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निर्माण श्रमिकों की असमय दुर्घटना मृत्यु पर पांच लाख

रांची : झारखंड सरकार ने निर्माण क्षेत्र के मजदूरों की असमय दुर्घटना पर मृत्यु पर उन्हें देय ला

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Sep 2017 01:36 AM (IST)Updated: Sun, 10 Sep 2017 01:36 AM (IST)
निर्माण श्रमिकों की असमय दुर्घटना मृत्यु पर पांच लाख
निर्माण श्रमिकों की असमय दुर्घटना मृत्यु पर पांच लाख

रांची : झारखंड सरकार ने निर्माण क्षेत्र के मजदूरों की असमय दुर्घटना पर मृत्यु पर उन्हें देय लाभ को 75 हजार रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया है। वहीं, सामान्य मृत्यु पर देय लाभ को 30 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। शनिवार को राज्य सरकार के एक हजार दिन के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाने के क्रम में श्रम मंत्री राज पलिवार ने मीडिया को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य हैं जिसने निर्माण क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों के हितों के लिए इतना बढ़ा कदम उठाया है।

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राज पलिवार ने कहा कि राज्य सरकार ने श्रमिकों और औद्योगिक हितों में कई ऐसे कदमों को उठाया है जिनकी सराहना राष्ट्रीय स्तर पर की जा रही है। कहा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत सरकार तथा विश्व बैंक के सर्वेक्षण में श्रम से संबंधित प्रावधानों के अनुपालन में सौ फीसद उपलब्धि के साथ झारखंड ने लगातार दूसरे वर्ष पहला स्थान हासिल किया है। सरकार ने निर्माण श्रमिकों की न्यूनतम पेंशन राशि को 500 रुपये से बढ़ाकर 750 रुपये किया है। कुल 256580 श्रमिकों को आम आदमी बीमा योजना से जोड़ा गया। विशेष अभियान के माध्यम से 12.90 लाख श्रमिकों का बैंक खाता खुलवाया गया। न्यूनतम मजदूरी की चर्चा करते हुए कहा कि न्यूनतम मजदूरी दर को अगस्त 2015 में पुनरीक्षित करते हुए इसे 178 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 210 रुपये प्रतिदिन किया गया है। वहीं, परिवर्तनशील महंगाई भत्ते की दर को भी बढ़ाया गया है। इसका लाभ राज्य के लाखों मजदूरों को मिलेगा। मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने छह लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों तथा 4.50 लाख असंगठित कर्मकारों का निबंधन कराया है। कहा, बाल श्रम की कुरीतियों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाकर अब तक 452 बाल श्रमिकों को विमुक्तकराया गया और 258 दोषी नियोजकों के विरुद्ध अभियोजन दायर किया गया। कारखाना अधिनियम के अंतर्गत अनुज्ञप्ति को एक वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष तक किया गया है। वहीं, श्रम कानूनों को लचीला करते हुए 10 से कम श्रमिक नियोजित करने वाले प्रतिष्ठानों को दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के अंतर्गत निबंधन से छूट दी गई है। स्टार्ट अप को पांच वर्ष के लिए निरीक्षण से छूट के साथ-साथ उन्हें सेल्फ एसेसमेंट की सुविधा दी गई है।

कांके में खुलेगा एटीआइ

रांची के कांके ब्लॉक में अनुदेशकों के प्रशिक्षण के लिए एक एडवांस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एटीआइ) की स्थापना की जाएगी। इंस्टीट्यूट की स्थापना के लिए भारत सरकार को भूमि उपलब्ध कराई गई है। जिस पर भारत सरकार द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इसकी स्थापना से राज्य के आइटीआइ को अच्छे शिक्षक मिल सकेंगे। राज्य में पहली बार राज्य व्यवसायिक प्रशिक्षण पर्षद (एससीवीटी) का गठन किया गया है।

श्रम विभाग की महत्वपूर्ण उपलब्धियां

- राज्य में पहली बार मोबाइल टावर इत्यादि के संचालन कार्य तथा विक्रय प्रोत्साहन कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर निर्धारित की गई है।

-पहली बार झारखंड राज्य में सरकारी कार्यालयों, उपक्रमों, बोर्डो तथा स्थायी निकायों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर निर्धारित की।

-6273 श्रमिकों के पक्ष में न्यूनतम मजदूरी का दावा पत्र दाखिल किया गया।

-बोनस भुगतान अधिनियम के तहत वर्ष 2015-16 में श्रमिकों को 133 करोड़ से अधिक और वर्ष 2016-17 में श्रमिकों को 127 करोड़ से अधिक का भुगतान कराया गया।

-निरीक्षण के 24 घंटे के अंदर ऑनलाइन नोटिस एवं ऑनलाइन अनुपालन की सुविधा।

-निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए रोजगार मेले का आयोजन कर औसतन 23016 युवक-युवतियों को रोजगार से जोड़ा गया।

- विगत तीन वर्ष में 41 नए सरकारी आइटीआइ का संचालन शुरू किया गया है। अब इनकी कुल संख्या 68 हो गई है। यहां सीटों की संख्या भी अब बढ़कर 12881 हो गई है।

- आइटीआइ में नामांकन के लिए प्रतियोगिता परीक्षा को समाप्त करते हुए प्राप्तांक के आधार पर नामांकन की सुविधा शुरू की गई है।

- कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम के तहत योजना व्याप्त जिलों की संख्या 9 से बढ़ाकर 24 की गई है। इसके फलस्वरूप बीमाकृत श्रमिकों की संख्या 2.62 लाख से बढ़कर 3.45 लाख हो गई है।

- संताल परगना के देवघर जिला में कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा 100 बेड वाले अस्पताल की जा रही है।


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