मध्यस्थता से सुलझ सकते हैं मामले
सिमडेगा : झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश के आलोक में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से शनिवार को व्यवहार न्यायालय में मध्यस्थता जागरूकता शिविर का आयोजन हुआ। झालसा के प्रतिनिधि के तौर पर अधिवक्ता नीलम शेखर, कुमारी शीला व मधुसूदन गांगुली सम्मिलित हुए। मौके पर अधिवक्ता नीलम शेखर ने कहा कि मध्यस्थता प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा है, जिसके माध्यम से वादी व प्रतिवादी दोनों को समझाकर लंबित मामलों का निपटारा कराया जा सकता है। इससे रुपये व समय की तो बचत होती ही है, दोनों पक्ष भी संतुष्ट होते हैं। मध्यस्थता में जज के साथ अधिवक्तागण महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वहीं प्रशिक्षक मधुसूदन गांगुली ने प्रोजेक्टर के माध्यम से विषयवस्तु पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के अध्यक्ष केके झा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसके झा, उपायुक्त सह प्राधिकार के उपाध्यक्ष राजीव रंजन, सीजेएम सत्यपाल, एसडीजेएम अरुण कुमार दुबे, प्रभारी जज विक्रम आनंद, स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष मिहिर प्रवाल, एसडीओ कार्तिक कुमार प्रभात, डीएसई रेणुका तिग्गा, डीआरडीए निदेशक पूर्णचंद कुंकल, डीपीआरओ शिवनंदन बड़ाईक, कार्यपालक दंडाधिकारी मारुति मिंज, डीएसपी एनएन दास, शीतल प्रसाद, डॉ.अब्बास के अलावा कर्मचारियों में शिवेंदु कुमार, सुरेंद्र कुमार, अमर दीपक खेस्स, मनु ठाकुर, अवधेश कुमार, सुरेश कुमार चौधरी, संजय कुमार तिवारी आदि उपस्थित थे।