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भगवान भास्कर को प्रथम अ‌र्घ्य आज

सरायकेला : सरायकेला-सीनी समेत आस-पास के क्षेत्रों में मंगलवार को छठ महापर्व का खरना संपन्न हुआ। बुधव

By Edited By: Published: Wed, 29 Oct 2014 01:33 AM (IST)Updated: Wed, 29 Oct 2014 01:33 AM (IST)
भगवान भास्कर को प्रथम अ‌र्घ्य आज

सरायकेला : सरायकेला-सीनी समेत आस-पास के क्षेत्रों में मंगलवार को छठ महापर्व का खरना संपन्न हुआ। बुधवार को छठ व्रती व श्रद्धालु अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को प्रथम अ‌र्घ्य देंगे। सोमवार को नहाय- खाय के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व का शुभारंभ हुआ। छठ को लेकर सरायकेला में खरकई नदी स्थित जगन्नाथ घाट, श्मशान काली मंदिर घाट एवं कुदरसाही घाट की साफ- सफाई एवं समतलीकरण का कार्य अंतिम चरण पर है। जगन्नाथ घाट का समतलीकरण एवं घाट तक जाने के लिए बनाए जा रहे रास्ता का कार्य संपन्न हो गया है। श्रद्धालु भी अपने स्तर से घाट की सफाई करने में जुट थे। नगर पंचायत की ओर से सरायकेला के सभी छठ घाटों में प्रकाश की व्यवस्था की गयी है। इसके लिए पोल एवं बांस का खंभा गाड़ा जा रहा है। सीनी में भी छठ घाट की तैयारियां अंतिम चरण में है। यहां पर पंपू तालाब व राजा तालाब में छठ व्रती व श्रद्धालु भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य देते हैं। मोहितपुर के नाला में भी कुछ श्रद्धालु भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य देते हैं। छठ महापर्व को लेकर सीनी के सभी घाटों की सफाई की जा रही है यहां सबसे अधिक पंपू तालाब में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। उदयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के लिए यहां रात से ही श्रद्धालुओं को भीड़ रहती है। इसके मद्देनजर यहां रात को प्रकाश की विशेष व्यवसथा की जाती है। तालाब के पश्चिमी छोर पर पहले छठ घाट हुआ करता था परंतु रेलवे प्रशासन द्वारा मिट्टी की कटाई किए जाने से छठ घाट का अस्तित्व समाप्त हो गया और पिछले वर्ष से तालाब के पूर्वी छोर पर नए सिरे से छठ घाट का निर्माण किया गया। घाट तक जाने के लिए भी रास्ता बनाया गया जिसके लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। स्थानीय श्रद्धालुओं का कहना है कि हर जगह जहां रेलवे का तालाब है वहां छठ घाट बनाया गया है परंतु सीनी के पंपू तालाब में रेल प्रशासन द्वारा छठ घाट बनाने की बात दूर यहां के पुराने छठ घाट को भी नष्ट कर दिया गया। रेल प्रशासन से स्थानीय श्रद्धालु कई वर्षो से पंपू तालाब में स्थायी छठ घाट बनाने की मांग करते आ रहे हैं। राजा तालाब में सरकारी योजना के तहत छठ घाट का निर्माण किया गया है परंतु घाट तक जाने के लिए रास्ता की सुविधा नहीं होने की वजह से लोगों को कई तरह की परेशानियां होती है। छठ के मौके पर यहां लगभग 400 श्रद्धालु जुटते हैं रास्ता की सुविधा नहीं होने की वजह से अब यहां श्रद्धालुओं की संख्या घटने लगी है। राजा तालाब जाने के लिए श्रद्धालुओं को एक गली से होकर गुजरना पड़ता है जिसमें उन्हें काफी सतर्कता बरतनी पड़ती है।

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मंगलवार को छठ को लेकर सरायकेला व सीनी बाजार में फल दुकानों पर ग्राहकों की भी काफी भीड़ रही। जहां फल के साथ- साथ पूजा में उपयोग होने वाले अन्य सामग्री के दुकानों पर भीड़ रही। सेब 60 से 120, नारंगी 50, केला 300 रूपया से 500 रूपया, अंगूर 100 से 160, नारियल 25- 30 रुपया पीस बिका।


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