ऐसे बनती है जहरीली शराब, दो घंटे में हो जाती तैयार; फिर जगह-जगह बंटती है मौत
साधारण देसी शराब बनाने में दो से तीन दिन का समय लगता है। कम समय में अधिक शराब बनाने के लिए तारपीन तेल तथा दुधारू पशुओं को दी जानेवाली ऑक्सीटोसिन का प्रयोग करते हैैं।
गिरिडीह, [दिलीप सिन्हा]। शराब का सेवन करनेवालों के लिए बुरी खबर है। जिसे आप जिसे शराब समझकर पी रहे हैं, दरअसल वह जहर है। इसके पीने से आपकी जान भी जा सकती है। गिरिडीह के सरिया व देवरी में पिछले एक सप्ताह में 15 लोगों की हुई मौत से इस बात का खुलासा हुआ है। जागरण पड़ताल में यह बात सामने आई है कि अधिकतर लोगों की मौत जहरीली शराब के सेवन से हुई है। साधारण देसी शराब बनाने के लिए दो से तीन दिन का समय लगता है। शराब के अवैध कारोबारी कम समय में अधिक शराब बनाने के लिए हार्डवेयर दुकानों में बिकने वाली तारपीन तथा दुधारू पशुओं को दी जानेवाली ऑक्सीटोसिन का प्रयोग करते हैैं। इस के प्रयोग से दो-तीन दिन की जगह दो-तीन घंटे में शराब तैयार हो जाती है। इससे इतर इसके अत्यधिक उपयोग से शराब जहरीली हो जाती है।
बहरहाल सरिया के फकीरापहरी व देवरी के गादी कला में हुई मौत के बाद पांच शवों का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अत्यधिक शराब पीने के कारण मौत की बात कही गई है। सोमवार को मीडिया से मुखातिब उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मृतकों का बिसरा जांच के लिए एफएसएल रांची भेजा गया है। इसके बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा। अबतक फकीरापहरी के आठ तथा गादीकला के चार मृतकों के परिजनों को पारिवारिक योजना का लाभ दिया गया। संबंधित गांवों में स्वास्थ्य शिविर जारी है।
इधर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि इस मामले का खुलासा करने के लिए दो एसआईटी का गठन किया गया है। एक सरिया एसडीपीओ एवं दूसरा खोरीमहुवा एसडीपीओ के नेतृत्व में। इस मामले में सरिया तथा देवरी थाना में दो-दो कांड रजिस्टर्ड किए गए हैं। अवैध शराब के निर्माण व बिक्री पर रोक लगाने के लिए पुलिस, उत्पाद विभाग एवं एसआईटी की टीम संयुक्त रूप से छापेमारी कर रही है। इस मामले में अभी तक पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई है। छह महीने में शराब के अवैध कारोबार में जुटे 35 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पीएमसीएच की टीम ने शुरू की जांच
जिले के देवरी व सरिया प्रखंड के अलग-अलग गांवों में 15 लोगों की हुई मौत की जांच के लिए सोमवार को दो सदस्यीय टीम सदर अस्पताल पहुंची। इस टीम में पीएमसीएच धनबाद के मेडिसीन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एजे अंसारी व सहायक प्राध्यापक डॉ. रवि रंजन शामिल थे। टीम ने यहां प्रभारी सिविल सर्जन सह जिला आरसीएच पदाधिकारी डॉ सिद्धार्थ सान्याल के अलावा चिकित्सारत मरीजों से खान-पान समेत अन्य कई जानकारियां ली। इसके बाद टीम के दो सदस्यों ने फकीरापहरी व गादीकला गांव जाकर भी आवश्यक जानकारियां ग्रामीणों से हासिल की।
मृतकों में से नौ की मौत शराब पीने से हुई है। जहरीली शराब से मौत की आशंका है। अधिकतर मौत दो या तीन घंटे के अंदर हुई है। बिसरा जांच के लिए एफएसएल, रांची भेजा गया है। जांच रिपोर्ट के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा। डॉ. सिद्धार्थ सान्याल, प्रभारी सिविल सर्जन
यूरिया, हार्डवेयर दुकानों में बिकने वाली तारपीन व ऑक्सीटोसिन मिलाने से मिथाइल अल्कोहल बन जाता है। यह जानलेवा है। कम समय में अधिक शराब बनाने के लिए इसका प्रयोग होता है। अल्कोहल दो प्रकार का होता है, मिथाइल एवं एथेनाल। एथेनाल पीने से जान को खतरा नहीं होता है। इससे इतर जैसे ही एथेनाल में यूरिया, स्प्रिट व ऑक्सीटोसिन मिलाते हैं वह मिथाइल अल्कोहल हो जाता है। अशोक कुमार, प्राचार्य एवं केमिस्ट्री के प्रोफेसर गिरिडीह कॉलेज गिरिडीह
अवैध शराब के खिलाफ ताबड़तोड़ छापेमारी
गिरिडीह के सरिया एवं देवरी में शराब पीने से मौत के बाद जिला पुलिस रेस हो गयी है। अवैध शराब के कारोबारियों के खिलाफ जिलेभर में छापेमारी की जा रही है। एसपी सुरेंद्र कुमार झा छापेमारी पर खुद नजर रख रहे हैं। सोमवार की रात जमुआ, हीरोडीह, सरिया, बेंगाबाद, देवरी, बिरनी, राजधनवार, डुमरी समेत पूरे जिले में एक साथ छापेमारी की गयी। शराब के अवैध धंधे से जुड़े एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एसपी ने कहा है कि इस धंधे से जुड़े एक भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे अवैध रूप से बन रहे शराब का सेवन नहीं करें। यह जानलेवा हो सकता है। विदित हो कि एक सप्ताह के अंदर सरिया के एक ही गांव में 9 एवं देवरी के एक ही गांव में छह लोगों की मौत हुई है। इनमें से अधिकांश लोगों की मौत देसी शराब पीने से हुई है। इस मामले की जांच के लिए एसपी ने बगोदर एवं खोरीमहुआ एसडीपीओ के नेतृत्व में दो एसआईटी का गठन किया है।