सड़क हादसा बन रहा मौत का कारण
सिमडेगा : जिले में प्रत्येक वर्ष सड़क हादसे में दर्जनों लोगों की मौत हो रही है। वहीं बड़ी संख्या में ल
सिमडेगा : जिले में प्रत्येक वर्ष सड़क हादसे में दर्जनों लोगों की मौत हो रही है। वहीं बड़ी संख्या में लोग घायल भी होते हैं। अधिकतर देखा जाता है कि दुर्घटना में शिकार लोगों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने या इलाज नहीं होने से मौत हो जाती है। सड़क हादसा जहां पीड़ित के लिए खतरनाक होता है वहीं उसके आश्रितों के लिए भी काफी दुखदायी होता है। खासकर गरीब परिवार के लिए यह दुख असहनीय होता है। विदित हो कि जिले में कई ऐसे स्थल भी हैं जो दुर्घटनास्थल के रूप में चिह्नित है। जिसमें मुख्य रूप से एनएच-143 पर कालेबिरा घाटी, ठेठईटांगर के पंडरीपानी, अर्जुनटोली, केरया घाटी, जलडेगा रोड में हर्रापानी मोड़, मनोहर डाउन, लंबोई मोड़ आदि शामिल है। इन स्थानों में आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। कहीं संकरा पुल तो कहीं घुमावदार पथ दुर्घटना का मुख्य वजह बनता है। इसके साथ ही जिले के एनएच-143 पर भारी वाहनों का परिचालन रात-दिन होते रहता है। साथ ही शहर के भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में वाहनों की गति अधिक रहता है। जिससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। बीते चंद सालों में दो स्कूली बच्चों की मौत भी शहर में हुई दुर्घटना के दौरान हो गई थी। इसके अलावा कोलेबिरा घाटी और अन्य जोन में दुर्घटनाएं होती रहती है। तेज रफ्तार एवं नशापान के कारण लोग दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। दुर्घटना के बाद घायलों का त्वरित व समुचित इलाज नहीं हो पाता है। प्राथमिक उपचार करने के बाद उसे रेफर कर दिया जाता है। सामाजिक कार्यकर्ता चंदन दे कहते हैं कि घुमावदार सड़क व संकरे पुल के समीप संकेतक नहीं लगने से भी हादसे होते हैं। बीते दिनों उन्होंने कोलेबिरा घाटी में अपने स्तर से संकेतक भी लगाए थे।