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उपज बढ़ाने के लिए आधुनिक उपकरण जरूरी

-कृषि सांख्यिकी व फसल कटनी प्रयोग प्रशिक्षण कार्यक्रम फोटो संख्या :1 सिमडेगा : राज्य में आर्थ

By Edited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 06:19 PM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 06:19 PM (IST)
उपज बढ़ाने के लिए आधुनिक उपकरण जरूरी

-कृषि सांख्यिकी व फसल कटनी प्रयोग प्रशिक्षण कार्यक्रम

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फोटो संख्या :1

सिमडेगा : राज्य में आर्थिक व्यवस्था को सशक्त बनाने एवं कृत्रिम तरीके से कृषि उत्पादन को बढ़ाने देने के लिए खाद, उर्वरक, उत्तम बीज और आधुनिक उपकरणों के प्रयोग पर बल दिया जा रहा है। सरकार जानना चाहती है कि हमारे खेत में नगदी फसल, फल और साग-सब्जी की उपज कितनी होती है। ये बातें जिला कृषि पदाधिकारी अनिमानंद टोप्पो ने कही। वे बुधवार को समाहरणालय में आयोजित कृषि सांख्यिकी व फसल कटनी प्रयोग प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोल रहे थे। इसमें जिले के सभी राजस्व कर्मचारी व कृषि विभाग के कर्मियों को कृषि सांख्यिकी के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया।

उपज के आंकड़े होंगे संकलित

कृषि पदाधिकारी ने बताया कि कृषि वर्ष एक जुलाई से शुरू होकर 30 जून तक चलता है। आकंड़ों का संग्रह प्राथमिक अभिकर्ता के द्वारा जांच कर पूर्ण की जाती है। फसल व शस्य क्षेत्र सर्वेक्षण, केन्द्रीय प्रभाग योजना, फल सब्जी शाखा, फसल कटनी, फसल बीमा, भूमि उपयोगिता सर्वेक्षण, शुद्ध ¨सचित विवरणी, पूर्वानुमान, प्रक्षेत्र मूल्य, वर्षापात आदि का सर्वेक्षण कर संबंधित रिपोर्ट प्रखंड व जिला को उपलब्ध कराया जाना है। इससे जिले के बारे में रिपोर्ट तैयार किया जा सकेगा।

जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सुकूल उरांव ने खेसरा पंजी के निर्माण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके अलावा डाटा को वेबसाइट में डाउनलोड करने के बारे में भी विस्तार से बताया। मौके पर सीआइ क्रिस्टोफर लकड़ा, ओम प्रकाश प्रसाद सहित अधिकारी व कर्मी मौजूद थे।


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