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नैक से मान्यता लेने में फिसड्डी रह गए झारखंड के कॉलेज

झारखंड के विश्वविद्यालय और कॉलेज विभिन्न मापदंडों में अन्य राज्यों से काफी पीछे हैं। नैक से एक्रीडिएशन (मान्यता) लेने में भी ये फिसड्डी हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 06 May 2016 04:42 AM (IST)Updated: Fri, 06 May 2016 04:51 AM (IST)
नैक से मान्यता लेने में फिसड्डी रह गए झारखंड के कॉलेज

रांची। झारखंड के विश्वविद्यालय और कॉलेज विभिन्न मापदंडों में अन्य राज्यों से काफी पीछे हैं। नैक से एक्रीडिएशन (मान्यता) लेने में भी ये फिसड्डी हैं। यहां के शैक्षणिक संस्थानों में सुविधाओं और शिक्षकों की उपलब्धता तथा वहां दी जा रही गुणवत्तापूर्ण स्थिति का इससे अंदाजा लगाया जा सकता है। स्थिति यह है कि वर्तमान में राज्य के मात्र एक विश्वविद्यालय तथा सोलह कॉलेजों को ही यह अर्हता प्राप्त है।

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नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडिएशन कौंसिल (नैक) द्वारा 29 मार्च को एक्रीडिएशन प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थानों की जारी सूची में झारखंड से मात्र विनोबा भावे विश्वविद्यालय के अलावा सोलह कॉलेज ही शामिल हैं। दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में उक्त अर्हता रखने वाले कॉलेजों की भरमार है। उच्च तथा तकनीकी शिक्षा विभाग व श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में हाल ही में 'नैक एक्रीडिएशन तथा विश्वविद्यालयों के डिजिटलाइजेशन ' विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में इसे लेकर चिंता प्रकट की गई। इधर, उच्च तथा तकनीकी शिक्षा विभाग के बार-बार निर्देश के बावजूद सरकारी विश्वविद्यालय तथा कॉलेज इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने में कोताही बरत रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में नेशनल इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क के तहत जारी 'इंडिया रैंकिंग-2016 ' में झारखंड का एक भी विश्वविद्यालय नहीं है। इसमें देश के टॉप सौ विश्वविद्यालयों, इतने ही इंजीनियङ्क्षरग कॉलेजों तथा 50-50 मैनेजमेंट व फार्मेसी संस्थानों की रैंकिंग की गई है। इस रैंकिंग में राज्य सरकार का अपना एक भी उच्च व तकनीकी शिक्षा संस्थान स्थान नहीं बना पाया। अलबत्ता आइआइएम-रांची, बीआइटी मेसरा, एक्सएलआरआइ तथा एनआइटी-जमशेदपुर अपनी-अपनी फैकल्टी में स्थान पाने में सफल रहे।

अनुदान से हो सकते हैं वंचित

नैक से एक्रीडिएशन नहीं लेने पर विश्वविद्यालय व कॉलेज यूजीसी से अनुदान लेने से वंचित होते रहे हैं। इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी नहीं करने पर राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत मिलने वाले अनुदान से भी ये वंचित होते हैं। नैक एक्रीडिएशन के लिए पहल नहीं करने के कारण ही पिछले वर्ष नीलांबर-पीतांबर तथा सिद्धो-कान्हू विश्वविद्यालय को 20-20 करोड़ से वंचित होना पड़ा था।

क्या है एक्रीडिएशन का लाभ

-विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को अनुदान।

-अपनी कमियों को पहचानने तथा उन्हें दूर करने का अवसर।

-एक्रीडिएशन प्राप्त संस्थानों से शिक्षा लेने से छात्रों को भी लाभ।

कहां कितने कालेजों को नैक मान्यता

राज्य विवि कालेज

महाराष्ट्र 24 720

तमिलनाडू 35 497

कर्नाटक 15 411

उत्तर प्रदेश 17 377

हरियाणा 06 193

आंध्र प्रदेश 05 159

गुजरात 07 177

केरल 04 135

राजस्थान 09 127

पंजाब 04 124

मध्य प्रदेश 08 118

तेलंगाना 04 112

बिहार 03 45

झारखंड 01 16

राज्य के इन कालेजों को प्राप्त है एक्रीडिएशन

विश्वविद्यालय

- विनोबा भावे विश्वविद्यालय

कॉलेज

- देवघर कॉलेज-देवघर

-डिपार्टमेंट आफ एजुकेशन, जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज-जमशेदपुर

- डिपार्टमेंट आफ एजुकेशन, संत जेवियर कालेज-रांची

- देव संघ इंस्टीच्यूट आफ प्रोफेशनल स्टडीज एंड एजुकेशन रिसर्च-देवघर

- गुरुनानक कॉलेज, धनबाद

- जेएम कॉलेज भुरकुंडा, रामगढ़

- जमशेदपुर वीमेंस कालेज, जमशेदपुर

- करीम सिटी कॉलेज, साकची, जमशेदपुर

- मनराखन महतो बीएड कालेज, रांची

- मारवाड़ी कॉलेज, रांची

- निर्मला कॉलेज, रांची

- पीके राय मेमोरियल कॉलेज, सरायढेला, धनबाद

- राजा शिव प्रसाद कॉलेज, झरिया

- रामगढ़ कॉलेज, रामगढ़

- रांची कॉलेज, रांची

- एसएसएलएनटी महिला कॉलेज, धनबाद

- संत जेवियर कॉलेज, रांची

- उर्सलाइन वुमेन्स टीचर ट्रेनिंग कालेज, लोहरदगा।


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