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सजायाफ्ता कैदी को कारा सिपाही ने पीटा

साहिबगंज : दस हजार रुपये बतौर नजराना नहीं मिलने पर साहिबगंज मंडल कारा में शनिवार को हत्या मामले में

By Edited By: Published: Sun, 24 May 2015 01:12 AM (IST)Updated: Sun, 24 May 2015 04:43 AM (IST)
सजायाफ्ता कैदी को कारा सिपाही ने पीटा

साहिबगंज : दस हजार रुपये बतौर नजराना नहीं मिलने पर साहिबगंज मंडल कारा में शनिवार को हत्या मामले में सजायाफ्ता कैदी बबला यादव को कारा सिपाही राधेश्याम पांडेय ने जमकर पिटाई कर दी। इसका खुलासा कैदी के अदालत में पेशी के दौरान हुआ। साहिबगंज के तलबन्ना निवासी घायल कैदी की अवस्था को देखते हुए एडीजे प्रथम राम वचन सिंह ने जेलर को कड़ी फटकार लगाई और कैदी की सुरक्षा तथा इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश दिया।

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जानकारी के अनुसार हत्या मामले में दुमका सेंट्रल जेल में बंद बबला को 18 अप्रैल को प्रोडक्शन रिमांड पर साहिबगंज लाया गया। शनिवार सुबह कारा सिपाही राधेश्याम पांडेय ने डंडा, लात और घूंसे से मारकर उसे बुरी तरह जख्मी कर दिया। आज ही बबला की एडीजे वन रामवचन सिंह की अदालत में पेशी थी। बुरी तरह जख्मी बबला को दो सिपाही सहारा देकर एडीजे वन की इजलास में ले गए। एडीजे ने जब इसका कारण पूछा तो कराहते हुए बबला ने सारी घटनाक्रम बयान की। अदालत को बताया कि 22 मई को उसने पांच हजार रुपये कारा सिपाही को दे दिए थे, परंतु शेष पांच हजार के लिए सिपाही लगातार दबाव बनाने लगा। पैसे की खातिर उसे जेल में खाना-पानी भी नहीं दिया जा रहा था। इसके बाद जज से कैदी की सुरक्षा व इलाज का आदेश जेलर ब्रजेश मिश्रा को दिया है। वहीं सिपाही से स्पष्टीकरण पूछने का आदेश दिया। इस संबंध में जेल अधीक्षक भागीरथ महतो ने बताया कि मामले की जानकारी उन्हें मिली है। फिलहाल वे बाहर हैं। लौटने पर मामले की जांच करेंगे।

हालांकि जेलर ब्रजेश मिश्रा ने घटना से पूरी तरह इन्कार किया है। जब उनसे पूछा गया कि आखिर बबला के शरीर पर चोट का निशान कहां से आया और वह चलने-फिरने में असमर्थ क्यूं है तो उन्होंने चुप्पी साध ली।

उन्होंने बताया कि न्यायाधीश रामवचन सिंह के आदेश पर कैदी का सदर अस्पताल में जांच करायी गई है। उसकी रिपोर्ट अदालत को भेजी जाएगी। वहीं आरोपी पुलिसकर्मी राधेश्याम पांडेय से स्पष्टीकरण पूछा गया है।


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