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बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी

राज्य के प्रशासनिक तंत्र में बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। इसे लेकर पिछले कुछ दिनों से कवायद भी चल रही है। इस कड़ी में प्रधान सचिव, सचिव, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक से लेकर बीडीओ स्तर के अधिकारियों का तबादला होना है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 31 May 2016 05:40 AM (IST)Updated: Tue, 31 May 2016 06:13 AM (IST)
बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी

राज्य ब्यूरो , रांची। राज्य के प्रशासनिक तंत्र में बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। इसे लेकर पिछले कुछ दिनों से कवायद भी चल रही है। इस कड़ी में प्रधान सचिव, सचिव, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक से लेकर बीडीओ स्तर के अधिकारियों का तबादला होना है।

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पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त अमिताभ कौशल और हजारीबाग के उपायुक्त मुकेश कुमार दो महीने के प्रशिक्षण पर जा रहे हैं। इन दोनों जगहों पर वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त अबु बकर सिद्दकी का तीन साल का कार्यकाल सात जून को पूरा हो रहा है। ऐसे में इन्हें किसी दूसरे जिले की जिम्मेवारी दी जा सकती है। इनके अलावा करीब आधा दर्जन उपायुक्तों के कामकाज से सरकार खुश नहीं है। इनमें पिछले एक साल के अंदर तैनात अधिकारी भी शामिल हैं। इन लोगों को बगैर उप विकास आयुक्त बनाए ही उपायुक्त बना दिया गया था। प्रशासनिक अनुभवहीनता की वजह ने इनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है। रांची के उपायुक्त मनोज कुमार के कामकाज से मुख्यमंत्री सचिवालय संतुष्ट है। इसके बाद भी रांची के लिए तगड़ी लॉबिंग चल रही है।

भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2004 बैच के एक अधिकारी को लेकर ब्यूरोक्रेसी में चर्चा जोरों पर है।

सचिव और प्रधान सचिव स्तर के अधिकारियों के विभाग में भी फेरबदल तय है। कल्याण विभाग को आदिवासी कल्याण और सामाजिक अधिकारिता विभाग में बांटा जा रहा है। इन दोनों विभाग का कामकाज अलग-अलग सचिव देखेंगे। सुनील कुमार और वंदना डाडेल प्रशिक्षण पूरा कर अगले महीने वापस झारखंड लौट रहे हैं। इनके लिए जगह बनाया जा रहा है। पथ निर्माण , भवन निर्माण, वन पर्यावरण, परिवहन, समाज कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विभाग प्रभार में चल रहे हैं। इन विभागों में नए सचिव तैनात हो सकते हैं।

भवन निर्माण निगम और खान निदेशक के पद पर भी किसी नए चेहरा को मौका देने की खबर है। वहीं एक दो सचिव और मंत्री के बीच कुछ दिनों से शीतयुद्ध की स्थिति है। विभाग में फेरबदल कर इसे खत्म कर दिया जाएगा। एक दर्जन जिलों में भी नए पुलिस कप्तान की तैनाती तय है। हाल के दिनों में जिन जिलों में आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं। वहां के पुलिस अधीक्षक नप सकते हैं। मुख्यालय में तैनात डीआइजी स्तर के कुछ अधिकारी भी फील्ड में तैनाती के लिए जोर लगा रहे हैं।

ज्यादातर बीडीओ बदले जाएंगे

करीब एक सौ प्रखंड विकास पदाधिकारी बदले जाएंगे। ग्रामीण विकास विभाग ने करीब पचास बीडीओ के तबादले की सूची बनाकर मुख्यमंत्री के पास भेजा था। जिसे मुख्यमंत्री ने वापस भेज दिया है। दरअसल इस सूची में कई सत्ताधारी विधायकों के पसंद के अधिकारियों के नाम गायब थे। मुख्यमंत्री के यहां से फाइल वापस होने के बाद ग्रामीण विकास विभाग दोबारा स्थापना की बैठक बुलाएगी। माना जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव के बाद करीब 100 बीडीओ बदले जाएंगे।

नए कार्यपालक दंडाधिकारी होंगे तैनात

झारखंड प्रशासनिक सेवा के करीब पंद्रह अधिकारियों की कार्यपालक दंडाधिकारी के तौर पर जल्द तैनाती होगी। ये सभी अधिकारी पिछले कुछ दिनों से पदस्थापना की प्रतीक्षा में थे।

कार्मिक प्रशासनिक विभाग ने इनकी पदस्थापना की फाइल मुख्य सचिव कार्यालय भेज दी है।


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