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अब स्टील के बनेंगे पुल

देश भर में बनने वाले पुल-पुलियों में अब स्टील का उपयोग किया जाएगा। स्टील सेक्टर में आई मंदी से उबरने के लिए यह कदम उठाने की दिशा में सरकार संजीदगी से विचार कर रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 28 Aug 2016 06:55 AM (IST)Updated: Sun, 28 Aug 2016 06:59 AM (IST)
अब स्टील के बनेंगे पुल

राज्य ब्यूरो, रांची। देश भर में बनने वाले पुल-पुलियों में अब स्टील का उपयोग किया जाएगा। स्टील सेक्टर में आई मंदी से उबरने के लिए यह कदम उठाने की दिशा में सरकार संजीदगी से विचार कर रही है। इस्पात मंत्रालय, स्टील और सीमेंट से बनने वाले ब्रिजों की तुलनात्मक लागत का आकलन कर रहा है। शनिवार को निजी प्रयोजन से रांची पहुंचे इस्पात राज्य मंत्री विष्णु देव साय ने पत्रकारों से यह जानकारी साझा की।

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साय ने कहा कि पूरी दुनिया में स्टील सेक्टर मंदी के दौर से गुजर रहा है। बाजार ही नहीं है। भारत की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे देश में एक सौ मिलियन टन का उत्पादन है, जबकि खपत महज 80 मिलियन टन की है। चीन, जापान और दक्षिण कोरिया से भी स्टील हमारे देश में आ रहा है। डब्ल्यूटीओ के प्रावधान के तहत इसे रोका नहीं जा सकता है।

उन्होंने स्टील के क्षेत्र में अन्य देशों से मिलती कड़ी प्रतिस्पद्र्धा का जिक्र करते हुए कहा कि चीन में स्टील उद्योग से जुड़े उद्यमियों को अनुदान भी दिया जा रहा है। इससे प्राइस वार शुरू हो चुकी है, जिससे निपटने के लिए सरकार ने कुछ कदम उठाए हैंं। एमएसपी (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) और एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई गई है। यह पूछने पर कि क्या भारत सरकार भी अनुदान पर विचार कर रही है, साय ने कहा कि फिलहाल ऐसा कोई इरादा नहीं है।

इस्पात राज्य मंत्री ने कहा कि हमारे देश में स्टील की खपत का औसत काफी कम है। दुनिया के अन्य देशों में 250 किलोग्राम प्रति व्यक्तिस्टील की खपत है, जबकि हमारे देश में यह औसत महज 59 किलोग्राम है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह औसत महज 11 किग्रा प्रति व्यक्तिहै। इसलिए स्टील सेक्टर को मंदी से उबारने के लिए खपत बढ़ाना ही एक उपाय है। मंत्रालय इस पर मंथन कर रहा है। स्टील के पुल बनाने पर विचार किया जा रहा है। हो सकता है कि इस पर लागत कुछ अधिक आए लेकिन स्टील के पुल अधिक टिकाऊ होंगे। स्टील की खपत भी इससे बढ़ेगी। उनका कहना था कि खपत बढ़ाने के उपाय जरूर रंग पकड़ेंगे।

स्मार्ट सिटी और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पूरे देश में निर्माण क्षेत्र के कार्यों में तेजी आएगी। जाहिर है इससे स्टील की खपत भी बढ़ेगी। नए रेलवे टै्रक का निर्माण और ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी आने वाले समय में बड़े पैमाने पर स्टील का प्रयोग किया जाएगा।

इस मौके पर उन्होंने अपने पूर्व के मंत्रालयों में किए गए कार्यों की भी चर्चा की। कहा, श्रम मंत्रालय द्वारा न्यूनतम पेंशन 1000 किए जाने और पीएफ का यूनिवर्सल नंबर होने का कर्मचारियों को फायदा हुआ है। खान मंत्रालय ने एमएमडीआर एक्ट में संशोधन कर लीज में पूरी तरह से ऑक्शन प्रणाली शुरू की है। खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए जिलों मे डिस्ट्रिक मिनरल फाउंडेशन (डीएमएफ) का गठन किया गया है। डीएफएफ में रायल्टी के समतुल्य रकम सीधे भेजी जाएगी जो क्षेत्र के विकास में लगेगी। खनिज कल्याण कोष का भी गठन किया गया है।

भाजपा नेताओं ने किया साय का स्वागत

भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचे विष्णु देव साय का पार्टी नेताओं ने अभिनंदन किया। पार्टी पदाधिकारियों के साथ अनौपचारिक वार्ता में साय ने केंद्र सरकार द्वारा विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं की चर्चा की। इस मौके पर विधायक बिरंची नारायण, दीपक प्रकाश, सीमा शर्मा, गामा सिंह, बालमुकुंद सहाय, प्रदीप सिन्हा, प्रेम मित्तल, सांवरमल अग्रवाल, ऊषा पांडेय सहित अन्य पदाधिकारी शामिल थे।


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