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बड़े साहब के बंगले पर जिला प्रशासन का कब्जा

नेतरहाट विद्यालय की संपलिा पर लातेहार जिला प्रशासन ने कब्जा कर लिया है। मामला बिहार ओडिशा के राज्यपाल के अस्थायी निवास के रूप मे प्रसिद्ध शैले हाउस का है।

By Edited By: Published: Mon, 11 Apr 2016 01:34 AM (IST)Updated: Mon, 11 Apr 2016 02:22 AM (IST)
बड़े साहब के बंगले पर जिला प्रशासन का कब्जा

अमन कुमार, रांची : नेतरहाट विद्यालय की संपलिा पर लातेहार जिला प्रशासन ने कब्जा कर लिया है। मामला बिहार ओडिशा के राज्यपाल के अस्थायी निवास के रूप मे प्रसिद्ध शैले हाउस का है। यह भवन पिछले बारह साल से लातेहार जिला प्रशासन के कब्जे मे है। आश्चर्य की बात है कि इसे राजस्व अभिलेख मे भारत सरकार का बताया जा रहा है। जबकि बिहार सरकार ने 1953 मे इसे नेतरहाट विद्यालय को देने का फैसला किया था। इस बात के सबूत बिहार सरकार के कैबिनेट संलेख मे दर्ज है। करीब पचास साल तक इस भवन पर विद्यालय का स्वामित्व रहा है। साल 2004 मे लातेहार के तत्कालीन उपायुक्त ने मरम्मत के नाम पर इसे लिया था। जिसे बाद मे लातेहार उपायुक्त का कैप कार्यालय घोषित कर दिया गया। जबकि जिला प्रशासन के कामकाज के लिए नेतरहाट मे कई और बंगला मौजूद है।

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भू-राजस्व विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव ज्योति भ्रमर तुबिद ने जिला प्रशासन की इस कार्रवाई पर आपलिा जताई थी। उन्होने 15 दिन के अंदर इसे वापस करने का आदेश दिया था। तुबिद ने लातेहार के उपायुक्त को कहा था कि इस भवन को बिहार मंत्रिपरिषद ने नेतरहाट विद्यालय को देने का फैसला किया था इसलिए जिला प्रशासन का इस पर कब्जा अनुचित है।

भू राजस्व विभाग के प्रधान सचिव के अलावा पलामू प्रमंडल के तत्कालीन आयुक्त एनके मिश्रा ने अक्टूबर 2014 मे इस भवन पर कब्जा छोड़ने का आदेश दिया था। पूर्व मानव संसाधन मंत्री गीताश्री उरांव के निर्देश पर नेतरहाट विद्यालय समिति भी इस भवन को वापस करने का अनुरोध कर चुका है। इन तमाम निर्देश और अनुरोध का असर लातेहार जिला प्रशासन पर नही पड़ रहा है। जिसके विरोध मे नेतरहाट पूववर्ती छात्र सगंठन (नोबा) ने राज्य के मुख्य सचिव राजबाला वर्मा से गुहार लगाई है। नोबा रांची के अध्यक्ष प्रयाग दुबे ने मुख्य सचिव से शैले के हस्तांतरण की मांग की है। उन्होने मुख्य सचिव को पूरे मामले की जानकारी विस्तार से दी है।

एतिहासिक है यह भवन

संयुक्त बिहार के राज्यपाल रहे एडवर्ड अल्बर्ट गेट ने काष्ट निर्मित इस भवन का निर्माण रांची स्थित राजभवन से पहले करवाया था। बिहार के राज्यपाल गर्मी के मौसम मे नेतरहाट मे इसी भवन मे रहते थे। देश की आजादी के बाद यह संपलिा बिहार सरकार की हो गई। राज्य सरकार ने इसे नेतरहाट विद्यालय की स्थापना भवन के तौर पर हस्तांतरित कर दिया। जिसमे करीब तीन साल विद्यालय चला। कई वर्ष तक इसका इस्तेमाल प्राचार्य निवास के रूप मे किया गया।

हेरिटेज भवन का दुरुपयोग

शैले हाउस नेतरहाट विद्यालय का स्थापना भवन है। इस लिहाज से विद्यालय परिवार इस भवन का जल्द हस्तांतरण चाहता है। वही लातेहार जिला प्रशासन बगैर सरकार की अनुमति के इसकी मरम्मत पर्यटन विभाग से कराकर इसे होटल की शक्ल देना चाहता है। तत्कालीन प्रधान सचिव भू राजस्व विभाग ने इसे गंभीरता से लिया था। उन्होने पठन पाठन वाले जगह पर पर्यटको के ठहराव पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।


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