सरकारी स्कूलों में नहीं बनेगी फर्जी उपस्थिति
जासं, साहिबगंज : जिले के सरकारी विद्यालयों में बच्चों की फर्जी उपस्थिति बनाना अब मुश्किल हो गया है।
जासं, साहिबगंज : जिले के सरकारी विद्यालयों में बच्चों की फर्जी उपस्थिति बनाना अब मुश्किल हो गया है। झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक ने अब बच्चों के उपस्थिति दर्ज करने के तरीकों में बदलाव कर दिया है। जिससे विद्यालयों में बच्चों की वास्तविक उपस्थिति का सही अंदाजा लगाया जा सकेगा। जिले के सरकारी विद्यालयों में बच्चों की फर्जी उपस्थिति बनाने की शिकायत आम हो गई थी। जानकारी रहने के बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारी इस पर अंकुश लगाने में सफल नहीं हो पा रहे थे। परंतु झारखंड शिक्षा परियोजना के नए निर्देश से बहुत हद तक बच्चों की फर्जी उपस्थिति पर लगाम लगाया जा सकेगा। इस व्यवस्था में बच्चों को छुट्टी के समय भी उपस्थिति दर्ज करने को गया है ताकि स्कूलों में अंत तक बच्चों का ठहराव सुनिश्चित हो। अब तक यह व्यवस्था चल आ रही थी कि शिक्षक ही बच्चों की कक्षा में उपस्थिति पंजी पर उपस्थिति बनाते थे। ऐसे में बच्चों के नहीं आने की स्थिति में भी एमडीएम की राशि व चावल उठाव करने व अन्य लाभ के कारण बच्चों की फर्जी उपस्थिति बना दी जाती थी। कई बार अधिकारियों के औचक निरीक्षण के बाद फर्जी उपस्थिति का मामला पकड़ में भी आता था परंतु कार्रवाई डांट फटकार से आगे नहीं बढ़ पाती थी।
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केस स्टडी एक
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सदर प्रखंड के बड़ी कोदरजन्ना मध्यविद्यालय में प्रखंड शिक्षा प्रसाद पदाधिकारी ने 29 अप्रैल को औचक निरीक्षण किया। इस दौरान विद्यालय में 52 बच्चों की उपस्थिति दर्ज की गई। जबकि इसके पूर्व विद्यालय के उपस्थिति पंजी पर प्रति दिन 200 के करीब बच्चों की उपस्थिति दिखाई गई है।
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केस स्टडी-2
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अपै्रल में ही सदर प्रखंड के उत्क्रमित मध्यविद्यालय पटवा टोला में बीईईओ जलेश्वर साह के निरीक्षण के समय वहां बच्चों की उपस्थिति 70 पाई गई परंतु पूर्व के दिनों में बच्चों की उपस्थिति 100 से अधिक दिखाई गई है।
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नया नियम
कक्षा में बच्चों की उपस्थिति को लेकर झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक ने नया दिशा निर्देश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि अब कक्षा 3 से 8 तक के बच्चे कक्षा में शिक्षकों की तरह ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। यह उपस्थिति विद्यालय आने के बाद व विद्यालय से जाने के बाद दर्ज की जाएगी।
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कोट
विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने, फर्जी नामांकन पर रोक लगाने के लिए शिक्षा परियोजना ने यह निर्देश जारी किया है। इस निदेश से बहुत हद तक बच्चों की गलत संख्या दर्ज करने वाले शिक्षकों पर अंकुश लगेगा। यह व्यवस्था सभी विद्यालयों में 10 मई से लागू कर दिया गया है।
देवेश कुमार सिन्हा
सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी
साहिबगंज