नेताओं को लग रहा बिजली का झटका
सिमडेगा : मतदान की तिथि ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है, त्यों-त्यों मतदाताओं के शब्द बाण से प्रत्याशी चिलचिलाती धूप में गश खाने लगे हैं। और तो और अब तो उम्मीदवारों को बिजली के करंट भी लगने लगे हैं। जिले में आधे से ज्यादा गांव में आजतक बिजली नहीं पहुंची है। जिन गांवो तक बिजली पहुंची भी है वहां अबतक सही ढंग से बिजली जल नहीं रही है। दर्जनों वैसे गांव है जहां का ट्रांसफार्मर जले सालों बीत चुका है। लेकिन उनकी खबर लेने वाला कोई नहीं है। कई लोग तो चंदा-चुकाड़ी कर बिजली विभाग के बाबू से बड़ी आरजू-मिन्नत के बाद ट्रांसफार्मर लगवा लेते हैं, तब कहीं जाकर उनके मोहल्ले व गांव रोशन होते हैं। ये तो गांवो का हाल है, वैसे सिमडेगा जिले के शहरी क्षेत्र में दर्जनभर से ज्यादा मुहल्ले ऐसे हैं जहां लोग आज भी ढिबरी के सहारे रात गुजारते हैं। बात यहीं खत्म नहीं होती जिले के दस में से चार प्रखंड मुख्यालय केरसई, पाकरटांड, बोलबा, बांसजोर जैसे जगहों पर आज तक बिजली नहीं पहुंची है। ऐसे में नेता जी जब वोट मांगने गांव जा रहे हैं, तो जनता भी मौका देख चौका मारने से नहीं चुकती और कह डालती है कि पहले बिजली तो ला दीजिए फिर वोट की बात कीजिएगा। इसी कड़ी में नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड नंबर 1 के आधे दर्जन गांव के ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का अल्टीमेटम दे दिया है। अब जनता की नाराजगी देख एक नेता जी, जो फिलहाल खूंटी लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार भी हैं, का फोन बिजली विभाग के पदाधिकारी तक पहुंच गया और वे कहने लगे कि साहब जी चुनाव का वक्त है और ज्यादातर लोग मेरे पार्टी के वोटर हैं ऐसे में जुगाड़ तंत्र लगाकर बिजली चालू करवा दीजिए। अब इस चुनाव का असर देखिये जिस नेता जी को इतने दिन गांव की याद नहीं आयी कि उन्हें मतदाताओं के द्वारा दिये गये बिजली के झटके ने फोन घुमाने पर मजबूर कर दिया। ऐसा ही कुछ नजारा गांव-गांव में देखने को मिल रहा है और मतदाता के सवाल सुन उम्मीदवारों के होश ठिकाने लग रहे हैं।