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पेज वन--आपदा का दर्द बताते भर आता गला

By Edited By: Published: Wed, 10 Sep 2014 06:38 PM (IST)Updated: Wed, 10 Sep 2014 06:38 PM (IST)
पेज वन--आपदा का दर्द बताते भर आता गला

(बाढ़ के चंगुल से निकला पर भूख ने दबोचा)

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फोटो 10 एसबीजी 50 में चाय दुकान पर एक दूसरे का समाचार लेते लालबथानी के लोग।

कैचवर्ड : आपबीती

---राशन-पानी का संकट, भूख से तड़प रहे लोग

--कश्मीर में फंसे साहिबगंज, कटिहार व मालदा के मजदूरों ने मोबाइल पर सुनायी व्यथा

--गांधरबल, इस्लामाबाद व बेंगी में बता रहे ठिकाना

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मिथिलेश कुमार सिंह, साहिबगंज : जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ में फंसे साहिबगंज के लालबथानी क्षेत्र के सभी मजदूर सकुशल हैं। चार अलग-अलग जगह पर ये लोग शरण लिए हुए हैं। गांधरबल जिला के पहाड़ स्थित एफसीआइ गोदाम, इस्लामाबाद व बेंगाबाद में ये आपदा झेल रहे हैं।

मोबाइल पर बुधवार को उन्होंने आपबीती सुनाई। उनके कंठ भर आए। तकरीबन सभी कहा कहना है कि बाढ़ से जान तो बची पर दाना-पानी मुहाल हो गया है। दुकान से भी राशन नहीं मिल पा रहा है। मंगलवार सुबह से ही भूखे हैं। बाहर से मिले 1000 लीटर पानी भी अब खत्म हो गया है। बांध, पुल व सड़क टूट जाने से यहां से निकलना भी मुश्किल हो गया है। घर की याद सताने लगी है। मगर यहां से निकलना खतरे से खाली नहीं है।

गांधरबल जिला के पोत्रामोला मांचबल गांव के एफसीआइ गोदाम में फंसे साहिबगंज के लालबथानी और इससे सटे कटिहार दियारा इलाके के 103 मजदूरों में से दो अशफाक व अबू बकर ने मोबाइल नंबर 07298091407 व 09697942040 पर संपर्क करने के बाद अपनी हालत बतायी। दोनों ने दैनिक जागरण को बताया कि लगातार बारिश के बाद बाढ़ आई। वे लोग सेव बगान में काम के लिए आए थे। वहां का बांध टूट गया फिर वे लोग बाढ़ से घिर गए। स्थानीय लोगों की मदद से एक ट्रक पर सवार हाकरे वे लोग गांधरबल के मांचबल पहाड़ स्थित एक एफसीआइ गोदाम पहुंचे। अभी वहीं हैं। यहां पहुंचने पर उनकी जान तो बच गई लेकिन अब भूख-प्यास सताने लगी है। अशफाक व अबू बकर ने बताया कि राशन मंगलवार सुबह ही समाप्त हो गया। बाहर से जो 1000 लीटर पानी आया था वह भी बुधवार की सुबह समाप्त हो गया। मंगलवार से यहां फंसे लोगों के मुंह में एक भी निवाला नहीं गया है। अब तो पानी के भी लाले पड़ गए हैं। जेब में पैसे भी नहीं है। यह कहते-कहते दोनों के कंठ भर आए। कहा कि बाढ़ से बच गए लेकिन बिना अन्न-जल कितना दिन बच पाएंगे?

बेंगाबाद जिले में फंसे मो. सुल्तान से उनके मोबाइल पर संपर्क किया गया। उसने बताया कि उसके साथ वहां के तीनघरिया टोला के 49 लोग फंसे हुए है। इन्होंने भरी आवाज में कहा कि दो दिन से खाना नहीं खाया है। ऊंचे स्थान पहुंचकर जान तो बचा ली लेकिन भूख हमें निगलने को तैयार है। समझ में नहीं आता कि क्या करें। सरकार की ओर से कोई व्यवस्था अभी तक उनलोगों को नसीब नहीं हुई है। पानी ाटते ही यहां से निकलने की कोशिश करेंगे।

कश्मीर के इस्लामाबाद जिले में फंसे जियाउर रहमान के मोबाइल नंबर 09796383947 पर संपर्क किया गया। उन्होंने बताया कि बाढ़ में उनके साथ लालबथानी तथा मालदा जिले के 56 लोग फंसे हुए हैं। उनलोगों को खाना-पानी मिल रहा है। उनलोगों को बगान मालिक राशन उपलब्ध करा रहा है। बाढ़ का कहर थमने के बाद भी वह घर आने के मूड में नहीं दिखे। उनका कहना है कि घास कटाई के बाद फल तोड़ने का वक्त आ जाएगा।

इधर, बुधवार को लालबथानी पहुंचने पर रहमत टोला के मो. इरफान, हाजी महिउद्दीन टोला के मो. सलीम, तीनघरिया टोला के मो. इरफान, मो. जिलाउल हक ने बताया कि कश्मीर में मजदूरी करने गए लगभग सभी लोगों के परिजनों से बात हुई। सभी सुरक्षित हैं। लेकिन भोजन-पानी नहीं मिल रही। इलाके में सभी जगह यही चर्चा थी।

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कश्मीर की बाढ़ में फंसे मजदूरों के परिजनों से उन्हें जानकारी मिली है। इसकी जानकारी आपदा प्रबंधन रांची को दे दी गई है। इसके लिए टीम का गठन कर सदस्यों को जम्मू-कश्मीर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भेजा जाएगा।

ए. मुथु कुमार, उपायुक्त, साहिबगंज।


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