बिल्डरों को कुल निर्मित इकाइयों का 35 फीसद हिस्सा देना होगा गरीबों को
विभाग ने इस बाबत स्थानीय शहरी निकायों को पत्र भेजकर 3000 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल पर प्रस्तावित स्वीकृत भवन प्लान की सूची तलब की है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के शहरों में पांच एकड़ से अधिक भूमि पर आवासीय कॉलोनी विकसित करने की कोशिश कर रहे ग्रुप हाउसिंग निर्माताओं पर सरकार की नजर है। ऐसे निर्माताओं को कुल क्षेत्रफल का 15 फीसद अथवा कुल निर्मित इकाइयों का 35 फीसद हिस्सा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सुरक्षित रखना होगा। एक इकाई का क्षेत्रफल 30 वर्गमीटर होगा।
पिछले वर्ष पांच अप्रैल को अधिसूचित झारखंड बिल्डिंग बायलाज में निहित इस प्रावधान का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ विभाग सख्ती से पेश आएगा। विभाग ने इस बाबत राज्य के सभी स्थानीय शहरी निकायों को पत्र भेजकर 3000 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल पर प्रस्तावित स्वीकृत भवन प्लान की सूची तलब की है। इस दायरे में रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) तथा माइनिंग एरिया डेवलपमेंट अथारिटी (माडा) भी आएगा। शहरी निकायों को पांच मई तक हर हाल में सूची उपलब्ध कराने को कहा गया है, जिसमें भवन प्लान की प्रतिलिपि, बिल्डर का नाम, 3000 वर्गमीटर से पांच एकड़, पांच एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले प्लाट तथा बिल्डिंग बायलाज के अनुरूप कमजोर तबके के लिए किए गए प्रावधान का पूरा ब्योरा देने का निर्देश दिया गया है।
पांच किलोमीटर की परिधि में बसा सकेंगे कालोनी
नगर निगम क्षेत्र में कालोनियां विकसित करने वाले बिल्डरों को यह छूट होगी कि वह कमजोर आय वर्ग के लिए उसी स्थल पर आवास मुहैया कराए अथवा पांच किलोमीटर की परिधि में उनके लिए आशियाना बनाएं। संबंधित वर्ग के लिए चाहे जहां भी आवास बनाया जाए, पार्क, सड़क, बिजली, पानी जैसी सुविधाएं मुहैया कराना बिल्डर की जवाबदेही होगी। अन्य शहरी निकायों में कालोनी विकसित करने की यह परिधि दो किलोमीटर होगी। इससे इतर किसी ग्राम पंचायत का ऐसा हिस्सा जो किसी शहरी क्षेत्र के मास्टर प्लान में आता हो, कमजोर तबके के लिए वहीं आवास बनाना होगा।
मानगो, जुगसलाई व जमशेदपुर के लिए प्रति वर्गमीटर 13 हजार रुपये
रांची/जमशेदपुर। 3000 वर्गमीटर से पांच एकड़ क्षेत्रफल में कालोनियां बसाने वाले बिल्डरों को एक निर्धारित शुल्क देना होगा। यह शुल्क कुल क्षेत्रफल के 20 फीसद हिस्से पर देय होगा। नगर निगम के अलावा मानगो, जुगसलाई और जमशेदपुर के लिए यह शुल्क प्रति वर्गमीटर 13 हजार रुपये होगा। अन्य स्थानीय शहरी निकायों में कालोनी विकसित करने की चाह रखने वाले बिल्डरों को 11 हजार रुपये, जबकि क्षेत्रीय विकास प्राधिकार के दायरे में आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह शुल्क प्रति वर्गमीटर आठ हजार रुपये देय होगा। इस राशि से आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए बनने वाली कालोनियों में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण पर खर्च होगी।
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