विस स्पीकर की कोशिशों के बाद भी सदन में गतिरोध जारी रहा
स्पीकर दिनेश उरांव और सरकार की कोशिशों के बाद भी बुधवार को सदन में गतिरोध जारी रहा। स्पीकर दिनेश उरांव ने भी सदन की स्थापित परंपरा तोडऩे पर विधायकों को डांट लगाई।
राज्य ब्यूरो , रांची। स्पीकर दिनेश उरांव और सरकार की कोशिशों के बाद भी बुधवार को सदन में गतिरोध जारी रहा। कार्यवाही शुरू होने के आधा घंटा पूर्व स्पीकर ने सर्वदलीय बैठक की। समाधान निकालने के लिए सरकार और स्पीकर की तरफ से कई मुद्दों पर बहस कराने का सुझाव दिया गया। इसके बाद भी विपक्ष के नेता संतुष्ट नहीं हुए। जिसका असर सदन की कार्यवाही पर पड़ा।
कार्यस्थगन प्रस्ताव अमान्य होने पर भी जेवीएम के प्रदीप यादव अपनी बात रखने लगे। जिसपर संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने आपत्ति जताई। उन्होंने इसे गलत परंपरा करार दिया। स्पीकर दिनेश उरांव ने भी सदन की स्थापित परंपरा तोडऩे पर विधायकों को डांट लगाई।
उन्होंने कहा कि इस बार नई परिपाटी शुरू हुई है। ऐसा कर हम जनता के साथ न्याय नहीं कर रहे हैं। इस तरह की स्थिति में प्रश्नकाल बाधित होगा। इसके बाद भी विपक्ष के नेता के तेवर कम नहीं हुए।
हेमंत सोरेन ने स्पीकर से पूछा कि क्या हम पुल पुलिया और बजट पास करने के लिए हैं। चोरी छिपे सीएनटी में संशोधन हो रहा है। अफसर बेलगाम हो गए हैं। इस सवाल पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। इसके बाद कांग्रेस के इरफान अंसारी और निर्मला देवी वेल में आ गए।
झामुमो विधायक अपनी-अपनी सीट पर खड़े होकर हंगामा करने लगे। हंगामा को देखकर सदन की कार्यवाही साढ़े बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही भाजपा विधायक विरंची नारायण, अमित मंडल, राज सिन्हा, संजीव सिंह आदि ने विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन को गुलाब का फूल दिया। विधायकों ने सदन चलाने में मदद करने का अनुरोध किया। इस गांधीगीरी का कोई असर विपक्षी विधायकों पर नहीं हुआ। कई विधायकों के वेल में आने और हंगामे की वजह से स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
गला दबाकर निर्णय नहीं बदला जा सकता : सरयू
सदन में जारी गतिरोध के लिए सरकार ने पूरी जिम्मेदारी विपक्ष पर डाली है। संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने कहा कि स्पीकर को चुनौती देकर सदन नहीं चल सकता है। कोई गला दबाकर सरकार को निर्णय बदलने पर मजबूर नहीं कर सकता है। सरकार ने सही फैसला लिया है। हम इसपर बहस के लिए तैयार हैं। नेता प्रतिपक्ष सरकार के कंधे पर सवार होकर झुकाना चाहते हैं। सरकार को अपनी सीमा और अधिकार पता है।
राज्य को आग में धकेल रही है सरकार : हेमंत
विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया है कि सरकार गोलमटोल जवाब देकर विपक्ष को उग्र करने की कोशिश कर रही है। सरकार के पास बहुमत है तो बहस से क्यों बच रही है। गुंडागर्दी हो रही है। जिस मुद्दे से राज्य के 80 प्रतिशत लोग प्रभावित हो रहे हैं उसपर सरकार चर्चा नहीं कराना चाहती है। राज्य को आग में धकेला जा रहा है। सदन खैरात बांटने के लिए नहीं है। यहां नेता प्रतिपक्ष तक का एफआईआर दर्ज नहीं किया जा रहा।