भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा पोषाहार
साहिबगंज : महिला एवं बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से जिले में चल रहे 1688 आंगनबाड़ी केंद
साहिबगंज : महिला एवं बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से जिले में चल रहे 1688 आंगनबाड़ी केंद्रों को मिलने वाले करोड़ों के पोषाहार लाभुकों को नहीं मिल रहा है। गर्भवती, धात्री, किशोरी एवं जन्म से 6 वर्ष आयु के बच्चों के लिए यह पोषाहार आता है। पोषाहार की कालाबाजारी के कई मामले पकड़ में आने के बाद भी विभाग प्रशासनिक कार्रवाई में कोताही बरत रहा है। जिले में पोषाहार की कालाबाजारी के कई मामले पकड़ में आए हैं। जिले में 1.65 लाख बच्चे, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं एवं किशोरी पर हर माह पोषाहार मद में करोड़ों रुपये खर्च हो रहा है।
----------------
पोषाहार की होती कालाबाजारी : बरहेट पुलिस ने 22 अगस्त की देर रात बरहेट संथाली के बीच टोला से कालाबाजारी के लिए ट्रक पर लोड 77 बोरी (दलिया) पोषाहार पकड़ा है। थाना प्रभारी विजय कुमार डांग ने एसपी के निर्देश पर आंगनबाड़ी के लिए पंजीकृत बोरियों को जब्त करते हुए मौके पर सेविका के पति व चालक को गिरफ्तार भी किया। पोषाहार पकड़े जाने के बाद सीडीपीओ भारती ने इस मामले में आरोपी बरहेट संथाली की सेविका, सेविका के पति गुलाम अंसारी एवं चालक अब्दुल कलाम पर आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा-7 के तहत प्राथमिकी भी दर्ज करायी है। बरहेट पुलिस ने बताया कि बीच टोला स्थित सेविका के घर से 407 ट्रेकर पर पोषाहार को बोरी में लोड करने के दौरान पकड़ा गया। सीडीपीओ ने बताया कि जांच करायी जा रही है।
इससे पूर्व मिर्जाचौकी थाना क्षेत्र के गांधी नगर में मई माह में एसडीओ के नेतृत्व में की गई छापेमारी में आंगनबाड़ी का 45 बोरा पोषाहार जब्त कर तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। मंडरो के प्रभारी सीडीपीओ रोशन कुमार की ओर से लालू ओझा, चमचम चौधरी एवं लक्ष्मण चौधरी को आरोपी बनाया गया था। इसमें से 39 बोरी 50 किलो पोषाहार लालू ओझा के घर से तथा 50 किलो लक्ष्मण चौधरी के घर से बरामद किया गया था। इस प्रकार के मामले पकड़ में आने पर प्रशासन जितनी तत्परता दिखाता है। आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच में उतनी तत्परता नहीं दिखाई जाती है। सीडीपीओ से लेकर पर्यवेक्षिका तक जिले में जिला समाज कल्याण विभाग के पास लंबी चौड़ी फौज है जो नियमित जांच के लिए रखी गई है। परंतु हकीकत यह है कि अधिकारी भी इस व्यवस्था के अंग बने हुए हैं। हालांकि जिला के अधिकारी जितने टाइट दिखते हैं उतनी कार्रवाई नहीं होती है।
------------
'आंगनबाड़ी केंद्रों में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर जांच कराकर कार्रवाई की जाती है। ग्रामीणों को भी इसके लिए जागरूक होना पड़ेगा। कई आंगनबाड़ी सेविकाओं पर कार्रवाई विभाग कर चुका है।
विनोद कुमार जायसवाल,
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, साहिबगंज