महिला को मारकर गढ़ी आत्महत्या की कहानी, सास-देवर गिरफ्तार
महिला की हत्या के मामले में डोरंडा पुलिस ने सास और देवर को गिरफ्तार कर लिया है।
दिलीप कुमार, रांची। जिस बेटी की आत्महत्या की खबर सुनकर पिता की सदमे में मौत हो गई थी, दरअसल उसकी हत्या करने के बाद ससुरालवालों ने आत्महत्या की कहानी रची थी। पोस्टमार्टम के बाद पिता ने इस तरह की आशंका जाहिर करते हुए प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पिता की आशंकाएं सही साबित हुई हैं।
हम बात कर रहे हैं डोरंडा के चमनिया मैदान के नजदीक रहमत कॉलोनी में विवाहिता शाइस्ता हशमत (24) की बुधवार को हुई मौत की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कॉपी शनिवार को रांची पुलिस को मिल गई है। इससे हत्या की पुष्टि होने के बाद एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने आरोपियों की गिरफ्तारी का आदेश दे दिया है। हत्यारों ने पहले उसके सिर पर ठोस वस्तु से प्रहार किया और इसके बाद कपड़े से उसका गला घोंट दिया।
इस केस में डोरंडा पुलिस ने सास और देवर को गिरफ्तार कर लिया है।
घटना के दूसरे दिन यानी गुरुवार की शाम शाइस्ता के मायके बिहार के मुंगेर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के शाह जुबैर रोड निवासी पिता मोहम्मद हशमत अली ओला ने ससुरालवालों के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। दर्ज प्राथमिकी के बाद बेटी का शव देखकर सदमे में पिता को हॉर्ट अटैक हो गया था। मरने से पूर्व उन्होंने पुत्री शाइस्ता की हत्या का आरोप उसके ससुर अहमद हुसैन (सेवानिवृत्त एडीएम), सास शाहीना व देवर अन दलीब पर लगाया था। उन्होंने पति अफताब अहमद पर भी प्रताड़ना का आरोप लगाया था। बताया था कि 15 लाख रुपये दहेज नहीं देने पर उनकी बेटी शाइस्ता की हत्या कर दी गई।
शव को लेकर पटना चला गया था भाई
शाइस्ता के भाई अबु सालेह नासिर ने भी शाइस्ता की मौत को हत्या बताते हुए उसके ससुरालवालों पर आरोप लगाया था। इसके बाद बहन व पिता के शव को लेकर वह रांची से पटना चला गया था, जहां फुलवारी स्थित कब्रिस्तान में पिता-पुत्री के शव को सुपुर्द-ए-खाक किया गया था।
भाई ने बताया था कि घटना के बाद जब उसने मृतका के ससुराल के लोगों से पूछताछ की थी तो उसे बताया गया था कि घर के सभी लोग बाजार के लिए शाम करीब साढ़े सात बजे निकले थे। शाइस्ता घर में अकेली थी। जब वे लोग रात करीब साढ़े ग्यारह बजे घर पहुंचे तो वह अपने कमरे में पंखे से दुपट्टे के सहारे फांसी लगा ली थी। भाई ने आशंका जताई थी कि हत्या की इस घटना को खुदकुशी का रूप दिया जा रहा है।
27 दिसंबर, 2015 को हुई थी शाइस्ता की शादी
डोरंडा थाने में शाइस्ता हशमत (24) की हत्या की प्राथमिकी में बताया गया है कि 27 दिसंबर 2015 को उसकी शादी हुई थी। पिता के अनुसार शादी के समय उन्होंने सामर्थ के अनुसार दहेज व उपहार के रूप में नकदी, सोना व चांदी के जेवरात, कपड़े व फर्नीचर आदि दिए। ससुराल जाने के कुछ दिन बाद ही दामाद अफताब अहमद, समधी अहमद हुसैन (सेवानिवृत्त एडीएम), समधन शाहीना व उनके छोटे बेटे अन दलीब उनकी पुत्री (शाइस्ता) से गाली-गलौज करते थे और प्रताड़ित करते थे।
बेटी रोती रहती थी और इसकी जानकारी देती रहती थी। वह बताती थी कि ससुराल के लोग कहते हैं कि उन्हें रांची में 32 लाख रुपये में फ्लैट लेना है, जिसके लिए वे 15 लाख रुपये मायके से लाने के लिए दबाव बना रहे हैं। इसमें उसका पति भी अपने घरवालों के साथ देता था।