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पाकुड़ के चालान पर बंगाल जा रहा पतना का पत्थर

साहिबगंज : बरहड़वा थानान्तर्गत रिसोड़ में संचालित खनन विभाग के चेकनाका से होकर प्रतिदिन बंगाल जानेवाले

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 07:36 PM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 07:36 PM (IST)
पाकुड़ के चालान पर बंगाल जा रहा पतना का पत्थर

साहिबगंज : बरहड़वा थानान्तर्गत रिसोड़ में संचालित खनन विभाग के चेकनाका से होकर प्रतिदिन बंगाल जानेवाले सैकड़ों पत्थर लदे ट्रकों में पत्थर तो रांगा में संचालित पत्थर खदानों का रहता है, लेकिन उसका चालान पाकुड़ का होता है। अधिकांश ट्रकों के पास 500 सीएफटी पत्थर का चालान ही रहता है। जबकि अमूमन सभी ट्रकों में 700-800 सीएफटी पत्थर लोड रहता है। इन क्षेत्रों से जारी परिवहन चालान पर रूट चार्ट भी नहीं दर्शाया जाता है। सिर्फ बरहड़वा रिसोड़ चेकनाका का जिक्र रहता है। यही नहीं खनन विभाग ने कलर चालान जारी करने का आदेश दिया है, बावजूद ब्लैक एंड ह्वाइट चालान पर ही पत्थर लदे ट्रकों का परिवहन चेकनाका से हो रहा है।

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रिसोड़ चेकनाका से बंगाल जाने वाले अधिकांश पत्थर लदे ट्रक कोटालपोखर के रास्ते फरक्का जाते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि इन ट्रकों में पतना के खदान का पत्थर लोड है। जबकि पाकुड़ से फरक्का जाने के लिए धुलियान हो कर जाने का रास्ता है। जो सुगम और शॉर्टकट भी है, बावजूद इन सड़कों पर ट्रकों का आवागमन नहीं के बराबर होता है। जबकि कोटालपोखर-बरहड़वा-फरक्का सड़क पर ट्रकों की कतार रात में कभी भी देखी जा सकती है। चेकनाका पर ट्रकों की मापी की कोई व्यवस्था नहीं है। ट्रक के डाला को एक लोहे के रॉड से मापे जाने की व्यवस्था है, पर वह भी कारगर नहीं है। बंधी-बंधाई रकम देकर पत्थर लदा ट्रक आसानी से चेकनाका पार कर जाता है। जिस ट्रक चालक के पास 500 सीएफटी का चालान रहता है उससे 1500 जबकि बिना चालान वाले ट्रकों से 2500 रुपये की वसूली की जाती है। बिना किसी हो हंगामा के ट्रक चालक और चेकनाका पर तैनात कर्मचारी रात के अंधेरे में आराम से इस गोरखधंधा को अंजाम देते हैं। वहीं कुछ गाड़ियों पर स्टीकर सटा रहता है। ये स्टीकर क्यों और किसके लिए उपयोग हो रहा है यह तो चेकनाका पर तैनात कर्मी ही बता पाएंगे या फिर पत्थर व्यवसायी।

अवैध वसूली को रोकने के लिए जिला प्रशासन की ओर से चेकनाका पर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। परंतु अवैध वसूली के लिए चेकनाका पर तैनात कर्मियों द्वारा सीसीटीवी कैमरा को इस तरह से घुमा दिया गया है कि चेकनाका से पार होने वाले ट्रकों का तो पता चल सके लेकिन इन ट्रकों पर कितना छर्री ओवरलोड है, इसका पता नहीं चल सके। साथ ही करतूत भी सीसीटीवी में कैद नहीं हो सके।

इस संबंध में जिला खनन पदाधिकारी फेंकू राम ने बताया कि रिसोड़ चेकनाका से ओवरलोड ट्रकों से अवैध वसूली की लगातार शिकायत मिल रही है। वे स्वयं इसकी जांच कर कार्रवाई करेंगे।


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