पुराने रणबांकुरे आजमा रहे नए-नए दावं
12 पीकेआर 21 व 22 में अनिल मुर्मू व साइमन मरांडी कैचवर्ड-दावं-पेंच -लिट्टीपाड़ा विधानसभा -पिछले
12 पीकेआर 21 व 22 में अनिल मुर्मू व साइमन मरांडी
कैचवर्ड-दावं-पेंच
-लिट्टीपाड़ा विधानसभा
-पिछले तीन विधानसभा चुनाव से साइमन का हो रहा अनिल से सामना
-पूर्व मंत्री ने लोहे से लोहा काटने की निकाली तरकीब
-शिवचरण मालतो के जवाब में भाजपा में शामिल कराया जितेंद्र मालतो को
प्रकाश चंद्र मिश्र, पाकुड़
करीब चार दशक से जिले के लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे पूर्व मंत्री साइमन मरांडी का पिछले तीन विधानसभा चुनाव से डॉ. अनिल मुर्मू से सामना हो रहा है। ये पुराने रणबाकुरे एक- दूसरे को मात देने के लिए नए-नए दावं आजमा रहे हैं। दोनों इस बार नए दल का झंडा थामकर ताल ठोक रहे हैं। साइमन मरांडी जहां भाजपा का कमल खिलाने में लगे हुए हैं, वहीं अनिल मुर्मू तीर से निशाना साध रहे हैं। एक दूसरे के वोट में सेंधमारी के हर हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। दोनों के बीच झंडा वार भी चल रहा है। इलाके के गली-कूचों में अपने दल का झंडा लगाने की होड़ सी मची हुई है।
वर्ष 2004 के विधानसभा चुनाव में डॉ. अनिल मुर्मू निर्दलीय लिट्टीपाड़ा क्षेत्र से अपना भाग्य आजमाने मैदान में उतरे। उन्हें करीब 22 हजार हजार मत मिला। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। वर्ष 2009 में वे कांग्रेस के टिकट से मैदान में उतरे। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी भी उनकी नैया पार लगाने लिट्टीपाड़ा आये थे, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। अनिल मुर्मू साइमन मरांडी से करीब साढ़े चार हजार मत से मात खा गये। इसबार डॉ. मुर्मू फिर साइमन मरांडी के सामने हैं। अपने पुराने प्रतिद्वंदी के हर दावं-पैतरे से दोनों वाकिब हैं। इसलिए एक-दूसरे को शिकस्त देने की हर चाल चली जा रहीं हैं। दोनों के बीच एक-दूसरे के समर्थकों को अपने दल में शामिल कराने की भी होड़ मची हुई है।
इधर, भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए जिला परिषद सदस्य शिवचरण मालतो भी विधानसभा चुनाव में ताल ठोक रहे हैं। वह यहां कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी साइमन मरांडी ने शिवचरण के प्रभाव को कम करने के लिए इलाके के प्रभावशाली कांग्रेसी जितेंद्र मालतो को भाजपा में शामिल कराया। जितेंद्र मालतो की पहाड़िया समुदाय में अच्छी पकड़ है। मालतो साइमन के लिए काम कर रहे हैं।