झारखंड में अब बिना आधार के राशन नहीं
राज्य में अब आधार आधारित राशन कार्ड से ही राशन का उठाव होगा। बिना आधार वाले सभी राशन कार्ड पांच अप्रैल से अमान्य हो जाएंगे।
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में अब आधार आधारित राशन कार्ड से ही राशन का उठाव होगा। बिना आधार वाले सभी राशन कार्ड पांच अप्रैल से अमान्य हो जाएंगे। सोमवार को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने इस बाबत कड़ा निर्देश जारी किया। सरकार की इस घोषणा से राज्य भर में करीब तीन लाख कार्ड अमान्य हो सकते हैं। दो लाख राशन कार्ड पूर्व में ही अमान्य करार दिए जा चुके हैं।
मुख्य सचिव ने अप्रैल से केरोसिन सब्सिडी का भुगतान डीबीटी प्रणाली से करने का निर्देश दिया। फिलहाल इस प्रक्रिया को राज्य के सात जिलों में शुरू किया जाएगा। मुख्य सचिव ने आदिम जनजाति समुदाय के लोगों को हर माह 35 किलो चावल उनके घर तक पहुंचाने की दिशा में काम करने का आदेश विभागीय अधिकारियों को दिया।
एक अप्रैल से आदिम जनजाति के लिए प्रखंड स्तर पर 35-35 किलो के पैकेट सखी मंडल के माध्यम से बनाए जाएं और पंचायत सेवकों के माध्यम से उनका वितरण किया जाए। उन्होंने इस कार्य को अंजाम देने के लिए प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी और एलडीएम की जवाबदेही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। पंचायत सेवकों को इस कार्य के लिए प्रति पैकेट 20 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
मुख्य सचिव ने धान अधिप्राप्ति के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की बात कही। कहा, किसानों को धान अधिप्राप्ति केंद्रों तक लाने के लिए कृषक मित्रों को सभी निबंधित किसानों की सूची ग्रामवार मुहैया कराई जाए। कृषक मित्रों को इस कार्य के लिए प्रोत्साहन राशि भी देने की बात उन्होंने कही। इस मौके पर विभागीय पदाधिकारियों ने बताया कि अब तक राज्य में 1.2 लाख मीट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की जा चुकी है तथा कुल निबंधित 90 हजार किसानों में से 65 हजार को एसएमएस के माध्यम से संदेश दिया जा चुका है।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन जिलों में गोदाम भर चुके हैं, वहां अनाज के उठाव के लिए मिल मालिकों के साथ समन्वय बनाया जाए। बैठक में विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।