चक्रव्यूह में फंसे हेमलाल-हेमंत
साहिबगंज जैसे-जैसे ठंड परवान चढ़ रही है वैसे-वैसे चुनावी सरगर्मी उफान पर पहुंचती जा रही है। प्रत्
साहिबगंज
जैसे-जैसे ठंड परवान चढ़ रही है वैसे-वैसे चुनावी सरगर्मी उफान पर पहुंचती जा रही है। प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए ठंड की परवाह किए बिना दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। जिले का बरहेट विधानसभा सबसे हॉट सीट बन गई है। इस सीट पर गुरुजी के खास हेमलाल मुर्मू भाजपा से भाग्य आजमा रहे हैं। वहीं गुरुजी यानी शिबू सोरेन के बेटे व सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनके खिलाफ झामुमो के टिकट पर महासमर में कूदे हैं। 25 वर्ष से बरहेट की जनता के दिलो दिमाग पर राज करने वाले हेमलाल मुर्मू तथा लोकसभा परिणाम में बरहेट से झामुमो को मिली 22 हजार की बढ़त को ध्यान में रखकर यहां से खड़े हेमंत सोरेन की परेशानी कांग्रेस की प्रत्याशी मोनिका किस्कू ने बढ़ा कर रख दी।
अनुसुचित जनजाति के लिए सुरक्षित बरहेट विधानसभा सीट साहिबगंज जिले का बरहेट तथा पतना प्रखंड एवं गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी प्रखंड में पड़ता है। विस क्षेत्र में कुल 1,84,012 वोटर प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। यहां लगभग 80 हजार संथाल वोट, 45 हजार मुस्लिम वोट, 16 हजार पहाड़िया वोट के अलावा अन्य जाति के लगभग 44 हजार वोट हैं। इनमें से चार प्रमुख दलों के प्रत्याशी अपने-अपने पक्ष में चुनावी गणित होने की बात क्षेत्र में कह रहे हैं। 12 प्रत्याशियों में झाविमो के सिमोन मालतो पहाड़िया जनजाति से आते हैं। इस जनजाति का लगभग 16 हजार वोट इस क्षेत्र में हैं। वहीं इसके अलावा लगभग सभी प्रत्याशी संथाल जनजाति के हैं। संथाल का वोट बैंक इस क्षेत्र में सबसे अधिक है। लगभग 80 हजार मत इस जनजाति के हैं। यह वोट बैंक बंटता दिख रहा है। भाजपा के हेमलाल, झामुमो के हेमंत तथा कांग्रेस के मोनिका किस्कू को इस वोट बैंक के दरार में ज्यादा मत मिल सकता है। इसके अलावा अन्य प्रत्याशी भी इस जनजाति के वोट पर नजर डाले हुए है। इसके बाद इस विधानसभा के सबसे अधिक निर्णायक वोट बैंक अल्पसंख्यकों का है। इस विधानसभा क्षेत्र में संथाल वोट बैंक में बंटवारे के आसार के बीच लगभग सभी प्रत्याशी लगभग 45 हजार मुस्लिम मत को अपने पक्ष में करने की फिराक में जुटे हुए हैं। इस वोट बैंक में कांग्रेस प्रत्याशी मोनिका किस्कू का असर ज्यादा दिख रहा है। इसके पीछे का तर्क यह है कि मोनिका के पति उमेद अली मुस्लिम समुदाय के आते हैं। साथ ही बरहेट का उपप्रमुख होने के नाते उनका इस वोट बैंक पर अच्छी पकड़ है। ऐसे में संथाल वोट में बिखराव के बीच बरहेट विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोट बैंक अपनी अहमियत रखती है। इसी वोट बैंक पर जो प्रत्याशी ज्यादा मत पा लेंगे, चुनावी जीत उसी के साथ होगी।