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Cartoon Design विजुअलाइजेशन का आर्ट

अगर डूडलिंग या स्केचिंग का शौक है और आरके लक्ष्मण या प्राण जैसी शख्सियतों की तरह लकीरों के जरिए अपनी बात कहना चाहते हैं, तो कार्टून डिजाइन फील्ड में नाम, पहचान और पैसा सब मिल सकता है...

By Edited By: Published: Wed, 08 Jan 2014 12:41 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2014 12:00 AM (IST)
Cartoon Design विजुअलाइजेशन का आर्ट

कार्टूनिंग एक कला है, जिसे अभ्यास और सही प्रशिक्षण से डेवलप किया जा सकता है। अगर आपका मन सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक घटनाओं को देखकर चित्रांकन करने का करता है या फिर खाली समय में कागज पर रेखांकन करने की कोशिश करते हैं, तो यकीन मानिए आपके अंदर एक कार्टूनिस्ट छिपा है। अपनी इस कला को निखारना चाहते हैं, तो इसके लिए जरूरी प्रशिक्षण ले सकते हैं। इस फील्ड में अच्छी इनकम और भरपूर सम्मान है।

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क्रिएटिव माइंड

अच्छा कार्टूनिस्ट वह होता है, जो अपना मैसेज लोगों तक आसानी से पहुंचा सके। सेंस ऑफ ह्यूमर लाजवाब हो। जो चीजों को समझकर तुरंत उसका खाका दिमाग में खींच ले और फिर उसका स्केच पेपर या कंप्यूटर के जरिए ड्रॉ कर पाने में सक्षम हों। आज वही प्रोफेशनल कार्टूनिस्ट सक्सेसफुल हैं, जो हमेशा आउट ऑफ बॉक्स और इनोवेटिव करने की कोशिश करते हैं। वे अपने सब्जेक्ट पर फोकस्ड रहकर यूनीक तरीके से अपनी कहानी कहते हैं। इसका बात का ख्याल रखते हुए कि हर एज ग्रुप के लोग उनकी बात समझ सकें।

प्रिफर्ड स्किल्स

आज इंडस्ट्री उन्हीं कार्टूनिस्ट को वरीयता देती है, जो अच्छी स्केचिंग तो करते ही हैं, साथ ही टेक्निकली भी स्ट्रॉन्ग होते हैं। कार्टूनिस्ट के लिए जरूरी है कि वह अपनी फील्ड से रिलेटेड कंप्यूटर सॉफ्टवेयर्स की जानकारी रखे। कोरल ड्रॉ, फोटोशॉप जैसे सॉफ्टवेयर्स पर अच्छी कमांड होनी चाहिए। एक कार्टूनिस्ट की सोच ही उसके काम में झलकती है। इस फील्ड में नाम और पहचान कमाना चाहते हैं, तो देश और दुनिया की खबरों से अपडेट रहें। अपने आसपास घटने वाली घटनाओं के प्रति जागरूक रहें। एक कार्टूनिस्ट के लिए यह भी ध्यान रखने की जरूरत होती है कि उसके आर्ट या कार्टून से किसी की भावना को ठेस न पहुंचे। फूहडता और कला के बीच के फर्क को समझना भी आना चाहिए।

ग्रोथ स्कोप

कार्टूनिस्ट के लिए मीडिया सेक्टर और कॉमिक व‌र्ल्ड में काफी ऑप्शंस हैं। यहां मंथली या प्रोजेक्ट बेस पर सैलरी दी जाती है। अच्छे कार्टूनिस्ट को करियर की शुरुआत में ही तकरीबन 20 से 25 हजार रुपये प्रतिमाह मिलने लगते हैं। इसी तरह एडवरटाइजिंग एजेंसी में भी जॉब के अवसर होते हैं। कार्टूनिस्ट टीचर बनकर भी काम किया जा सकता है। स्टैब्लिश होने पर सैलरी एक लाख रुपये प्रतिमाह या अधिक भी हो सकती है। वैसे, क्रिएटिव लोग इस फील्ड में आसानी से पहचान बना सकते हैं।

कोर्स ऐंड एलिजिबिलिटी

कार्टूनिस्ट बनने के लिए बैचलर ऑफ फाइन आ‌र्ट्स, डिप्लोमा इन फाइन आ‌र्ट्स, मास्टर्स इन फाइन आ‌र्ट्स आदि कोर्स कर सकते हैं। बैचलर व डिप्लोमा कोर्सेज के लिए सीनियर सेकंडरी होना चाहिए। बैचलर कोर्स के बाद मास्टर्स कोर्स भी कर सकते हैं।

इंस्टीट्यूट्स

फाइन आ‌र्ट्स कोर्स कई कॉलेजेज-यूनिवर्सिटीज में उपलब्ध है। वैसे कार्टूनिंग के प्रमुख संस्थान हैं :

-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कार्टूनिस्ट, बेंगलुरु

-कॉमिक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, कोलकाता

डिसीजन मेकिंग क्वालिटी

कार्टून हर एज ग्रुप के लिए होता है, इसलिए इसके क्रिएशन और मैसेज में बैलेंस होना चाहिए। पहली नजर में ही मैसेज क्लियर होना ही कार्टूनिस्ट की सबसे बडी सफलता है। यह तभी संभव हो सकता है जब कार्टूनिस्ट में क्रिएटिविटी, सही सब्जेक्ट को चूज करने की कला और डिसीजन मेकिंग क्वालिटी होगी। यह सब एक्सपीरियंस और लगन से ही आ सकता है।

उदय शंकर, कार्टूनिस्ट

इंटरैक्शन : शरद अग्निहोत्री


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