फर्जीवाड़े में मधुकांत पाठक ने किया आत्मसमर्पण, मिली जमानत
धोखाधड़ी के आरोप में एथलेटिक्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मधुकांत पाठक ने शनिवार को प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एनके विश्वकर्मा की अदालत में आत्मसमर्पण किया।
जागरण संवाददाता, रांची। धोखाधड़ी के आरोप में एथलेटिक्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मधुकांत पाठक ने शनिवार को प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एनके विश्वकर्मा की अदालत में आत्मसमर्पण किया। इसके बाद उनकी ओर से जमानत याचिका दाखिल की गई। अदालत ने याचिका स्वीकार करते हुए दस-दस हजार रुपये के दो निजी मुचलके पर उन्हें जमानत दी।
इस कांड में एसोसिएशन के सचिव बुद्धन उरांव को भी आरोपी बनाया गया है। दोनों के खिलाफ न्यायालय से 12 अप्रैल 2012 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।
दोनों के खिलाफ आरोप है कि रांची के तत्कालीन उपायुक्त के समक्ष जाली हस्ताक्षर कर मार्च 2006 से 2009 के बीच एथलेटिक्स प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के नाम पर एक लाख 39 हजार 375 रुपये की निकासी की। जबकि प्रशिक्षण शिविर आयोजित ही नहीं की गई थी। जांच के दौरान पता चला कि जिन एथलिटों को प्रशिक्षण देने की बात कही गई थी।
उन्होंने प्रशिक्षण मिलने से इन्कार कर दिया था। एथलिटों ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर लगाया ही नहीं गया था। किसी एथलीट को प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। मामले को लेकर रांची के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।