विरोध के बीच पांच बालू घाटों की हुई नीलामी
जासं, सिमडेगा : समाहरणालय स्थित सभागार में विरोध प्रदर्शन के बावजूद कड़ी सुरक्षा में शनिवार को जिले
जासं, सिमडेगा : समाहरणालय स्थित सभागार में विरोध प्रदर्शन के बावजूद कड़ी सुरक्षा में शनिवार को जिले के पांच बालू घाटों की नीलामी की गई। एसी सूर्यप्रकाश की अध्यक्षता में हुई नीलामी प्रक्रिया में लचरागढ़ बालू घाट को संदीप कुमार ने 55,000, बांसजोर बालू घाट के लिए जगेश्वर नाग ने 51,000, पाईकपारा बालू घाट के लिए सुधीर प्रसाद ने 55,000, चिड़राटोली बालू घाट का इदरीस अली ने 57000 और उरते बालू घाट का 85,000 की बोली लगाकर जगेश्वर नाग ने मालिकाना हक प्राप्त किया। वे तीन वर्षों तक इस घाट से बालू का उठाव करवा सकते हैं।
एसी नागेंद्र सिन्हा ने बताया कि आज कुल सात घाटों की नीलामी होनी थी, लेकिन गरजा व केशलपुर बालु घाट को पंचायत से एनओसी नहीं मिलने के कारण दोनों की नीलामी प्रक्रिया स्थगित कर दी गई। जिले के अन्य बालू घाट की नीलामी 14 मई को किया जाएगा। मौके पर दंडाधिकारी मयंक भूषण, जिला खनन पदाधिकारी कपिलदेव प्रसाद, बीडीओ बंधन लॉंग, डीपीआरओ शिवनंदन बड़ाइक आदि मौजूद थे।
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आछासं ने किया विरोध प्रदर्शन
जिले के बालू घाटों की नीलामी को लेकर आदिवासी छात्र संघ के नेतृत्व में समाहरणालय के पास धरना प्रदर्शन किया गया। हालांकि भारी संख्या में पुलिस बल की नियुक्ति के कारण प्रदर्शन ज्यादा आक्रमक नहीं हो सका। छात्र संघ के प्रदीप टोप्पो के नेतृत्व में लोगों ने एनएच पर जुलूस निकालकर बालू घाट की नीलामी का विरोध किया। प्रदीप टोप्पो ने कहा कि हमारे पुरखों का बलिदान के बाद हमें झारखंड प्राप्त हुआ है। ऐसे में बालू घाट की नीलामी कर यहां के लोगों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
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नीलामी रद करने की मांग
शनिवार को समाजिक कार्यकर्ता असीम हेरेंज ने उपायुक्त दीप्रवा लकड़ा आवेदन सौंपकर नीलामी को रद करने की मांग की है। उन्होंने बालू घाट की नीलामी से पर्यावरण को खतरा, जलस्तर में गिरावट, आदिवासियों के अस्तित्व पर संकट आर संविधान का उल्लंघन बताया है। उन्होंने कई लोगों के हस्ताक्षरयुक्त आवेदन के माध्यम से इन बातों पर ध्यान देते हुए बालू घाट की नीलामी को रद करने की मांग की है।