चिकित्सकों ने किया कार्य बहिष्कार, ओपीडी ठप
साहिबगंज/बोरियो: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एंव झारखंड स्टेट हेल्थ र्सिवसेज एसोसिएशन के आह्वान पर बुधवार
साहिबगंज/बोरियो: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एंव झारखंड स्टेट हेल्थ र्सिवसेज एसोसिएशन के आह्वान पर बुधवार को जिले भर के 55 सरकारी चिकित्सकों ने कार्य का बहिष्कार किया। झासा के संताल परगना जोन के उपाध्यक्ष डॉ मोहन पासवान ने बताया कि राज्य में सरकार मेडिकल प्रोटेक्शन लागू नहीं कर चिकित्सकों के साथ अन्याय कर रही है। बताया कि सरकार चिकित्सकों के निजी प्रैक्टिस पर रोक लगा रखी है। मेडिकल की पढ़ाई के समय मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर का प्रमाण पत्र देता है। बहाली के समय सरकार की सेवा शर्त में निजी प्रैक्टिस को लेकर कोई जिक्र नहीं। बताया कि 30 सितंबर तक पूरे जिले के सरकारी चिकित्सक कार्य बहिष्कार करेंगे। 30 सितंबर को ही गैर सरकारी चिकित्सक भी कार्य का बहिष्कार करेंगे। इस अवधि में आकस्मिक सेवा बहाल रहेगी। दो अक्टूबर को राज्य के सभी चिकित्सक अपना त्यागपत्र अपने संघ के माध्यम से जमा करेंगे। सभी चिकित्सकों का त्यागपत्र पंद्रह अक्टूबर को मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा। डॉ. पीपी पाण्डेय ने बताया कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने में सरकार टालमटोल कर रही है। नए डॉक्टरों व नर्सो को बहाल करना, अस्पतालों की व्यवस्था सुधारना, जर्जर भवनों को ठीक कराना, जरूरत के अनुसार उपकरण की व्यवस्था करना, निजी प्रैक्टिस पर रोक हटाने सहित बीस मांग शामिल है। डॉ निरल सांगा, डॉ सुरेश प्रसाद, डॉ डीएन ¨सह, डॉ रणविजय, डॉ एस ओहदार, डॉ भारती पुष्पम, डॉ भारती कुमारी सहित अन्य मौजूद थे।चिकित्सकों के तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार के पहले दिन ही स्वास्थ्य सेवा पर व्यापक प्रभाव पड़ा। सदर अस्पताल में बीस से पचीस इमरजेंसी एवं 250 से 300 तक बाहरी मरीजों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करायी जाती है।
उधर सीएचसी के सरकारी डाक्टर की हड़ताल से ओपीडी सेवा जहां ठप रही वहीं रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
राजमहल/बोरियो में भी कार्य बहिष्कार के चलते बुधवार को ओपीडी पूरी तरह सुनसान रहा। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार ने बताया कि आपात सेवाए पोस्टमार्टम व मेडिको कार्य को इससे मुक्त रखा गया है।
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बगैर इलाज लौटे मरीज
पाकुड़ : बुधवार को सरकारी चिकित्सकों ने कार्य का बहिष्कार किया। इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिले के 36 सरकारी चिकित्सक आंदोलन में शामिल हुए। आंदोलन का नेतृत्व झासा के सचिव डा. एसके मेहरोत्रा ने किया। कार्य बहिष्कार के प्रथम दिन सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में बाहय विभाग ठप रहा।
झासा के सचिव डा. एसके मेहरोत्रा व प्रमंडलीय संयुक्त सचिव डा. एसएल मुर्मू ने कहा कि र वर्तमान सरकार चिकित्सक विरोधी है। सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। चिकित्सकों ने कहा कि सभी क्लिनिक भी बंद रहेंगे। इस मौके पर डा. एसके झा, डा. एलके भगत, डा. आरके ¨सह थे।
पाकुड़िया प्रखंड के सरकारी चिकित्सका तीन दिन के लिए हड़ताल पर चले गये। महेशपुर में सरकारी चिकित्सक मेडिकल प्रोटेक्शन की मांग को लेकर कार्य का बहिष्कार कर दिया। हिरणपुर में सामुदायिक स्वास्थ केंद्र हिरणपुर में ओपीडी सेवा बाधित रही। हड़ताल के कारण कार्यरत 3 चिकित्सक डा. मिहिर कमार, डा. सुनील कुमार ¨सह व डा. कृतिरंजन ने दैनिक ओपीडी सेवा में भाग नही लिया।