नशामुक्त गांव व पंचायत बनाने का संकल्प
चाईबासा : नशापान से बरबाद होती नयी पीढ़ी को बचाने एवं गांव के सर्वागीण विकास के लिए गांव एव
चाईबासा : नशापान से बरबाद होती नयी पीढ़ी को बचाने एवं गांव के सर्वागीण विकास के लिए गांव एवं पंचायत को नशामुक्त करने का झींकपानी प्रखंड के असुरा गांव के ग्रामीणों ने निर्णय लिया है। असुरा गांव की ग्रामसभा ने गांव में शराबबंदी का निर्णय लिया है। इस निर्णय को निर्णायक रूप देने का बीड़ा गांव में गठित 16 महिला समितियों के सदस्यों ने उठाते हुए रविवार को नशापान एवं जुआ के खिलाफ जागरूकता रैली निकाली। ग्रामसभा अध्यक्ष मधुसुदन बिरूली एवं मुखिया सालुका सुंडी के नेतृत्व में निकली इस रैली में गांव की लगभग 150 महिलाओं ने बैनर पोस्टर लेकर शराब बिक्री एवं जुआ खेल के खिलाफ हुंकार भरी। गांव के 6 टोलों में घुमकर नशा एवं जुआ के खिलाफ महिलाओं ने नारेबाजी कर इसे घिनौना कार्य करार दिया। साथ ही इसे पुर्णत: बदं करने की चेतावनी भी दी। रैली सभंवत: झींकपानी प्रखंड क्षेत्र की पहली रैली होगी। जागरूकता एंव चेतावनी रैली से पूर्व ग्रामसभा की बैठक हुई थी जिसमें उपस्थित लोगों ने गांव में शराब की बिक्री को पूर्णत: बंद करने का निर्णय लिया। शराब बेचने वालों को ग्रामसभा की ओर से अगले माह तक का अल्टीमेटम दिया गया है। इसके बाद भी शराब बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया गया है। महिलाओं का मानना है कि गांव में शराब बिक्री के कारण लोगों में नशापान की प्रवृति बढ़ती जा रही है। जिससे घर परिवार एवं समाज विकास करने के बजाय विनाश की ओर जा रहा है। बैठक को संबोधित करते हुए मुखिया सालुका सुंडी ने कहा कि इसे किसी एक गांव का अभियान बनने नहीं देंगे बल्कि इस अभियान के बदौलत नशामुक्त गांव एवं नशामुक्त पंचायत का निर्माण करेंगे और ग्रामसभा को मजबूत करेंगे। इस अभियान में पंचायत समिति सदस्य माधुरी कुई, उपाध्यक्ष मदन पुरती, सचिव अर्जुन गोप, चौधरी बुड़ीउली, सायलोक गोप, सुप्रभा देवी, राजेश पुरती, राजकिशोर गोप आदि शामिल थे।
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16 महिला समितियों ने निकाली रैली
झींकपानी प्रखंड के असुरा गांव में ग्रामसभा के निर्णय के अनुसार रविवार को नशापान एवं शराब बिक्री के खिलाफ निकाली गयी रैली में गांव में गठित 16 महिला समिति के लगभग 150 सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस रैली में असुरा गांव की उड़ान महिला समिति, मां तरिणी समिति, मालिबा समिति, जय मां तारिणी महिला समिति, तुलसी महिला समिति, उलीबाह समिति, गुलाब समिति, कमला-कमना समिति, सेंया मसकल समिति, मिली -जुली समिति, जोजोबा समिति, ममता महिला मंडल, चंपावती महिला समिति, बबिता महिला मंडल, सोनामुनी महिला मंडल एवं ज्योति जीवन महिला मंडल के सदस्य शामिल थे।