॅ. ए.के. भाटिया ने डाॅ. फिल डेविसन की प्रशंसा करते हुए उनके परिश्रम को सराहा तथा उनकी बताई गयी बातों पर और प्रकाष देते हुए विद्यार्थियों को इस विषय में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही मनोविज्ञान को पर्यावरण से जोड़ते हुए उनके फायदों से अवगत कराया।

कुलपति प्रो. दुर्ग सिंह चैहान एवं (सीओई) प्रो. पी.एन. माहेष्वरी ने डाॅ. फिल डेविसन को स्मृति चिन्ह भेंटकर आभार प्रकट किया।

इस अवसर पर फार्मेसी विभाग के निदेषक प्रो. प्रदीप मिश्रा तथा विभाग के सभी अध्यापकगण विषाल खण्डेलवाल, डाॅ. आलोक भारद्वाज, प्रदीप कुमार चैधरी, डाॅ. अंजना गोयल, आदित्य संक्सेना, डाॅ. रमा शर्मा, अनुजा मिश्रा, डाॅ. गौरव पंत, नितिन वाही आदि उपस्थित थे।

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