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बालू के खेल में माफिया मालामाल

फोटो नंबर 25पीकेआर 50 में - पुलिस व परिवहन विभाग के संरक्षण में हो रही अवैध बालू की ढुलाई - ब

By Edited By: Published: Thu, 25 Aug 2016 01:01 AM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2016 01:01 AM (IST)
बालू के खेल में माफिया मालामाल

फोटो नंबर 25पीकेआर 50 में

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- पुलिस व परिवहन विभाग के संरक्षण में हो रही अवैध बालू की ढुलाई

- बालू उठाव करने वाले 80 फीसद ट्रैक्टर के पास नहीं है वैध कागजात

जागरण संवाददाता, पाकुड़: पाकुड़ जिले के अमड़ापाड़ा और महेशपुर प्रखंड के बालू माफिया अवैध बालू के कारोबार से मालामाल हो रहे हैं। इन दोनों प्रखंड़ों के दर्जनभर बालू घाटों से प्रतिदिन बालू का उठाव अवैध तरीके से हो रहा है। इन अवैध उठाव व परिवहन पर अंकुश लगाने के बजाय संबंधित विभाग अवैध कारोबार में कथित रूप से सहभागी बन गया है। एक अनुमान के मुताबिक उक्त दोनों प्रखंडों से प्रतिदिन 200 ट्रैक्टर बालू का उठाव अवैध तरीके से होता है।

झारखंड सरकार की ओर से महेशपुर प्रखंड के बासकेन्द्री, बाबूदाहा, रोलाग्राम, तेलियापोखर, शिवरामपुर, महेशपुर, धमकापाड, रामपुर, कानीझरा व जयपुर बडुंगा पंचायत व अमड़ापाड़ा प्रखंड के संथाली व शिवरामपुर पंचायत के बालू घाटों की नीलामी की गई है। इन घाटों के अलावे यहां के चंडालमारा, धोबन्ना घाट, पत्थरचाली, जगदीशपुर, बाबूपुर हाटपाड़ा के घाटों से बालू का अवैध उठाव बालू माफिया कर रहे हैं।

80 फीसद ट्रैक्टर पर लिखा होता है एएफ

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महेशपुर व अमड़ापाड़ा प्रखंड के बालू घाटों से बालू के उठाव व परिवहन में लगा करीब 80 फीसद ट्रैक्टर बिना नंबर का होता है। एक सोची समझी रणनीति के तहत इन ट्रैक्टरों पर एएफ लिखा होता है। गाड़ी पर एएफ लिखे रहने के कारण उनके चलान पर भी गाड़ी नंबर की जगह एएफ लिखा रहता है। इसी एएफ लिखे चलान से एक के बजाय अनेक वाहन का परिचालन किया जाता है। यहां उल्लेखनीय है कि जब भी जिला टास्क फोर्स की टीम ओवर लोड के खिलाफ अभियान के तहत इन बालू लदे वाहनों की जांच करती है तो मौके पर किसी भी वाहन चालक के पास चालान नहीं होता है जांच की सूचना मिलने पर वाहन मालिक पीछे से चालान लेकर पहुंचते हैं।

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जुर्माना पर अधिक ध्यान देता है विभाग

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बालू का परिवहन करने वाले वाहनों के खिलाफ जिला टास्क फोर्स केवल ओवरलोड की कार्रवाई करती है। अधिकतर मामले में टास्क फोर्स वाहनों से जुर्माना वसूल वाहन थाना से मुक्त कर देती है। जांच के दौरान परिवहन विभाग ऐसे वाहनों के ड्राइवर से ना तो ड्राइ¨वग लाइसेंस की मांग करती है और ना ही गाड़ी के कागजातों की। इस विभागीय लापरवाही के कारण बिना लाइसेंस के वाहन चालक लोगों की जान के लिए खतरा बने हुए हैं।

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कोट

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विशेष अभियान में पकड़े जाने वाले वाहनों से कागजात नहीं रहने पर भी एक्ट के तहत जुर्माना वसूला जाता है। विशेष अभियान चलाकर एएफ लिखे वाहनों की जांच की जाएगी। राम कुमार मंडल, जिला परिवहन पदाधिकारी


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