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बारिश थमी, ईचागढ़ में जलभराव से स्थिति बिगड़ी

जागरण टीम, चाडिल/नीमडीह/पोटका//पटमदा : लगातार चार-पांच दिनों तक हुई बारिश बुधवार को थम गइ

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jul 2017 01:23 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jul 2017 01:23 AM (IST)
बारिश थमी, ईचागढ़ में जलभराव से स्थिति बिगड़ी
बारिश थमी, ईचागढ़ में जलभराव से स्थिति बिगड़ी

जागरण टीम, चाडिल/नीमडीह/पोटका//पटमदा : लगातार चार-पांच दिनों तक हुई बारिश बुधवार को थम गई, लेकिन ईचागढ़ क्षेत्र में जलभराव से स्थिति बिगड़ गई है। अभी कई गांव पानी में डूबे हैं। वहीं जिन ऊंचे क्षेत्रों से पानी निकल गया है, वहां गंदगी और पानी जनित बीमारियों का खतरा बना हुआ है। ईचागढ़ में मंदिर, मकान और विद्यालय भवन अभी भी पांच से छह फीट तक पानी में डूबे हुए हैं।

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इस बीच सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त छविरंजन ने बुधवार को चांडिल डैम और जलभराव से प्रभावित इलाकों में बचाव व राहत कार्य निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिया। उपायुक्त ने जयदा मंदिर में डूबे पुल व आसनबनी के रोपवे को भी देखा। उपायुक्त ने आम जनता को हिदायत दी कि वे अपने बच्चों को डोभा से दूर रखें। डोभा में पानी भर गया है और इसमें जाना बच्चों के लिए खतरनाक को सकता है।

इस बीच चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) भागीरथ प्रसाद ने क्षेत्र के कई पुलों के ऊपर से पानी बहने की सूचना के बाद जयदा मंदिर के पास के पुल, अलवेला गार्डेन के समाने का पुल, डैम रोड स्थित पुल, एनएचसी से हुमिद जोड़ने पुल पर आवागमन पर रोक लगा दी है। साथ ही उन्होंने पुल के आसपास जल जमाव होने पर पुल से आना-जाना नहीं करने की अपील की है।

चाडिल एसडीओ ने बताया कि ईचागढ़ में जलभराव को देखते हुए जलस्तर में कमी के लिए जरूरत पड़ी तो और भी रेडियल गेट खोले जा करते हैं। इस बीच बुधवार को चाडिल डैम का जलस्तर 182.75 से बढ़कर 183 मीटर तक पहुंच गया। डैम तीन रेडियल गेट को साढे़ तीन व सात रेडियल गेट को तीन तीन मीटर तक खोला गया है।

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पोटका

तुरामडीह माइंस में परॉक्साइट का उत्पादन ठप

यूसिल की तुरामडीह यूरेनियम प्रोजेक्ट के डैम टूटने से तीन दिनों से प्लांट में परॉक्साइट का उत्पादन ठप है। यहां सामान्य स्थिति में प्रतिदिन पांच ड्रम यूरेनियम परॉक्साइट का उत्पादन होता है। तुरामडीह यूरेनियम प्रोजेक्ट के मिल डीविजन (प्रोसेसिंग प्लांट) में आस-पास की तीन खदानों, तुरामडीह, महुलडीह और बादुहूरांग से निकाले गए यूरेनियम अयस्क का शोधन (प्रोसेसिंग) होता है। वहीं अवशेष को स्लाइम डैम में छोड़ा जाता है। अब डैम की मरम्मत के बाद ही प्लांट से उत्पादन शुरू होगा।

जमशेदपुर ग्रामीण

तालसा में ट्रम लगाकर रोका रास्ता : यूसिल की तुरामडीह प्रबंधन ने एहतियात के तौर पर कुदादा से तालसा जाने वाली कच्ची सड़क को ड्रम लगाकर अवरोधित कर दिया है। वहीं खेतों में यूरेनियम अयस्क का कचरा फैलने से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए ग्रामीणों ने प्रति डिसमिल 10 हजार रुपये की मांग की है जबकि यूसिल प्रबंधन प्रति एकड़ सरकारी नियम के हिसाब से मुआवजा राशि तय करना चाहता है। इस मुद्दे पर जिच जारी है। वहीं झामुमो प्रखंड कमेटी के जिला संगठन सचिव बहादुर किस्कू की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने अंचलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर तुरामडीह माइंस के कचरे से तबाह हुए तालसा, डुंगरीटोला, छोटा तालसा, धातकीडीह, भादुडीह, काचा, गाडेगूगरी के किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की है।

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