प्रभु यीशु ने दिया था प्रेम व क्षमा का संदेश
ठेठईटांगर : प्रखंड में रविवार को पास्का का पर्व मनाया गया। इस दौरान सभी गिरजाघरों में सुबह पवित्र मि
ठेठईटांगर : प्रखंड में रविवार को पास्का का पर्व मनाया गया। इस दौरान सभी गिरजाघरों में सुबह पवित्र मिस्सा बलिदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके पूर्व रात्रि में कब्र पर कार्यक्रम का आयोजन किया किया गया। मुख्यालय के बजारटांड़ स्थित कब्रगाह में बोलबा के प्रचारक प्रमोद कुल्लू ने मोमबत्ती प्रज्जवलित कर कार्यक्रम शुरू किया। उन्होंने कहा कि पापियों को पाप से बचाने के प्रयास के लिए परमपिता परमेश्वर के पुत्र प्रभु यीशु को सजा दी गई थी। उनके पार्थिव शरीर को कब्र ने भी ग्रहण करने से इंकार कर दिया। दूसरे दिन सुबह जब कुछ लोगों ने प्रभु यीशु के कब्र पर जाकर देखा तो वहां उनका शरीर नहीं था। बल्कि उनके स्थान पर स्वर्ग से आया एक सफेद वस्त्र धारण किया देवदूत था। जिन्होंने बताया कि यीशु जीवित हो गए हैं। इसी विश्वास के कारण कि मौत के बाद जी उठने की घटना के स्मरण में कब्र पर्व अर्थात् पास्का मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि जीवित होने के बाद प्रभु यीशु 40 दिनों तक पृथ्वी पर रहे और लोगों को अंधेरे से उजाले की ओर जाने, बुराई पर अच्छाई की जीत, पाप पर पुण्य की विजय, पुनर्जन्म होने, प्रेम, शांति, दया, क्षमा का संदेश दिया। फिर पृथ्वी लोक से स्वर्ग लोक चले गए। कार्यक्रम के दौरान प्रचारक ने लोगों को प्रभु यीशु मसीह के संदेश को अपने जीवन में आत्मसात करने की बात कही। कार्यक्रम को सफल बनाने में युवा संघ तथा अन्य लोगों ने सहयोग किया। लोगों ने कब्र पर मोमबत्ती जलाकर पूर्वजों को याद किया।