विकास विरोधी ताकतें जनजातीय समाज में पैदा कर रहीं भ्रम : मुख्यमंत्री
कुछ विकास विरोधी ताकतें जनजातीय समाज के बीच भ्रम व संशय की स्थिति पैदा कर राज्य का विकास रोकना चाहती हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। जनजातीय समाज को लेकर विपक्ष से चल रहे सीधे टकराव के बीच मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि कुछ विकास विरोधी ताकतें जनजातीय समाज के बीच भ्रम व संशय की स्थिति पैदा कर राज्य का विकास रोकना चाहती हैं। शनिवार को भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की बैठक में उन्होंने प्रदेश पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों को इस भ्रम की स्थिति दूर करने और विकास का मार्ग प्रशस्त करने का टास्क सौंपा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी झारखंड के जनजातीय समाज के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। गांवों में सुविधाएं नहीं पहुंच सकीं हैं। उन्होंने कहा कि इन्हें दूर करने को सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। केंद्र व राज्य की सरकार की अधिकांश योजनाएं इसी समाज के लिए बन रहीं हैं। मोर्चा कार्यकर्ताओं की भूमिका इन योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने की है। मोर्चा कार्यकर्ता गांव की जनता को बिचौलियों से मुक्तकराकर योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाएं। दास ने जनजाति समाज की संस्कृति से खिलवाड़ करने वाली ताकतों से भी समाज को सचेत और जागृत करने का मोर्चा से आग्रह किया।
मोर्चा अध्यक्ष रामकुमार पाहन ने कहा कि झारखंड का जनजातीय समाज अपने हक और संस्कृति के हक और सुरक्षा के लिए जागरूक है। मोर्चा के माध्यम से भाजपा की नीतियां और कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है।
बैठक में विधायक हरेकृष्ण सिंह, गंगोत्री कुजूर, मेनका सरदार के अलावा कमलेश उरांव, सुनील फकीरा, अशोक बड़ाइक, अशेष बारला, नकुल तिर्की, शोभा सामंत, लखन मार्डी, बिंदेश्वर उरांव, प्रेम सागर मुंडा, अनु लकड़ा, मोहन सिंह सहित सभी जिलों के अध्यक्ष व महामंत्री उपस्थित थे।
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धर्मांतरण पर रोक का प्रस्ताव पारित
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की बैठक में धर्मांतरण पर रोक और सरना बिल कोड लागू करने पर चर्चा करते हुए इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। मोर्चा इस बैठक में पारित इस प्रस्ताव की प्रति मुख्यमंत्री को सौंप इसे राज्य में कड़ाई से लागू करने का अनुरोध करेगा। बैठक में मोर्चा का अगला प्रमंडलीय सम्मेलन कोल्हान में आयोजित करने की सहमति बनी। यह सम्मेलन 10 मई को होगा। जगह का चुनाव कुछ दिन बाद किया जाएगा।