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फर्जी अंक पत्र की रिपोर्ट को कर दिया असली, ऐसे खुला राज

रिपोर्ट में रिमार्क के स्थान पर फेक दर्ज किया गया। इसे लेकर विवि प्रशासन ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 26 May 2017 04:03 PM (IST)Updated: Fri, 26 May 2017 04:03 PM (IST)
फर्जी अंक पत्र की रिपोर्ट को कर दिया असली, ऐसे खुला राज
फर्जी अंक पत्र की रिपोर्ट को कर दिया असली, ऐसे खुला राज

जागरण संवाददाता, रांची। रांची विश्वविद्यालय में फर्जी अंक पत्र की रिपोर्ट को असली करने का मामला प्रकाश में आया है। रीमा कुमारी का अंक प्रमाण पत्र वेरीफिकेशन के लिए विवि में गिरिडीह से पिछले दिनों आया था। वेरीफिकेशन व जांच के क्रम में कर्मचारियों व अधिकारियों ने प्रवेश पत्र व अंक प्रमाण पत्र को फर्जी पाया है। मामला सामने आने पर विवि के परीक्षा विभाग की ओर से प्रमाणपत्रों की जांच का प्रतिवेदन गिरिडीह भेज दिया गया।

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रिपोर्ट में रिमार्क के स्थान पर फेक दर्ज किया गया। इसे लेकर विवि प्रशासन ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है। इसमें विवि प्रशासन ने आरोप लगाया है कि रीमा कुमारी ने जालसाजी कर विवि की छवि को धूमिल करने की कोशिश की है। प्राथमिकी के पूर्व एनएसयूआइ के सदस्यों ने कुलपति का घेराव कर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी। घेराव कार्यक्रम में इंद्रजीत सिंह, चिंटू चौरसिया, प्रसन्नजीत सिंह, आकाश कुमार, अमन आदि थे।

सखी के पद पर नियुक्ति के लिए दिया था आवेदन

रीमा कुमारी पर फर्जीवाड़ा के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। उसने गिरिडीह जिले के सरिया प्रखंड में आंगनबाड़ी में सखी के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन दिया था। उसके पिता का नाम भीम यादव है। इसमें रांची विवि से स्नातक पास दिखाया गया था। इसे लेकर अंकपत्र भी व प्रवेशपत्र भी दिया था, जो फर्जी पाया गया। विवि प्रशासन ने गिरिडीह के बाल विकास विकास परियोजना कार्यालय को भी रिपोर्ट भेज दी है।

इधर, गिरिडीह के सरिया प्रखंड के एसडीपीओ कार्यालय को रीमा कुमारी से संबंधित दो जांच रिपोर्ट प्राप्त हुआ था। एक रिपोर्ट में फेक लिखा था, जबकि दूसरी में 520 अंक के साथ स्नातक प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण बताया गया था। इस रिपोर्ट के आधार पर मामला सामने आया।

विश्वविद्यालय की गरिमा को पहुंची ठेस  

रीमा कुमारी नामक छात्र के अंक पत्र व प्रवेशपत्र फर्जी पाए जाने को लेकर विश्वविद्यालय की गरिमा को ठेस पहुंची है। छवि धूमिल हुई है। धोखाधड़ी व फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराना जरूरी था। रीमा कुमारी के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है।

- डॉ. दिवाकर मिंज, प्रॉक्टर, रांची विश्वविद्यालय।

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