नैक से मान्यता लेने में फिसड्डी रह गए झारखंड के कॉलेज
झारखंड के विश्वविद्यालय और कॉलेज विभिन्न मापदंडों में अन्य राज्यों से काफी पीछे हैं। नैक से एक्रीडिएशन (मान्यता) लेने में भी ये फिसड्डी हैं।
रांची। झारखंड के विश्वविद्यालय और कॉलेज विभिन्न मापदंडों में अन्य राज्यों से काफी पीछे हैं। नैक से एक्रीडिएशन (मान्यता) लेने में भी ये फिसड्डी हैं। यहां के शैक्षणिक संस्थानों में सुविधाओं और शिक्षकों की उपलब्धता तथा वहां दी जा रही गुणवत्तापूर्ण स्थिति का इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। स्थिति यह है कि वर्तमान में राज्य के मात्र एक विश्वविद्यालय तथा सोलह कॉलेजों को ही यह अर्हता प्राप्त है।
नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडिएशन कौंसिल (नैक) द्वारा 29 मार्च को एक्रीडिएशन प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थानों की जारी सूची में झारखंड से मात्र विनोबा भावे विश्वविद्यालय के अलावा सोलह कॉलेज ही शामिल हैं। दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में उक्त अर्हता रखने वाले कॉलेजों की भरमार है। उच्च तथा तकनीकी शिक्षा विभाग व श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में हाल ही में 'नैक एक्रीडिएशन तथा विश्वविद्यालयों के डिजिटलाइजेशन ' विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में इसे लेकर चिंता प्रकट की गई। इधर, उच्च तथा तकनीकी शिक्षा विभाग के बार-बार निर्देश के बावजूद सरकारी विश्वविद्यालय तथा कॉलेज इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने में कोताही बरत रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में नेशनल इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क के तहत जारी 'इंडिया रैंकिंग-2016 ' में झारखंड का एक भी विश्वविद्यालय नहीं है। इसमें देश के टॉप सौ विश्वविद्यालयों, इतने ही इंजीनियङ्क्षरग कॉलेजों तथा 50-50 मैनेजमेंट व फार्मेसी संस्थानों की रैंकिंग की गई है। इस रैंकिंग में राज्य सरकार का अपना एक भी उच्च व तकनीकी शिक्षा संस्थान स्थान नहीं बना पाया। अलबत्ता आइआइएम-रांची, बीआइटी मेसरा, एक्सएलआरआइ तथा एनआइटी-जमशेदपुर अपनी-अपनी फैकल्टी में स्थान पाने में सफल रहे।
अनुदान से हो सकते हैं वंचित
नैक से एक्रीडिएशन नहीं लेने पर विश्वविद्यालय व कॉलेज यूजीसी से अनुदान लेने से वंचित होते रहे हैं। इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी नहीं करने पर राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत मिलने वाले अनुदान से भी ये वंचित होते हैं। नैक एक्रीडिएशन के लिए पहल नहीं करने के कारण ही पिछले वर्ष नीलांबर-पीतांबर तथा सिद्धो-कान्हू विश्वविद्यालय को 20-20 करोड़ से वंचित होना पड़ा था।
क्या है एक्रीडिएशन का लाभ
-विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को अनुदान।
-अपनी कमियों को पहचानने तथा उन्हें दूर करने का अवसर।
-एक्रीडिएशन प्राप्त संस्थानों से शिक्षा लेने से छात्रों को भी लाभ।
कहां कितने कालेजों को नैक मान्यता
राज्य विवि कालेज
महाराष्ट्र 24 720
तमिलनाडू 35 497
कर्नाटक 15 411
उत्तर प्रदेश 17 377
हरियाणा 06 193
आंध्र प्रदेश 05 159
गुजरात 07 177
केरल 04 135
राजस्थान 09 127
पंजाब 04 124
मध्य प्रदेश 08 118
तेलंगाना 04 112
बिहार 03 45
झारखंड 01 16
राज्य के इन कालेजों को प्राप्त है एक्रीडिएशन
विश्वविद्यालय
- विनोबा भावे विश्वविद्यालय
कॉलेज
- देवघर कॉलेज-देवघर
-डिपार्टमेंट आफ एजुकेशन, जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज-जमशेदपुर
- डिपार्टमेंट आफ एजुकेशन, संत जेवियर कालेज-रांची
- देव संघ इंस्टीच्यूट आफ प्रोफेशनल स्टडीज एंड एजुकेशन रिसर्च-देवघर
- गुरुनानक कॉलेज, धनबाद
- जेएम कॉलेज भुरकुंडा, रामगढ़
- जमशेदपुर वीमेंस कालेज, जमशेदपुर
- करीम सिटी कॉलेज, साकची, जमशेदपुर
- मनराखन महतो बीएड कालेज, रांची
- मारवाड़ी कॉलेज, रांची
- निर्मला कॉलेज, रांची
- पीके राय मेमोरियल कॉलेज, सरायढेला, धनबाद
- राजा शिव प्रसाद कॉलेज, झरिया
- रामगढ़ कॉलेज, रामगढ़
- रांची कॉलेज, रांची
- एसएसएलएनटी महिला कॉलेज, धनबाद
- संत जेवियर कॉलेज, रांची
- उर्सलाइन वुमेन्स टीचर ट्रेनिंग कालेज, लोहरदगा।