समुद्र में इमारत
आज खूबसूरत क्रूज के जरिए समुद्र में छुट्टियां इंज्वॉय करना हो या फिर समुद्री रास्तों के जरिये दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक पेट्रोलियम और अन्य भारी-भरकम साजो-सामान भेजना हो, इन सब के लिए बडे-बडे समुद्री जहाजों की जरूरत होती है। सामानों की ढुलाई के लिए जहां मालवाहक शिप की जरूरत होती है, वहीं दुनिया घुमाने के लिए मल्टीस्टोरी यात्री जहाजों या क्रूज की जरूरत होती है। जब दुनिया के कुछ विकसित देशों के साहसी नाविकों ने अन्य देशों की यात्राएं शुरू कीं, तो इससे उन देशों में कई तरह के आदान-प्रदान हुए। नाविकों-यात्रियों ने दूसरे देशों की संस्कृति और परंपरा को जाना और व्यावसायिक गतिविधियां बढाई। इसमें सबसे अहम योगदान रहा समुद्री मार्गो का। नावों ने जब विस्तार लिया, तो ऐसे बडे-बडे पानी के जहाज बनकर तैयार होने लगे, जिसमें एक छोटा-मोटा शहर समा जाए। इन जहाजों को तैयार करने में लंबा समय लगता है और इसमें हजारों लोग एक साथ काम करते हैं। पानी के बडे-बडे जहाजों को बनाने की जो प्रक्रिया होती है, उसे शिप बिल्डिंग कहा जाता है। पूरी दुनिया में होने वाले आयात-निर्यात में सबसे बडा योगदान पानी के जहाजों का है।
संभावनाएं एक रिसर्च के मुताबिक शिप बिल्डिंग का कोर्स करने के बाद करियर का ग्राफ तेजी से आगे बढता है। उदाहरण के तौर पर फ्रेशर स्तर पर इस कोर्स के बाद स्टूडेंट असिस्टेंट मैनेजर/इंटर्न/शॉप फ्लोर एग्जीक्यूटिव के रूप में नियुक्त हो सकते हैं। तीन साल के अनुभव के बाद डिप्टी मैनेजर तक बन सकते हैं, लेकिन इसके लिए शिप प्रोडक्शन में पोस्ट ग्रेजुएशन करना जरूरी होता है। शिप बिल्डिंग में एमबीए करने के बाद आप मैनेजर बन सकते हैं। उसके बाद डीजीएम, जीएम और सीईओ तक की पोस्ट पर पहुंच सकते हैं।
कोर्स एवं योग्यता बीएससी इन शिप बिल्डिंग ऐंड रिपेयर कोर्स की अवधि है तीन वर्ष। बीएससी (शिप बिल्डिंग और रिपेयर) में एडमिशन लेने के लिए अभ्यर्थी को 12वीं पास होना जरूरी है। इसके अलावा, 12वीं में पीसीएम में कम से कम 55 फीसदी अंक होना जरूरी है। 10वीं व 12वीं में अंग्रेजी में 50 फीसदी अंक होने चाहिए। इसमें सिर्फ अविवाहित छात्र/छात्राएं ही एडमिशन प्राप्त कर सकते हैं। इस कोर्स को करने की उम्र किसी भी सत्र के अगस्त तक 17 से 25 साल (एससी/एसटी को सरकारी दिशा निर्देश के अनुसार छूट प्राप्त है) के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा इसमें उन्हीं छात्रों को आवेदन करने का मौका मिलता है, जो सीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं। सीईटी की परीक्षा आईएमयू, चेन्नई कंडक्ट कराता है, जो वर्ष में एक बार होती है। इसके बाद आईएमयू लिखित परीक्षा आयोजित करता है और अभ्यर्थियों की काउंसलिंग भी की जाती है।
आमदनी जैसे-जैसे आपकी योग्यता बढेगी, तरक्की की राह आसान होगी। एक असिस्टेंट मैनेजर की सैलरी 30 हजार से शुरू होती है और सीईओ तक लाखों में पहुंच जाती है।
एक्सपर्ट एडवाइज हिन्द इंस्टीट्यूट ऑफ नॉटिकल साइंस एंड इंजीनियरिंग के डायरेक्टर संजीव कुलश्रेष्ठ के मुताबिक बीएससी इन शिप बिल्डिंग ऐंड रिपेयरिंग बिलकुल नया कोर्स है। इस कोर्स में जॉब प्लेसमेंट की बेहतर उम्मीद होती है। इस फील्ड में जॉब ऑप्शन सिर्फ भारत ही में नहीं, बल्कि दुनिया के हर कोने में हैं। इसका कारण शिप बिल्डिंग की अधिकतर फैक्ट्रीज का विदेशों में स्थित होना है।