सिल्बानुस के गांव में खुशी से झूम उठे लोग
केरसई : प्रसिद्ध ओलंपियन सिलबानुस डुंगडुंग को ध्यानचंद अवार्ड मिलने की घोषणा से उनके पैतृक गांव
केरसई : प्रसिद्ध ओलंपियन सिलबानुस डुंगडुंग को ध्यानचंद अवार्ड मिलने की घोषणा से उनके पैतृक गांव ठेसूटोली में हर्ष का माहौल है। प्रखंड के कोनजोबा पंचायत के ठेसूटोली गांव में रह रहे सिल्बानुस डुंगडुंग के परिजनों ने जैसे ही यह खबर सुनी, खुशी से झूम उठे । उन्हें यह जानकारी दैनिक जागरण के प्रतिनिधि से मिली।
प्रमुख अनीमा बोलीं,सिल्बानुस अवार्ड के वाजिब हकदार
सिल्बानुस डुंगडुंग के भाई जुनैल डुंगडुंग ने बताया कि उन्हें यह सुनकर काफी हर्ष हो रहा है कि उनके भाई को ध्यानचंद अवार्ड मिलेगा। इसके अलावा सिल्बानुस डुंगडुंग के भाई की बहू सह केरसई प्रखंड के प्रमुख अनीमा डुंगडुंग ने भी कहा कि सिल्बानुस डुंगडुंग अवार्ड के वाजिब हकदार थे। उन्हें यह अवार्ड मिलना ही चाहिए था।
विदित हो कि सिल्बानुस डुंगडुंग अपने दोनों बेटों के साथ रांची में रहते हैं। वहीं उनके ठेसूटोली स्थित पैतृक घर में उनके भाई परिवार के साथ रहते हैं। उनके माता का नाम मोनिका किड़ो तथा पिता का नाम स्व. मार्कुस डुंगडुंग है। सिल्बानुस डुंगडुंग ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई आरसी प्राथमिक विद्यालय सरईटोली, टैंसेर मिशन स्कूल से पूरी की। वहीं दसवीं की परीक्षा संत मेरीज स्कूली सिमडेगा से प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने आर्मी ज्वाइन कर ली थी।
बदहाली का दंश झेल रहा ओलंपियन का गांव
केरसई : पूर्व ओलंपियन का गांव आज भी बदहाली का दंश झेल रहा है। गांव में सड़क, मोबाइल नेटवर्क की काफी समस्या है। गांव में तीन महीने से बिजली नहीं है। प्रखंड मुख्यालय से ठेसूटोली जानेवाला पथ दयनीय है। कई जगहों पर सड़क टूट गई है। इससे बरसात के दिनों में अधिक परेशानी होती है। इसके अलावा स्वास्थ्य उपकेन्द्र में भी कभी-कभार ही नर्स आती है। जिससे गांव वालों को पर्याप्त सुविधा नहीं मिल पाती है।
कॉर्डिनेटर के रूप में कार्यरत सिल्बानुस
सिमडेगा: सिल्बानुस डुंगडुंग अपने खेल कैरियर के बाद भी हॉकी में अपना योगदान देते रहे हैं। वर्ष 2004 से लेकर 2013 तक उन्होंने बरियातु हॉकी सेंटर में प्रशिक्षक के रूप में योगदान दिया तो वर्तमान में वे झारखंड स्पोर्ट्स कॉर्डिनेटर के रूप में कार्यरत हैं। बतौर मानदेय उन्हें 15 हजार मिलता है।