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कोनबेगी में मिले चार मरीज

जासं, सिमडेगा : ठेठईटांगर प्रखंड के कोनबेगी में मंगलवार को चार नए मरीज स्वास्थ्य विभाग को मिले हैं।

By Edited By: Published: Tue, 09 Jun 2015 07:44 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2015 07:44 PM (IST)
कोनबेगी में मिले चार मरीज

जासं, सिमडेगा : ठेठईटांगर प्रखंड के कोनबेगी में मंगलवार को चार नए मरीज स्वास्थ्य विभाग को मिले हैं। जांच दल ने चारों के रक्त का सैंपल ले लिया है। मरीजों में कोनबेगी के किशोर एक्का, बंधु टोप्पो और पोढ़ाटोली के सेलेस्टिन केरकेट्टा व सामुएल केरकेट्टा हैं। एंथ्रेक्स बीमारी की आशंका जतायी जा रही है। डॉ. अध्ययन शरण, डॉ. दिनेश कुमार, डॉ. रितेश कुमार, डॉ. अंजलुन आर्यन, सुदामा ¨सह, एतवा उरांव, मनोज कुमार ने कोनबेगी में दौरा कर पीड़ित के अलावा गांव के अन्य लोगों के बीच दवा का वितरण किया। वहीं पशुपालन विभाग के राज्य शोध पदाधिकारी डॉ. विमल हेमरोम, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. अभय प्रसाद ¨सह के नेतृत्व में पशुपालन विभाग की टीम कोनबेगी पहुंची। इस दौरान टीम ने मरे हुए पशुओं से सैंपल संग्रह किया।

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स्थिति पर नजर रखे हुए हैं सिविल सर्जन

ठेठईटांगर में एंथ्रेक्स के मद्देनजर सिविल सर्जन डॉ. बेनेदिक्त ¨मज स्वयं स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। मंगलवार को उनके नेतृत्व में एक टीम बसारटोली गांव पहुंचकर स्थिति की जानकारी प्राप्त की गई। सीएस ने लोगों को मृत पशुओं को किसी भी परिस्थिति में आहार नहीं बनाने की बात ग्रामीणों से कही। साथ ही, लोगों को किसी भी प्रकार की जख्म होने पर तुरंत स्थानीय अस्पताल में जाकर जांच कराने की बात कही। इस दौरान उनके साथ सुशांत कुमार मौजूद थे।

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ग्रामीणों के बीच दवा का वितरण

प्रभावित गांव कोनबेगी पोढ़ाटोली व बसारटोली के आसपास के गांव के लोगों के बीच एंथ्रेक्स से बचाव के लिए दवा का वितरण स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया गया। ठेठईटांगर खास, बाजार कॉलोनी, बड़काडाड़, डुमरटोली आदि के 200 परिवार को बीमारी रोधक दवा प्रदान की गई। साथ ही, लोगों को जागरूक होने की बात कही गई।

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कोनबेगी पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

कोनबेगी में एंथ्रेक्स से मिलते जुलते बीमारी की जानकारी मंगलवार को सबसे पूर्व बीडीओ हरि उरांव को दी गई। इसके बाद उन्होंने प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. दिनेश कुमार को जानकारी दी। आनन फानन में चिकित्सा प्रभारी ने रेफरल अस्पताल से टीम का गठन किया और स्वयं टीम के साथ प्रभावित गांव के लिए रवाना हुए। फिर सिमडेगा की जिलास्तरीय टीम भी उस ग्रुप में शामिल हो गई और प्रभावित गांव पहुंचकर मामले की जानकारी ली।

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स्वास्थ्य कर्मियों को दिया प्रशिक्षण

ठेठईटांगर में एंथ्रेक्स बीमारी को ले रेफरल अस्पताल में ट्रे¨नग का आयोजन किया गया। इस दौरान सीएस डॉ.बेनेदिक्त ¨मज ने प्रखंड के साहिया, एएनएम और स्वास्थ्यकर्मियों को एंथ्रेक्स बीमारी के कारण, बचाव और लक्षण के बारे में जानकारी दी। साथ ही, बीमारी की पहचान की जानकारी देकर लोगों को जागरूक करने की बात कही। वहीं पशुपालन विभाग के राज्य शोध पदाधिकारी डॉ. विमल हेमरोम ने मृत पशुओं के माध्यम से फैलने वाली एंथ्रेक्स के रोक थाम के बारे में जानकोगोी देते हुए लोगों को मृत पशुओं को भोजन नहीं बनाने की बात कही। इसके अलावा पशुओं का टीकाकरण कराने की बात कही।


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